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दिल्ली

बवाना की 2 अनाधिकृत कॉलोनियों और 1 गांव में बिछाई जाएगी सीवर लाइन, 20 हजार लोगों को होगा फायदा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार, दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और 2025 तक यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी के तहत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बवाना की 2 अनधिकृत कॉलोनियों और 1 गांव ( जाट खोर) में 14 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने और 4824 घरों को मुफ्त सीवर कनेक्शन देने की परियोजना को मंजूरी दी है। साथ ही 1 एमएलडी क्षमता वाले डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 3 एमएलडी क्षमता वाले सीवर पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा। 68 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से करीब 20 हजार लोगों को फायदा होगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीजेबी के अधिकारियों को परियोजना को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और समय सीमा के अंदर गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हम यमुना को स्वच्छ बनाने और बेहतर सीवरेज प्रबंधन की दिशा में लगातार काम कर रहे है। इसी के तहत बवाना की 2 अनधिकृत कॉलोनियों और 1 गांव ( जाट खोर) में 14 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जोकि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है। इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने हर घर को सीवरेज  से जोड़ने का निर्णय लिया है। यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा।

दिल्ली जल बोर्ड की ओर से सीवर के पानी को पंप कर एसटीपी तक पहुंचाने के लिए बवाना में 3 एमएलडी क्षमता वाले सीवर पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) का निर्माण किया जाएगा। जिन घरों से इंटरनल सीवर लाइन कनेक्टेड होगी, वहां से पानी को एसटीपी तक पहुंचाने के लिए सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपी एस) अहम भूमिका निभाएगा। एसपीएस में मोटर पंप के माध्यम सीवर को एसटीपी तक भेजा जाता है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस सीवेज पंपिंग स्टेशन में पानी ओवरफ्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए जाएंगे। इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी कि सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके।दरअसल ,वेस्ट वाटर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी। इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि पंपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए, जिससे की सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सके।

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