अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार के दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय ने राजधानी में शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को यूके के बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के चांसलर लॉर्ड करण बिलिमोरिया व दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के उपकुलपति धनंजय जोशी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के बीच इस समझौता ज्ञापन की मदद से दोनों यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में एक दूसरे से नवाचारों को सीखने में मदद मिलेगी।
इस दिशा में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के साथ ये समझौता काफी महत्वपूर्ण साबित होगा| दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के बीच यह एमओयू हमें दिल्ली के शिक्षकों को एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा। यूके के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के पार्टनरशिप के साथ दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में विभिन्न टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे और हमारे शिक्षक अपने प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए इसका लाभ उठा सकेंगे।एमओयू पर अपने विचारों को साझा करते हुए, बर्मिंघम विश्वविद्यालय के चांसलर लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा, “दिल्ली के शिक्षा मॉडल की दुनियाभर में सराहना हो रही है और बर्मिंघम यूनिवर्सिटी दिल्ली सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक है। हमारा मानना है कि हमारे यूनिवर्सिटी का विज़न दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के विज़न के समान है. उन्होंने कहा कि ये एमओयू हमें रिसर्च और एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से दोनों देशों में टीचर एजुकेशन को बदलने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि, टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में दिल्ली सरकार के फ्लैगशिप संस्थान के साथ काम करने और नॉलेज शेयरिंग से हमें अपने नॉलेज नेटवर्क का विस्तार करने में मदद करेगा। इस अवसर पर, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के उपकुलपति, धनंजय जोशी ने कहा, “बर्मिंघम यूनिवर्सिटी को अपने टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के लिए दुनिया के बेहतरीन यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता प्राप्त है। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप कर, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय करिकुलम डेवलपमेंट और रिसर्च के नए मौके खोलेगा. साथ ही, एक्सचेंज प्रोग्राम हमारे उभरते शिक्षकों को टीचिंग और टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं का फर्स्ट हैण्ड एक्सपीरियंस प्रदान करेगा।
*समझौते की विशेषताएँ*
1. टीचर एजुकेशन प्रोग्राम मुख्य रूप से बी.एड. स्पेशल एजुकेशन, एम.एड. स्पेशल एजुकेशन, और सर्टिफिकेशन कोर्सेज की डिजाइनिंग
2. टीचर और एजुकेशन लीडर्स के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट्स का को-डेवलपमेंट
3. एक दूसरे के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भारत और यूके में रिसर्च नेटवर्क का विस्तार करना।
4. टीचर, स्टूडेंट व रिसर्चर्स के एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ, दोहरी डिग्री वाले कोर्सेज की संभावनाओं को तलाशना
उल्लेखनीय है कि बर्मिंघम यूनिवर्सिटी एजबेस्टन, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम में स्थित एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है। यह रसेल ग्रुप के ब्रिटिश रिसर्च यूनिवर्सिटीज़ और इंटरनेशनल नेटवर्क ऑफ़ रिसर्च यूनिवर्सिटीज के संस्थापक सदस्य के रूप में कार्य करता है। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग की स्थापना 1896 में हुई थी और 1947 में यह स्कूल ऑफ़ एजुकेशन बन गया। वर्तमान में यह शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े रिसर्च-बेस्ड संस्थानों में से एक है।
कार्यक्रम में दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रोफेसर. धनंजय जोशी, दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रजनीश कुमार सिंह, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर रॉबिन मेसन, बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के साउथ एंड सेंट्रल ईस्ट एशिया के रीजनल डायरेक्टर दीपांकर चक्रवर्ती, के बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्ट्रेटेजिक एंगेजमेंट्स के डायरेक्टर ल्यूक वेल्स व बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल कम्यूनिकेशन्स मैनेजर टोनी मोरन शामिल रहे|