अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: नोएडा के सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में देर रात को तीन साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्चे के परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए डॉक्टर और स्टाफ लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया। परिजनों की मांग थी कि डॉक्टर और स्टाफ पर कार्रवाई की जाए। हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली सेक्टर -20 पुलिस मौके पर पहुंच गई और परिजनों को समझा मामले को शांत कराया। चाइल्ड पीजीआई में अपने तीन साल के बच्चे दक्ष की मौत के बाद रो रही सोनू कुमार पत्नी अजय सिंह बघेल दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहने वाली है।
सोनू कुमार ने बताया कि गत 23 फरवरी को उनके बेटे दक्ष को दौरा पड़ा था। बेटे को तेज बुखार भी था। तब वह अपने देवर दीप सिंह बघेल के साथ इलाज के लिए सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई लेकर आए थे। डॉक्टर लगातार ग्लूकोज चढ़ा रहे थे। बच्चे के इलाज में कोई खास सुधार नहीं हो रहा था। लेकिन बच्चे की कंडीशन ठीक थी. दूध भी पीया बिस्कुट और खिचड़ी भी खाई, बुखार भी चेक किया वह भी नार्मल था. सोनू कुमार बताया कि शाम पांच बजे बच्चा उसकी गोदी में खेल रहा था। तभी नर्स ने उसे इंजेक्शन दिया और कुछ समय बाद बच्चे का शरीर अकड़ गया। रात करीब नौ बजे स्टाफ ने बच्चे की मृत्यु की सूचना दी।
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए डॉक्टर और स्टाफ लापरवाही का आरोप लगा हंगामा करना शुरू कर दिया। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली सेक्टर- 20 पुलिस मौके पर पहुंच गई और परिजनों को समझा कर मामले को शांत कराया. और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। चाइल्ड पीजीआई अस्पताल प्रशासन के अनुसार निमोनिया पीड़ित बच्चे को सांस लेने में तकलीफ थी। उसके दिमाग में बुखार चढ़ गया था। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखकर बचाने की पूरी कोशिश की। परिजनों ने डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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