अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रदेश में भ्रष्टाचार, अपराध, असुरक्षा, हिंसा, नशा, बेरोजगारी, महंगाई, कर्ज और बदहाली लगातार बढ़ती जा रही है व प्रदेश सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और खुशहाली के मामले में पिछड़ता जा रहा है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज 5 जिलों पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल के कार्यकर्ताओं की मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पांचों जिलों के विधायक, पूर्व विधायक व वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। मीटिंग पार्टी के यमुनानगर में होने वाले ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम पर सलाह मशविरे के लिए बुलाई गई थी। इससे पहले इस मसले पर सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में भी चर्चा हुई। विधायकों और कार्यकर्ताओं ने 2 अप्रैल को कार्यक्रम रखने पर सहमति जताई। क्योंकि इसके बाद गेहूं का सीजन शुरू हो जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान ने सभी नेता व कार्यकर्ताओं की कार्यक्रम के लिए ड्यूटी निर्धारित की। वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा को यमुनानगर कार्यक्रम के लिए संयोजक बनाया गया है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हुड्डा ने सभी को होली की बधाई दी। साथ ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ व ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान को सफल बनाने के लिए उनकी तारीफ की। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यक्रमों के प्रति जनता के रुझान व उसमें हर स्तर पर हजारों लोगों की भागीदारी से जनता का रुख स्पष्ट है। जनता प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। उदयभान ने कार्यकर्ताओं के समक्ष पार्टी के आगामी कार्यक्रमों का ब्यौरा पेश किया।
उन्होंने बताया कि 13 तारीख को हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट और प्रदेश के अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से राजभवन तक मार्च करेंगे। ‘चलो राजभवन’ मार्च के तहत सरकार से हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर जांच करवाने की मांग उठाई जाएगी और प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर रोष प्रकट किया जाएगा। इसके बाद 14 से लेकर 21 तारीख तक चौधरी उदयभान खुद ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। इसके बाद ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान के समापन पर 25 मार्च को सोनीपत में बड़ी रैली होगी। उदयभान ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता लगातार सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। बीजेपी-जेजेपी सरकार को उखाड़े फेंकने तक यह संघर्ष इसी तरह जारी रहेगा। कांग्रेस सरकार बनने पर कार्यकर्ताओं के इसी जोश को जनसेवा में तब्दील किया जाएगा। प्रदेश में आने वाली सरकार कांग्रेस की होगी। पार्टी के पक्ष में चल रही हवा चुनाव आने तक तूफान में तब्दील हो जाएगी। बैठक के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी उदयभान ने पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। इस मौके पर हुड्डा ने कहा कि प्रदेश का हर वर्ग मौजूदा सरकार से परेशान है और उसकी लाठियों का शिकार हो चुका है।
आज ग्रामीण हरियाणा ई-टेंडरिंग जैसी जबरदस्ती थोपी गई नीति के चलते सरकार से नाराज है तो शहरी वर्ग प्रॉपर्टी आईडी की मार झेल रहा है। वहीं गरीब जनता परिवार पहचान पत्र के चलते सरकारी सुविधाओं व योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। किसान, नौजवान, कर्मचारी से लेकर पंच और सरपंचों तक पर सरकार ने लाठीचार्ज किया है। ऐसे में प्रदेश की जनता बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रही है ताकि इस सरकार से छुटकारा मिल सके।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चुनी हुई पंचायतें गांव का सम्मान होती हैं। यह लोकतंत्र की सबसे आधारभूत इकाई होती है। लेकिन सरकार इनको अधिकारविहीन बनाना चाहती है। ई-टेंडरिंग के जरिए सरकार पंचायती राज में भी खनन जैसे घोटाले को अंजाम देना चाहती है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने विधानसभा में भी आवाज उठाई और राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस की मांग है कि बीजेपी-जेजेपी लाठी की भाषा छोड़कर लोकतांत्रिक तरीके से पंच व सरपंचों के साथ संवाद करें और पंचायतों को ई-टेंडरिंग से छुटकारा देकर फंड उपलब्ध करवाए।
अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर पंचायतों को ई-टेंडरिंग के जंजाल से छुटकारा और पूर्ण शक्तियां दी जाएंगी। क्योंकि चुने हुए प्रतिनिधियों की गांवों के प्रति जवाबदेही होती है ना कि ठेकेदार व अधिकारियों की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ई-टेंडरिंग के जरिए बेवजह गांवों के विकास कार्यों में देरी होगी। उन्होंने जन स्वास्थ्य विभाग के ट्यूबवेल का उदाहरण देते हुए बताया कि इसके अप्रूवल के लिए करीब 8 महीने मुख्यमंत्री कार्यालय में लग जाते हैं और उसके बाद करीब 6 महीने का समय ठेकेदार को दिया जाता है। इस तरह एक छोटे से काम के लिए भी डेढ़ साल इंतजार करना पड़ता है। ई-टेंडरिंग के चलते यही हाल पंचायत के कार्यों का होगा।किसानों की स्थिति पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि आज सरसों किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। उन पर मौसम की मार के बाद अब सरकारी मार पड़ रही है। सरकारी खरीद नहीं होने की वजह से उनकी फसल एमएसपी से 1000 रुपये कम रेट पर बिक रही है। बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार खरीद में देरी कर रही है। सरकार द्वारा किसानों को ना एमएसपी दी जा रही और ना ही खराबे का मुआवजा दिया गया। इसी तरह गन्ना किसानों को आज तक बकाए के भुगतान का इंतजार है। नारायणगढ़ में मिलों द्वारा भुगतान नहीं होने के चलते किसान धरने पर बैठे हैं। सरकारी भर्तियों में सोशियो-इकोनॉमिक के अंकों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि सरकार अन्य राज्य के लोगों को नौकरी देने के लिए लगातार कई फैसले ले रही है। अब सोशियो-इकोनॉमिक के 5 अंक अन्य राज्यों के अभ्यार्थियों को भी देने का फैसला लिया गया है। इससे हरियाणा के युवाओं को ग्रुप-सी और डी की नौकरियां मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। ग्रुप-ए और बी की भर्तियों में यह सरकार पहले ही मूल निवासियों की बजाए अन्य राज्य के लोगों को तरजीह देती आई है। पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर हुड्डा ने दोहराया कि कांग्रेस सरकार बनने पर इसे निश्चित तौर पर लागू किया जाएगा। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार कहती है कि ओपीएस लागू करने से प्रदेश दिवालिया हो जाएगा। लेकिन प्रदेश ओपीएस लागू करने से नहीं बल्कि कर्ज़ लेने से दिवालिया होता है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। हरियाणा बनने से लेकर कांग्रेस सरकार तक प्रदेश पर कुल 60-70 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। लेकिन आज यह बढ़कर 3 लाख करोड़ हो चुका है। इसमें अगर सरकार की देनदारियां जोड़ दी जाए तो यह आंकड़ा और बड़ा हो जाता है।
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