अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारत एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में उभरा है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकायों ने हमारे संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी भारत संविधान के ढांचे के भीतर प्रभावी समाधान खोजने में सफल रहा हैं। दत्तात्रेय शनिवार को नई दिल्ली में कस्तूरबा गांधी रोड स्थित न्यू महाराष्ट्र सदन में संसद रत्न पुरस्कार समारोह के 13वें संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरिक समाज की ओर से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सांसदों को सम्मानित करने की अवधारणा की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम की प्रेरणा से हुई थी। प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-पत्रिका प्रीसेंस 2009 से ये पुरस्कार प्रदान करते आ रहे हैं । पिछले 12 संस्करणों में, इन्होंने 90 पुरस्कार प्रदान किए हैं। इस वर्ष इन्होंने 100वें पुरस्कार का आंकड़ा पार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि जब हमें 1947 में स्वतंत्रता मिली, तो कुछ विकसित देशों को संदेह था कि भारतीय लोकतंत्र चल पाएगा या नहीं। उन्हें लगता था कि भारत बिखर जाएगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय गणराज्य के तहत 500 से अधिक रियासतों को एक साथ लाकर भारत को संगठित किया। भारत रत्न डॉ बीआर अम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा ने हमें सबसे बड़ा संविधान प्रदान किया जो कई चुनौतीपूर्ण समयों में समाधान खोजने में हमारा मार्गदर्शक रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने खुद को दुनिया के सबसे बड़े और जीवंत संसदीय लोकतंत्र के रूप में साबित किया है। दत्तात्रेय के अनुसार संसद के प्रत्येक सदस्य को ये दो बातें याद रखनी चाहिए कि हमारी संसद एक मंदिर के समान है और संविधान हमारे लिए बाइबल के समान है। तभी वह एक सांसद के रूप में न्याय कर पाएंगे। हमारी संसद ने हमें श्री लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, इंद्रजीत गुप्ता और डॉ राम मनोहर लोहिया जैसे कई राजनेता दिए, जिनकी सूची बहुत लंबी है, वे हमेशा मूल्यों, नैतिकता और जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्ध थे।
उन्होंने कहा कि संसद में प्रत्येक सांसद को मर्यादा और अनुशासन के साथ आचरण करना चाहिए तभी वे लोकतांत्रिक मूल्यों के स्तर को ऊंचा उठा पाएंगे। उन्हें याद रखना चाहिए कि संसद विचार विमर्श करने, चर्चा करने और लोगों की समस्याओं को हल करने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर संसद में सभी राजनीतिक दलों और नेताओं ने संसदीय मूल्यों को संजोए रखने में योगदान दिया है । साथ ही दत्तात्रेय ने कहा कि उनका मानना है कि सोशल मीडिया के विकास और जनता के बीच राजनीतिक जागरूकता के साथ, सभी सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारी बढ़ने वाली है। दत्तात्रेय ने जोर देकर कहा कि सांसदों को अच्छी तैयारी करनी होगी और अपने निर्वाचन क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसद के समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक सांसद को सामान्य रूप से लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और विशेष रूप से महिलाओं, वंचितों, गरीबों, मजदूरों सहित समाज के वंचित वर्गों के विषयों का ध्यान रखना चाहिए ।समारोह में सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सभी पुरस्कार विजेताओं के लिए भेजा गया बधाई संदेश भी मंच से पढ़कर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने कहा: “संसद में चर्चा और बहस, सरकार और नीति निर्माताओं को लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करती है।यह प्रत्येक सांसद की जिम्मेदारी है कि वह सदन में बहस की गुणवत्ता बढ़ाए और लोगों, विशेष रूप से समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों के मुद्दों को भी आवाज दे।”समारोह में 13 सांसदों, दो संसदीय समितियों और एक वेटरन राजनेता को डॉक्टर अब्दुल कलाम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इनमें श्री विद्युत बरन महतो (भाजपा, झारखंड), डॉ. सुकांत मजूमदार (भाजपा, पश्चिम बंगाल), कुलदीप राय शर्मा (कांग्रेस, अंडमान निकोबार द्वीप समूह), डॉ. हीना विजयकुमार गावित (भाजपा, महाराष्ट्र), अधीर रंजन चौधरी ( आईएनसी पश्चिम बंगाल), गोपाल चिनय्या शेट्टी (भाजपा महाराष्ट्र), सुधीर गुप्ता (भाजपा मध्य प्रदेश) और डॉ. अमोल रामसिंह कोल्हे (एनसीपी, महाराष्ट्र) को 17वीं लोकसभा में विभिन्न श्रेणियों में उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। टी के रंगराजन, (दो कार्यकाल के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद और एक वरिष्ठ सीपीआईएम नेता) को भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए डॉक्टर अब्दुल कलाम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. जॉन ब्रिटास (सीपीआई-एम, केरल), डॉ. मनोज कुमार झा (आरजेडी, बिहार), श्रीमती. फौज़िया तहसीन अहमद खान (एनसीपी महाराष्ट्र) को 2022 में राज्यसभा में उनके प्रदर्शन के लिए ‘वर्तमान सदस्य’ श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया है। श्री विशंभर प्रसाद निषाद (समाजवादी पार्टी, यूपी) और श्रीमती छाया वर्मा (कांग्रेस, छत्तीसगढ़) को राज्य में अपने पूर्ण कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘2022 में सेवानिवृत्त राज्य सभा सदस्य’ श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया। स्थायी समितियों की श्रेणी के तहत, वित्त समिति (लोकसभा समिति – अध्यक्ष – जयंत सिन्हा, भाजपा, झारखंड) और परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति (राज्य सभा समिति – अध्यक्ष – श्री वी. विजयसाई रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस, आंध्र प्रदेश) 17वीं लोकसभा की शुरुआत से 2022 के शीतकालीन सत्र के अंत तक उनके उत्कृष्ट संचयी प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। समारोह को अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री ने भी संबोधित किया, जबकि अधीर रंजन चौधरी, पश्चिम बंगाल के सांसद ने सभी पुरस्कार विजेताओं की ओर से स्वीकृति भाषण दिया। के श्रीनिवासन, संस्थापक और अध्यक्ष, संसद रत्न पुरस्कार समिति और प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन, डॉ. प्रियदर्शनी राहुल, पुरस्कार समिति की अध्यक्ष और ट्रस्टी-सचिव, प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन और आयोजन समिति के अन्य सदस्यों को भी समारोह में सम्मानित किया गया।
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