अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जिनके पास खेल विभाग का कार्यभार भी है, ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन को देखते हुए अधिकारी हर प्रकार की खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। इसके लिए बजट में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के रख-रखाव के लिए आवश्यकतानुसार हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्मय से ग्राऊंडमैन व अन्य पदों को शीघ्र भरें।मुख्यमंत्री आज यहां खेल विभाग की बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने आईबीए महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुश्री नीतू घणघस व स्वीटी बूरा को सम्मानित भी किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक खिलाड़ी, चाहे वह पदक विजेता है या किसी खेल में प्रतिभागी रहा है, उसकी पूरी जानकारी परिवार पहचान पत्र में उपलब्ध होनी चाहिए। कईं योजनाओं का लाभ देने के लिए यह डाटा काफी कारगर है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठïभूमि के पारम्परिक खेल जैसेकि कुश्ती, कबड्डी के लिए खेल प्रतिभाओं को तराशने वाले अखाड़ों संचालकोंं को भी सम्मानित करने की भी कोई योजना बनाई जाए।उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने अपने बजट अभिभाषण में कुश्ती जगत में अखाड़ा संचालन में हरियाणा का नाम रोशन करने वाले मास्टर चंदगी राम के नाम से खिलाडिय़ों के लिए ‘‘स्पोर्टस पर्सन इंशयोरेंस बेनिफिट स्कीम’’ की घोषणा भी की है।बैठक में खेल निदेशक पंकज नैन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि पंचकूला, फरीदाबाद व रोहतक में तीन राज्य स्तरीय खेल परिसर, 21 जिला खेल परिसर, 25 उप-मंडलीय स्टेडियम, 163 राजीव गांधी ग्रामी खेल परिसर तथा 245 गांवों में लघु /ग्रामीण खेल स्टेडियम हैं। विभाग का प्रयास है कि उभरते खिलाडिय़ों को खेल की प्रकृति के अनुरूप खेल सुविधाएं उपलब्ध हों। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का रख-रखाव भी उतना ही जरूरी है जितना कि खिलाडिय़ों के लिए स्टेडियम।मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि विभाग की ओर से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अनुबंध आधार पर 202 जूनियर कोच, 254 ग्राउंड मैन तथा 203 चौकीदार-सह-माली-सह-सफाई कर्मचारी भरने का प्रस्ताव है।
हरियाणा पंचकूला में स्थापित की जा रही खेल अकादमी के लिए भी एक प्रबंधक, 8 प्रमुख कोच, तीन खेल फिजियोथेरेपिस्ट, एक डाईटिशियन तथा एक साइकोलॉजिस्ट की भी मांग भेजी गई है। वर्ष 2023-24 के लिए खेल विभाग का बजट 540.5 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 566.04 करोड़ रुपये किया गया है। खेल निदेशक ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि वर्ष 2023 तक 216 उत्कृष्टï खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी की नियुक्ति के लिए पेशकश की गई जिनमें से 179 खिलाडिय़ों ने ज्वाइन किया है जबकि 2013-14 में केवल 41 खिलाडिय़ों को ही नौकरी दी गई थी। उन्होंने बताया कि राज्य में 1100 खेल नर्सरियां संचालित हैं। खेल नर्सरी योजना को नए सिरे से अवधारित कर शैक्षणिक संस्थानों में हस्तांतरित किया जा रहा है। इसके लिए विभाग सरकारी व निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर रहा है। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को हर वर्ष खेल उपकरण व खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने के लिए तीन लाख रुपये दिए जाएंगे ताकि ऊभरते खिलाडिय़ों की खेल प्रतिभा का युवावस्था में ही पता लगाया जा सकें। इसके अलावा, 24 आवासीय अकादमियां खोलने का भी प्रस्ताव है जिनमें 600 एथलीट, 12 खेलों की सुविधाएं दी जाएंगी। इन आवासीय अकादमियों में प्रत्येक खिलाड़ी को 400 रुपये प्रतिदिन खुराक भत्ता दिया जाएगा।बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस.ढेसी, खेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजशेखर मुण्डरु , मुख्यमंत्री के उप-प्रधान सचिव के.एम.पाण्डुरंग, हरियाणा खेल विश्वविद्यालय राई, सोनीपत के कुलपति एस.एस.देशवाल व अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।
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