अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल,एसआर की टीम ने आज तड़के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई -संपत नेहरा गैंग के दो सक्रिय सदस्यों को हथियारों के बड़ी खेप के साथ अरेस्ट किए हैं। इनके पास से पुलिस ने 8 पिस्टल, 8 मैगजीन व 10 जिन्दा कारतूस पुलिस ने बरामद किए हैं। ये सभी के सभी हथियार खरगौन ,मध्य प्रदेश के एक सप्लायर से खरीदी गई थी। ये सभी हथियार दिल्ली में लॉरेंस बिश्नोई व संपत गिरोह के सदस्यों और पंजाब के अन्य गिरोहों को दी जानी थी। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम आदित्य राजपूत उर्फ़ काका, उम्र 22 साल , निवासी ग्राम सियाता, थाना सियाता, जिला अमृतसर , पंजाब व कुलदीप सिंह उर्फ़ माखन , उम्र 29 साल , निवासी गली नंबर – 4 , गुरु नानक पूरा , कोट खालसा , अमृतसर , पंजाब हैं।
डीसीपी, स्पेशल सेल ,एच.जी.एस धालीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल/एसआर के पास जानकारी थी कि पंजाब के गैंगस्टर और हार्डकोर अपराधी मध्य प्रदेश स्थित हथियार सप्लायरों से अत्याधुनिक हथियार खरीद रहे हैं. इस जानकारी को और विकसित किया गया और इन हथियारों के तस्करों की पहचान करने के प्रयास किए गए। आज 5 अप्रैल 2023 को विशेष सूचना प्राप्त हुई कि लारेंस बिश्नोई-संपत नेहरा गिरोह के दो सदस्य आदित्य राजपूत एवं कुलदीप सिंह ने खरगोन, मध्य प्रदेश से पिस्तौलों की खेप मंगवाई है।
उनका कहना हैं कि यह भी पता चला कि दोनों बंदूकधारी आज 5 अप्रैल 2023 को तड़के 3 बजे से 4 बजे के बीच मायापुरी चौक के पास कैरेजवे पर अपने एक संपर्क से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे थे। तदनुसार, इंस्पेक्टर शिव कुमार के नेतृत्व में एक छापेमारी दल का गठन किया गया और मायापुरी चौक से सटे इलाके में एक जाल बिछाया गया। आज तड़के लगभग 3.30 बजे आदित्य राजपूत और कुलदीप नामक दोनों आरोपित व्यक्तियों को मायापुरी चौक की ओर जाने वाली कैरिजवे पर हाथों में बैग लिए हुए देखा गया। नतीजतन, दोनों को पुलिस टीम ने घेर लिया और दबोच लिया और उनकी तलाशी ली गई। तलाशी लेने पर दोनों के पास से 8 स्पेयर मैगजीन के साथ 8 अच्छी क्वालिटी के पिस्टल और 10 जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस संबंध में पीएस स्पेशल सेल में आर्म्स एक्ट की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया हैं ।लॉरेंस बिश्नोई – संपत नेहरा गिरोह की देवेंद्र बंबीहा गिरोह के साथ भयंकर प्रतिद्वंद्विता है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब और अन्य राज्यों में गिरोह युद्ध में उनके कई सहयोगी मारे गए।
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