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अपराध दिल्ली

अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद, उसने जेल में आत्मसमर्पण नहीं किया, फरार चल रहा था, 30000 इनाम घोषित -अरेस्ट

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की एआरएससी/अपराध शाखा की टीम ने धर्मेंद्र कुमार नाम के एक वांछित अपराधी, निवासी गांव हरदोई, जिला-अलीगढ़, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है, जिसे थाना वसंत कुंज-उत्तर के हत्या व लूट के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। आरोपी धर्मेंद्र कुमार को उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन अंतरिम जमानत की अवधि पूरी करने के बाद भी उसने जेल प्राधिकारी के सामने आत्म समर्पण नहीं किया। उसकी गिरफ्तारी पर 30,000/- रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
सूचना, टीम और संचालन:
स्पेशल डीसीपी क्राइम रविंद्र सिंह यादव ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस की एआरएससी/अपराध शाखा की एक टीम को पैरोल जम्पर्स व इनामी अपराधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया था। हवलदार अमित कुमार ने एक सूचना विकसित की थी कि धर्मेंद्र कुमार,निवासी गाँव हरदोई , जिला-अलीगढ़, उत्तर प्रदेश नाम के एक भगोड़े ने एफआईआर नंबर – 284/ 2010, धारा 302/394/411/34 भारतीय दण्ड संहिता, थाना  वसंत कुंज उत्तर, दिल्ली के तहत अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद आत्मसमर्पण नहीं किया और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बदायूं, उत्तर प्रदेश के इलाके में छिपा हुआ है। उनका कहना हैं कि तदनुसार, संयुक्त आयुक्त एस.डी मिश्रा और उपायुक्त अंकित सिंह द्वारा सहायक आयुक्त अरविंद कुमार की करीबी देखरेख में निरीक्षक मंगेश त्यागी और निरीक्षक रॉबिन त्यागी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसमें सहायक उप निरीक्षक ललित सिरोही, हवलदार अमित, हवलदार अभिनव और हवलदार परमजीत शामिल थे।  फरार आरोपी धर्मेंद्र कुमार को पकड़ने के लिए गाँव कछला, बदायूं, उत्तर प्रदेश में छापा मारा गया व आरोपी को अरेस्ट किया गया।
मामले के संक्षिप्त तथ्य :
शिकायतकर्ता रमेश की शिकायत पर, थाना वसंत कुंज (उत्तर), दिल्ली में भारतीय दंड संहिता की धारा 394/302/34 के तहत मामला दर्ज़ किया गया था। अभियुक्त धर्मेंद्र और उसके साथी ने रात के समय घर में घुस कर श्रीमती भूरी देवी की हत्या कर दी और उसके जेवरात लूट कर मौके से फरार हो गए। बाद में, दोनों आरोपियों को स्थानीय पुलिस ने अरेस्ट कर लिया और उन के कब्जे से लूटे गए आभूषण बरामद किए गए। अदालत द्वारा आरोपी धर्मेंद्र कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई  थी । बाद में, उसे उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन उसने नियत तारीख पर आत्मसमर्पण नहीं किया। 
अभियुक्त का प्रोफाइल:
धर्मेन्द्र कुमार, 40 वर्ष, निवासी गाँव-हरदोई, थाना-पल्ली मुकीमपुर, जिला-अलीगढ़, उत्तर प्रदेश ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है । पहले वह साइकिल मरम्मत की दुकान चलाता था। अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद, उसने जेल में आत्मसमर्पण नहीं किया व गिरफ़्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान बदल कर जिला- बदायूं, उत्तर प्रदेश के इलाके में एक खिलौने की दुकान चला रहा था।

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