अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : कल रात विजय रामलीला कमेटी के एहतिहासिक और पौराणिक मंच पर प्रथम दृश्य में हनुमान ने पत्थर पर राम नाम अंकित किया और उन पत्थरों से नल नील द्वारा सेतु बांधा गया जिस पर चढ़ कर सेना सहित राम जी पार उतरे। उसके बाद लंका की हदूद से विभीक्षण को देश निकाल दिया गया।
विभीक्षण राम जी की शरण मे आए जहाँ राम जी ने उनका राज तिलक कर उसको लंकापति घोषित किया। इसके बाद 6 माह से सोये कुम्भकर्ण को गाजे बाजो के साथ उठाया गया । अंतिम और मुख्य दृश्य रहा जहां जंग से पहले दूत बनाकर भेजे गए अंगद और रावण में हुआ जम के सम्वाद। अंगद बने वैभव लरोइया ने किया दमदार सम्वाद वहीं दूसरी ओर रावण बने टेकचन्द ने भी नहीं छोड़ी कसर। दोनो के बीच डॉयलोग्स पर बजी ज़ोरदार तालियां। आज इसी मंच पर दिखाई जाएगी लक्ष्मण मूर्छा और कुंभकर्ण वध।