अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा फिरोजपुर झिरका उपमंडल के 80 गांवों को पेयजल आपूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी रेनीवेल परियोजना पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 210 करोड़ रुपये की लागत आई है।यह जानकारी आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा हेतु प्रशासनिक सचिवों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में दी गई। बैठक में 11 प्रमुख विभागों की 100 करोड़ रुपये से अधिक की 45 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई।मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को परियोजनाओं का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए,ताकि आमजन इनजनकल्याणकारी परियोजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को त्वरित क्रियान्वित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए सभी चल रही परियोजनाओं के लिए परियोजना मूल्यांकन और समीक्षा तकनीक (पीईआरटी) चार्ट बनाया जाना चाहिए ताकि समयावधि, पूर्ण प्रतिशत और अपेक्षित उद्घाटन तिथि की स्थिति स्पष्ट हो सके।मनोहर लाल ने लंबित चल रही परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि पहली बार किसी परियोजना के लिए जो टाईमलाईन निर्धारित की जाती है, वह परियोजना उसी तय समय में ही पूरी होनी चाहिए।
यदि किसी कारणवश समय अवधि को बढ़ाने की आवश्यकता है तो पहली बार विभाग अपने स्तर पर परियोजना के पूर्ण होने की समय अवधि को बढ़ा सकता है। परंतु यदि फिर भी परियोजना पूरी नहीं होती तो उस स्थिति में विभाग अपने स्तर पर समयावधि नहीं बढ़ाएंगे, या तो मुख्य सचिव या संबंधित मंत्री की मंजूरी के बाद समय अवधि को आगे बढ़ाया जा सकेगा।बैठक में बताया गया कि जिला महेंद्रगढ़ के बालखी में 114 करोड़ रुपये की लागत से पानी आपूर्ति प्रणाली में सुधार का कार्य भी जुलाई माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, बाढ़डा विधानसभा क्षेत्र में 35 गांवों को नहरी आधारित पेयजल आपूर्ति योजना तथा नूहं में नगीना व पिंगवान ब्लॉक के 52 गांवों व 5 ढाणियों को जलापूर्ति प्रणाली में सुधार का कार्य भी तेज गति से चल रहा है, जिसे इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फरीदाबाद से होडल तक जहां-जहां रेनीवेल आधारित परियोजनाएं बनाई गई हैं, उस क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन करवाया जाए। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पेयजल का उपयोग सिंचाई के लिए नहीं किया जाए और पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के अवैध दोहन पर भी नजर रखी जाए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि पानी की चोरी न हो इसके लिए सख्त निगरानी रखी जाए। साथ ही पानी के उचित प्रबंधन हेतू रेगुलेटरी सिस्टम तैयार किया जाए। बैठक में बताया गया कि 139 करोड़ रुपये की लागत से पिंजौर में बन रही सेब, फल व सब्जी मंडी का कार्य अंतिम चरण में है। 4 वस्तुओं के लिए विभिन्न शेड का निर्माण किया जा चुका है, इनमें से 1 शेड एयर कंडीशन्ड है। 52 दुकानों में से 39 का आवंटन किया जा चुका है, शेष दुकानों की आवंटन प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस मंडी में व्यापार होना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, गन्नौर में बनाई जाने वाली अंतरराष्ट्रीय मंडी का जून माह में मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय परिसर,करनाल की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में पहले जारी टेंडर में कुछ कमिया या गलतियां पाई गई हैं और जिन कर्मचारियों ने ऐसा किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर इसका समुचित समाधान निकाला जाए और इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधिकारियों ने बताया गया कि भिवानी में लगभग 536 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पंडित नेकी राम शर्मा मेडिकल कॉलेज का सिविल कार्य पूरा हो चुका है। अन्य कार्य भी तेज गति से चल रहे हैं। कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया से संबंधित आवश्यक कार्रवाई भी पूरी की जा रही है और शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इस कॉलेज में दाखिले किए जा सकेंगे।इसके अलावा, करनाल के कुटेल में बन रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज का काम प्रक्रियाधीन है। इसमें 730 बैड की सुविधा होगी। इस साल के अंत तक यहां ओपीडी सेवाओं की शुरुआत करने के लिए विभाग तैयार है। साथ ही, प्रदेशभर में बनाये जा रहे 6 नर्सिंग कॉलेज और करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज-चरण-2 का कार्य भी तय समय अवधि में पूरा हो जाएगा।आज की बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित की जा रही 100 करोड़ रुपये की लागत से अधिक की परियोजनाओं की मॉनिटरिंग हेतू हरियाणा प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल लॉन्च किया। अब विभागों द्वारा डीपीआर बनाने से लेकर अंतिम मंजूरी मिलने तक की सारी प्रक्रिया इस पोर्टल के माध्यम से होगी।बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि फरीदाबाद में 325 करोड़ रुपये की लागत से सड़क तंत्र सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिससे जनता को बहुत लाभ मिल रहा है। इसके तहत, 15.33 किलोमीटर सड़कों को सुदृढ़ीकरण, स्ट्रीट लाइटें लगाना, बरसाती पानी की निकासी के लिए ड्रेन इत्यादि सहित विभिन्न कार्य किये गए हैं। इसके अलावा, विभाग द्वारा चलाई जा रही अन्य परियोजनाओं को भी तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है।बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेशभर में लंबित चल रही बड़ी परियोजनाओं के तीव्र क्रियान्वयन हेतु उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी लगातार 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है। अब तक 6 समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं और इसके परिणाम स्वरूप आज तक 1900 करोड़ रुपये की 12 बड़ी परियोजनाएं पूरी हुई हैं।उन्होंने बताया कि वर्तमान में 14 विभागों की 90 से अधिकपरियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिनमें से आज की समीक्षा बैठक में प्रमुख 11 विभागों की 45 परियोजनाएं समीक्षा हेतु रखी गई हैं।बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी अनुपमा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एक सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पांडुरंग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments