अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध के साथ हरियाणा ने एक बार फिर महंगाई में टॉप किया है। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों ने बता दिया है कि प्रदेश की जनता लगातार महंगाई की चक्की में पिस रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा महंगाई को लेकर आई एनएसओ की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई इस कदर विकराल हो गई है कि उसने तमाम राज्यों के साथ आरबीआई द्वारा तय महंगाई के उच्चतम स्तर को भी पार कर लिया है। आज प्रदेश में 6.04% महंगाई दर है। ग्रामीण क्षेत्र में 7.12% महंगाई दर आंकी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में दूध, सब्जी, फल से लेकर रोजमर्रा की चीजों के रेट पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए रसोई का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में आस-पड़ोस के तमाम राज्यों से सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलता था। क्योंकि प्रदेश में वैट की दर सबसे कम थी। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार ने वैट को बढ़ाकर दोगुना कर दिया। इसका असर तमाम चीजों के दामों पर देखने को मिला ,जिसकी तस्दीक खुद सरकारी आंकड़े कर रहे हैं। जब से बीजेपी सत्ता में आई है तभी से आटा, दूध, घी, सरसों तेल, दाल, रसोई गैस समेत लगभग प्रत्येक वस्तु के दाम दोगुने या दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। जबकि आम आदमी की आमदनी लगातार घटती जा रही है।हुड्डा ने कहा कि पिछले दिनों ही सरकार ने बिजली की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी की थी। इससे पहले सरकार ने पानी की दरों को बढ़ाकर जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम किया था। अब सरकार रोजमर्रा की जरूरतों के साथ शिक्षा को भी महंगी करने जा रही है। सरकार ने यूनिवर्सिटीज को फंड देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। इसके चलते यूनिवर्सिटीज ने अपनी फीस में बढ़ोतरी करनी शुरू कर दी है। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय ने फीस में 100 से 150% तक की बढ़ोतरी करके बता दिया है कि आने वाले दिनों में गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा बेहद महंगी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम निम्नतम स्तर पर हैं। लेकिन देश व प्रदेश की जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। क्योंकि कच्चे तेल के दाम कम होते हैं तो सरकार टैक्स में बढ़ोत्तरी कर देती है। अगर मौजूदा सरकार के टैक्स को कम करके यूपीए कार्य काल के बराबर लाया जाए तो जनता को 20 से 30 रुपये सस्ता तेल मुहैया हो सकता है। ऐसे में केंद्र के साथ प्रदेश सरकार को भी वैट में कटौती करके प्रदेश की जनता को राहत देनी चाहिए। उसे वैट को आधा करते हुए कांग्रेस कार्यकाल के बराबर करना चाहिए।
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