अधिअजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :नहरपार के दो नए सेक्टरों का डेवलपमेंट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तेजी से कर रहा है लेकिन नहरपार के किसानों की मांग है कि विकास से पहले नहरपार के किसानों को लेण्ड पुलिंग की स्कीम में जोडा जाए या मुआवजा देने की प्रक्रिया सरल की जाए। नहरपार के नए दो सेक्टर- 75 व 80 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण करोड़ों रुपये लगाकर गुलजार करने की तैयारी कर रहा है। इस बात को लेकर नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने कहा कि इन दोनों सेक्टरों की जमीन का मुआवजा किसानों को आज तक भी नहीं मिला है और मुआवजा लेने के लिए लम्बी-चौडी योजना से गुजरना पड़ता है जिसकी वजह से मुआवजा लेना बहुत ही मुश्किल हो चला है।
सैक्टर-75 व 80 के किसानों को लेण्ड पुलिंग में जोडने का सुझाव किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ,एडवोकेट ग्रीवेंस कमेटी में मुख्यमंत्री के समक्ष रख चुके है। वशिष्ठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही नहरपार के इन दो सैक्टरों का मुआवजा मु. 1229/- रुपये प्रति वर्ग गज को घटाकर 645/- रुपये प्रति वर्गगज कर चुका है। इस आदेश पास होने की वजह से नहरपार के किसान आज तक भी उभर नहीं पाए है और इसी जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एक लाख रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से बेच रहा है। वशिष्ठ ने मांग की है कि सरकार चाहे तो नहरपार के किसानों को लेण्ड पुलिंग का फायदा दे सकती है जिसमें यह प्रावधान है कि एक एकड़ यानी 4840 वर्गगज में से 1000 वर्गगज का प्लाट लेण्ड पुलिंग के तहत किसानों को दिया जा सकता है। भारत सरकार केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि नहर पार के किसानों को लैण्ड पुलिंग स्कीम में जुड़वाने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे। आज भी इसी आश लगाये बैठे हैं कि अधिग्रहित जमीन के बदले सरकार उन्हे लेण्ड पुलिंग स्कीम में जोडे नहरपार के इन दो सैक्टरों की अधिकतर जमीन पर अपना दाखिल खारिज जमा चुका है। किसानों को अपनी अधिग्रहत जमीन 645/- वर्ग गज का मुआवजा लेने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे है
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