अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:इंडिया गठबंधन की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने मुंबई पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी समूह को लेकर हुए नए खुलासों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले में जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की इमेज दांव पर है, इस मामले की जांच जेपीसी से कराई जाए।
पार्टी नेताओं केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश के साथ पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि भारत जी-20 का मेज़बान है। अलग-अलग देशों से नेता आ रहे हैं। वहीं आज सुबह दुनिया के दो बड़े अखबारों ने हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री पर उनके उद्योगपति मित्र पर आरोप लगाए हैं। अख़बारों ने लिखा है कि मोदी के करीबी अडानी परिवार ने अपने खुद के शेयर गुपचुप तरीके से खरीदे और फिर शेयर बाजार में निवेश किया। एक अरब डॉलर अडानी के कंपनी के नेटवर्क के जरिए हिंदुस्तान के बाहर गया और फिर वापस आया। फिर उस पैसे से अडानी ने अपने शेयर रेट को बढ़ाया और अब इस फायदे से भारतीय संपत्तियों को खरीदा जा रहा है। उनके पास इसके सबूत हैं। राहुल ने कहा कि इस मामले में तीन सवाल उठते हैं। यह पैसा अदाणी का है या किसी और का है। अगर किसी और का है तो किसका है। इसके पीछे के मास्टरमाइंड गौतम अडानी के भाई विनोद अडाणी हैं। इस हेरा-फेरी में दो विदेशी लोग भी शामिल हैं। एक का नाम नासिर अली शाबान है और दूसरा चीनी नागरिक चांग चुंग लिंग है। दो विदेशी नागरिक कैसे भारत के शेयर बाजार को मैन्यूप्लेट कर रहे हैं। चीन के नागरिक की क्या भूमिका है। अडानी देशभर का इन्फ्रास्ट्रक्चर खरीद रहे हैं, पोर्ट्स और डिफेंस में काम करते हैं तो इनमें चीनी नागरिक कैसे शामिल है? ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। उन्होंने कहा कि सेबी चेयरमैन ने इस मामले की जांच की और क्लीन चिट दी, उसके एकदम बाद वह सेबी चेयरमैन अडानी की कंपनी में डायरेक्टर बन जाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में जांच से क्यों बच रहे हैं। प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं। अखबार कह रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी का रिश्ता है। सवाल उठता है कि क्या रिश्ता है। जांच एजेंसियां इस मामले में जांच क्यों नहीं कर रही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यह मामला हिंदुस्तान की छवि को खराब कर रहा है। भारत जी 20 का मेज़बान है। इससे पहले कि हमारे मेहमान देश भी सवाल उठाए, प्रधानमंत्री इस बात पर सफाई दें और जेपीसी का गठन कर अडानी पर जांच करवाएं।
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