अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने संसद के विशेष सत्र को लेकर कहा कि इंडिया गठबंधन सदन का बहिष्कार नहीं करेगा और गठबंधन की तरफ से जनता से जुड़े जरूरी मुद्दे उठाएंगे। विपक्ष से बिना चर्चा किए विशेष सत्र बुलाने पर सीपीपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। सोनिया गांधी ने पत्र में जनता से जुड़े नौ मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर सदन में चर्चा की जाए।कांग्रेस संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में यह जानकारी दी। जयराम रमेश ने कहा कि संसद जनता की परेशानियों को सभी के सामने रखने का हमारे लिए एक मौका है और इस विशेष सत्र में हर पार्टी अलग-अलग मुद्दे संसद में रखने का प्रयास करेगी।
जयराम रमेश ने कहा कि सरकार द्वारा विपक्ष से बिना चर्चा किए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है, इस पर सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है। श्रीमती गांधी ने पत्र में कहा है कि यह सत्र बिना किसी वार्ता के मनमाने ढंग से बुलाया गया है। विशेष सत्र के एजेंडे की जानकारी किसी के पास नहीं है। लोकसभा और राज्यसभा के बुलेटिन में विशेष सत्र के पांचों दिन गवर्नमेंट बिजनेस के लिए एलोकेट किए गए हैं। अपने पत्र में उन्होंने नौ मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर सदन में चर्चा हो। सोनिया गांधी ने पत्र में कहा कि विशेष सत्र में महंगाई,बेरोजगारी और एमएसएमई के संकट पर चर्चा की जाए। सरकार ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की बात की थी, उसकी मौजूदा स्थिति पर बात हो। अडानी मामले में जेपीसी की मांग पर चर्चा हो। जातीय जनगणना पर चर्चा हो। संघीय ढांचों पर हो रहे हमले और गैर भाजपा शासित राज्यों को उनके अधिकारों से वंचित किए जाने पर चर्चा की जाए। हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ जैसी आपदा और कई राज्यों में बनी अत्यधिक सूखे की स्थिति पर बात हो। लद्दाख-अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन के अतिक्रमण पर चर्चा हो। हरियाणा जैसे अनेक राज्यों में फैले साम्प्रदायिक तनाव पर बात हो। मणिपुर की हिंसा पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।जयराम रमेश ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विशेष सत्र के एजेंडे, कार्यसूची की जानकारी किसी के पास नहीं है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि हमारे पास एजेंडे का कोई विवरण नहीं है। इंडिया गठबंधन अपने मुद्दे उठाना चाहता है। सिर्फ सरकारी एजेंडे के आधार पर विशेष सत्र नहीं होना चाहिए। सिर्फ गवर्नमेंट बिजनेस को हम स्वीकार नहीं करते। ये नामुमकिन है और परंपरा के खिलाफ है। सरकार अपने एजेंडे के बारे में बैठक बुलाए, विपक्ष से बातचीत करे। सरकार जो विधेयक पास कराना चाहती है, उनके बारे में पहले बातचीत करे।
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