अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रदेश में नशा तस्करों की खैर नहीं होगी। हरियाणा पुलिस ने ऐसी सख्ती की है कि बड़े पैमाने पर तस्करों की गिरफ्तारी और मादक पदार्थ की जब्ती की जा रही है। प्रदेश में नशा तस्करों का सफाया करने के लिए डीजीपी, हरियाणा खुद अधिकारियों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश सरकार ने भी नशे के बड़े सरगनाओं पर कार्रवाई करने के लिए प्रदेश पुलिस को खुली छूट दी है। ऐसा अक्सर देखने में आता है कि नशे कारोबारी ,कानून की पेचीदगियों के सहारे या तो जमानत पर छूट जाते थे या फिर जेल से बाहर आने के बाद दोबारा इस अपराध में लिप्त हो जाते थे।
पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने बताया कि जिला पुलिस व नारकोटिक्स यूनिटों को नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के कड़े निर्देश जारी किए है। वहीं, नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत अवैध तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हम प्रदेश के युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रहे हैं। हम लत में पड़ गए के इलाज के पक्ष में हैं। इस धंधे में लगे लोगों के खिलाफ पुरज़ोर एक्शन ले रहे हैं – उनके नेटवर्क को ध्वस्त कर रहे हैं, उनकी काली कमाई जब्त कर रहे है।
पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एचएसएनसीबी की टीम ने जिला नूंह के रहने वाले गांजा तस्कर सरगना आरोपी इकबाल उर्फ़ कांति, राजवाड़ा मोहल्ला को प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया है। इकबाल के खिलाफ 113.17 किलोग्राम और 38.86 किलोग्राम गांजा पत्ती की तस्करी के दो अलग अलग मामलों में दो एफआईआर दर्ज है। वहीँ इक़बाल की पत्नी भी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल है और उसके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज है। इकबाल वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है और निवारक हिरासत के परिणामस्वरूप, वह जमानत या पैरोल पर भी रिहाई के लिए बाहर नहीं आ पायेगा। इक़बाल उर्फ़ क्रांति के प्रिवेंटिव डिटेंशन के पुलिस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई है। PIT-NDPS अधिनियम, 1988 के तहत अब तक 9 बड़े ड्रग तस्करों को प्रिवेंटिव हिरासत में लिया है। इस कार्रवाई के लिए प्रदेश पुलिस ने गृह विभाग से पहले मंजूरी ली थी। हिरासत में लिए गए सभी आरोपी लगातार नशे के व्यापार में शामिल थे और नशा तस्करी सक्रिय रूप से कर रहे थे। इनमें से 8 आरोपियों को पहले ही पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर विभिन्न जेलों में भेजा जा चुका है।
हिरासत में लिए सभी तस्कर प्रदेश के जिलों – सोनीपत, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पंचकूला और कैथल जिलों से संबंधित हैं। एचएसएनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की संपत्तियों की पहचान की जा रही है ताकि इन तस्करों द्वारा अर्जित की गई अवैध संपत्ति को एनडीपीएस अधिनियम,1985 के प्रावधानों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा कुर्क और जब्त किया जा सके।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हिरासत में लेने के लिए प्रदेश में फैले नशे के व्यापार में लिप्त 40 से अधिक अन्य प्रमुख ड्रग तस्करों की भी पहचान की है। अवैध रूप से नशा तस्करी कर कमाई गई काली संपत्ति से बनाए गए मकान, दुकान को भी जल्द ही कुर्क किया जायेगा। नशे के कारोबार में लिप्त के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए हम कृतसंकल्प हैं। ये समाज के सबसे बड़े दुश्मन है। अपने फायदे के लिए ये पीढ़ियों को नष्ट करने में लगे हैं। आने वाले दिनों में बाक़ी भी नपेंगे। इसके अलावा भी हम जल्द ही युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।” नशीली दवाओं के बढ़ते व्यापार और नशे के नेक्सस के खिलाफ अपनी इस लड़ाई में,हरियाणा पुलिस नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम , 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी। पिट-एनडीपीएस (PITNDPS) अधिनियम के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और उनके मुख्य सरगनाओं व फाइनेंसरों पर नकेल कसने के लिए एक्ट में प्रावधान दिए गए है। इस एक्ट के तहत प्रिवेंटिव हिरासत आदेश जारी किए जाते है, जिसके बाद हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। इसके अलावा, आरोपी और उसके रिश्तेदारों/सहयोगियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति भी एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत जब्त करने का प्रावधान भी है।
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