अजीत सिन्हा की सिन्हा
नई दिल्ली ने गत 9 सितंबर -2023 और 10 सितंबर 2023 को 18वें जी -20शिखर सम्मेलनकी मेजबानी की है। जी-20 शिखर सम्मेलन काआयोजन एक बड़ी सफलता रही है और दिल्ली यातायातपुलिस गणमान्य व्यक्तियों की सुविधा के लिए यातायात व्यवस्था में आम जनता द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना करती है । जनताकी सहायता और सुविधाके लिएभी व्यापकव्यवस्था कीगई थीताकि यात्रियोंको आवागमन के दौरान कम से कम असुविधा हो ।कुछ असुविधाकी अपेक्षा थी औरहम इस ऐतिहासिक समय की स्थिति से अवगत थे । आम जनता के द्वारा दिल्ली यातायात पुलिस से उसके विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों पर की जाने वाली कॉल्स को संभालने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों के साथ एक पूरी तरह कार्यात्मक यातायात हेल्पलाइन 1095/011-2584444को सुदृढ़ किया गया था ।
जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सामान्य दिनों में पब्लिक इंटरफेस यूनिट(PIU)की हेल्पलाइन पर प्रतिदिन औसतन लगभग 400 कॉल्स आती थीं,परन्तु शिखर सम्मेलन के दौरान पब्लिक इंटरफेस यूनिट को दिनांक 07.09.23to 10.09.23 तकप्रतिदिन औसतन लगभग 2500 कॉल्स प्राप्त हुईं । शिखर सम्मेलन के दौरान आम जनता और आमंत्रित अतिथियों को किसी भी प्रकार की अद्यतन जानकारी हासिल करने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने G20 ट्रैफिक वर्चुअल हेल्पडेस्क https://traffic.delhipolice.gov.in/dtpg20info जारी किया और शिखर सम्मेलन की अवधि के दौरान इस वेबलिंक को कुल 1 लाख 63 हजार आगंतुकों ने विजिट किया । शिखर सम्मेलन की अवधि के दौरान यातायात व्हाट्सएप हेल्पलाइन 8750871493 पर औसतन प्रति दिन 2000 प्रश्न प्राप्त हुए । दिल्ली यातायात पुलिस के ट्विटर हैंडल https://twitter.com/dtptraffic ने भी यातायात से जुड़े लगभग 75 सवालों का प्रति दिन स्पष्टी करण दिया । दिल्ली यातायात पुलिस के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/dtptrafficपरभी आम जनता ने यातायात से संबंधित जानकारी ली । चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान आम जनता की सहायता के लिए समर्पित एम्बुलेंस सहायता नियंत्रण कक्ष (6828400604/112) बनाया गया जिसपर दिनांक 07.09.23 to 10.09.23 तक कुल 24 कॉल प्राप्त हुईं, इस हेल्पलाइन परपब्लिक इंटरफेस यूनिट को सामान्य प्रश्न भी प्राप्त हुए । शिखर सम्मेलन की अवधि के दौरान किसी भी एम्बुलेंस के यातायात जाममें फंसने की एकभी कॉल प्राप्त नहीं हुई । ERSS-112पर एम्बुलेंस की आवश्यकता के संबंध में 440 कॉल प्राप्त हुए जिनका निवारण बिना किसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया के तुरंत किया गया । दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा Mappls(MapmyIndia) नेविगेशन ऐपके साथ समन्वय किया गया, जिसने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आम जनता को यातायात नियमों के अनुरूप वैकल्पिक मार्ग प्रदान किए । इसने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जनता को परेशानीमुक्त आवागमन के लिए बहुत मदद की । आम जनता के प्रश्न मुख्य रूप से हवाई अड्डों, विभिन्न रेलवे स्टेशनों, रुचि के स्थानों, अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए परिवहन के सर्वोत्तम साधनों की उपलब्धता से संबंधित थे। ये सवाल पर्यटन स्थलों को आम जनता और विदेशियों के लिए खोलने से भी जुड़े हुए थे । दिल्ली यातायात पुलिस ने पहले से ही विस्तृत यातायात परामर्शिका जारी की थी और प्रतिदिन उसका प्रचार प्रसार सभी माध्यमों जैसे डिजिटल मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म्स और दैनिक प्रेस विज्ञप्तियों के द्वारा किया गया तथा सूक्ष्म विवरणों को बहुत ही पेशेवर तरीके से जनता को समझाया गया । जनता को अपडेट करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग एक सक्रिय कदम रहा । यात्रियों ने दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा किए गए इन प्रयासों की सराहना की और मामूली परेशानियों को आत्मीयता के साथ संभाला । अधिकांश लोगों के बीच अंतर्निहित विचार कम से कम परेशानी पैदा करना और पुलिस के साथ सहयोग करना था ।पुलिस ने अपनी ओर से एक कदम आगे बढ़ते हुए जनता को नवीनतम मार्ग योजनाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में लगातार सूचित किया । दिल्ली यातायात पुलिस की हेल्पलाइनों पर बड़ी संख्या में की गयी कॉल्स ने एक सकारात्मक सन्देश दिया कि आम जनता सहयोग करना चाहती है और प्रशासनिक दिशा निर्देशों में सहयोग देने के लिए तैयार है । यातायात हेल्पलाइन ने इस उद्देश्य को बहुत अच्छी तरह से हासिल किया है क्यूंकि जहां स्पष्टता की कमी थी, वहां किसी तरह कीअसुविधा की भी कोई कॉल/शिकायत प्राप्त नहीं हुई है ।दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई। यातायात परामर्शिका विस्तृत व सटीक थी और योजनाओं का निष्पादन पेशेवर तरीके एवं सहानुभूति के मिश्रण के साथ किया गया । जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित जानकारी का बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया था और लोगों ने आयोजन के लिए अच्छी तैयारी की थी । चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए, महत्वपूर्ण स्थानों और अस्पतालों में निर्दिष्ट कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया कि जरूरतमंद लोगों को बिना देरी के देखभाल मिले और उनकी जरूरतों पर ध्यान दिया जाए। वैकल्पिक मार्ग, एम्बुलेंस की सुविधा,स्थानिक विशेष इसके विशिष्ट मानदंड थे । ऐसी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है जहां यातायात संबंधी मुद्दों ने जनता को परेशान किया हो । सूचना नेटवर्क और क्षेत्र के अधिकारियों के साथ सीधे संपर्क ने यह सुनिश्चित किया कि यातायात कर्मचारी मदद के साथ हाथ बढ़ाते रहें । यह सुनिश्चित किया गया कि दैनिक समाचार पत्रों में जो अधिसूचित किया गया था, उसका अनुपालन किया जाए और सलाह से परे कुछ भी लागू ना किया जाए। वास्तव में, किसी विशिष्ट स्थान पर मामले की गंभीरता को देखते हुए छूट दी गयी । कर्मचारी जवाब में त्वरित और स्पष्ट थे । शिखर सम्मेलन के दौरान किसी प्रकार के लॉकडाउन न होने के व्यापक प्रचार के बावजूद भी आम जनता ने इसकी पुष्टि करने के लिए फोन किये और आश्वस्त होने पर संतुष्ट भी हुए । इस बारे में भी सवाल किए गए थे कि परिवार किसी शव को शवदाह गृह तक कैसे ले जा सकते हैं और अंतिम संस्कार कैसे कर सकते हैं । यातायात कर्मचारियों ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय किया और अपने रणनीतिक रूप से तैनात कर्मचारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि उस परिवार को मदद तुरंत और बिना किसी परेशानी के मिले । कॉल के पैटर्न, सोशल मीडिया पर प्रश्नों आदि के सावधानी पूर्वक विश्लेषण से यह पता चला कि ज्यादातर प्रश्न मुख्य रूप से यातायात जाम या अपने गंतव्य स्थान पर जाने की अनुमति नहीं देने के बजाय अपने संदेह को स्पष्ट करने के लिए थे । चूंकि दी गयी सलाह विस्तृत थी और पर्याप्त प्रचार किया गया था, इसलिए जनता ने अपने आवागमन को अच्छी तरह से प्रबंधित किया । एम्बुलेंस सहित आपातकालीन वाहनों के ठहराव पर कोई प्रतिकूल संदर्भ नहीं मिला क्यूंकि इन सेवाओं को लागू प्रतिबंधों के अंतर्गत आवाजाही की प्राथमिकता दी गई थी. शिखर सम्मेलन की अवधि के दौरान, एम्बुलेंस सहायता नियंत्रण कक्ष और पब्लिक इंटरफेसयूनिट ने प्रश्नों को हल करने, यात्रियों का मार्गदर्शन करने और उनकी रुचि की जानकारी प्रदान करने के लिए यातायात नियंत्रण कक्ष ने इंटीग्रेटेड कमांड कण्ट्रोल को-आर्डिनेशन एंड कम्युनिकेशन (C4i) नियंत्रण कक्ष के समन्वय मेंकाम किया । अधिकांश कॉलर विचारशील थे, कर्मचारियों को प्रैंक कॉल भी मिले, लेकिन कर्मचारियों ने अपनी सामान्य प्रतिक्रिया बनाए रखी जहाँ पर महीनों के गहन प्रशिक्षण और रिहर्सल प्रभावी रही । कुल मिलाकर, चुनौतियों को लोगों की मदद करने के लिए व्यावसायिकता और समन्वित प्रतिक्रिया के साथ पूरा किया गया । दिल्ली यातायात पुलिस ने प्रतिक्रियाओं को पोस्ट करने, सूचना काप्रसार करने रूट मैप और डिजिटल ब्रोशर भेजने के द्वारा जनता की मदद करने में अतिरिक्त मील की दूरी तय की ताकि लोगों को अच्छी तरह से सूचित किया जा सके । लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए सूचनात्मक सामन्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न भी भेजे गए । दिल्ली यातायात पुलिस आम जनता से प्राप्त सहयोग और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए अपनी प्रशंसा और आभार व्यक्त करती है। हम आम जनता से अनुरोध करते हैं कि गणमान्य व्यक्तियों के प्रस्थान तक, वे समान स्तर का समर्थन और सहयोग बनाये रखें ।
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