अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ग्रामीण आवास न्याय योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित आवास न्याय सम्मेलन में राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया और कहा कि जाति जनगणना भारत का एक्स-रे है। जनगणना के आंकड़े सामने आने पर देश सब लोगों को भागीदारी देकर आगे चल पाएगा। कांग्रेस के सरकार में आने पर पहला कदम जातिगत जनगणना का होगा। राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता से छत्तीसगढ़ की नींव को मजबूत करने वाले अपने सभी वादे पूरे किए हैं। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
लाखों के विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनके बटन दबाते ही हजारों करोड़ रुपये गरीब और जरूरतमंद हितग्राहियों के बैंक खातों में आ गए। छत्तीसगढ़ की सरकार आज गरीबों के आवास बनवाने के लिए पैसे दे रही है। इस योजना द्वारा आज ही प्रदेश के 47,000 से ज्यादा परिवारों को अपने पक्के आवास के लिए पहली किस्त के रूप में करीब 118 करोड़ रुपयों की स्वीकृति मिल गई है। साथ ही पीएम आवास योजना के हिताधिकारी, जिन्हें केंद्र से आवास के पैसे मिलने थे मगर नहीं दिए गए। ऐसे लगभग सात लाख लोगों के लिए 1,749 करोड़ रुपयों की स्वीकृति कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई है।राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस ने जनता से छत्तीसगढ़ की नींव को मजबूत करने वाले वायदे किए थे। किसानों का कर्जा माफ, बिजली बिल हाफ और 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी का वादा कांग्रेस ने किया था। यह सभी वादे पूरे किए गए हैं। किसान न्याय योजना में कांग्रेस सरकार ने 21 हजार करोड़ रुपये इनपुट सब्सिडी के माध्यम से दिए। भूमिहीन किसानों को सात हजार रुपये सालाना देना शुरू किया। आदिवासियों को लघु वनोपजों के लिए समर्थन मूल्य दिया। वन अधिकार दिए गए। स्वास्थ्य के लिए 70 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक इलाज की सुविधा दी। 42 हजार भर्तियां की। 380 अंग्रेजी के स्कूल खोले। एक लाख 30 हजार युवाओं को 2500 रुपये महीने बेरोजगारी भत्ता दिया गया।राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी रिमोट कंट्रोल का बटन खुले में दबाती है। लेकिन भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छिपकर बटन दबाते हैं। कांग्रेस बटन दबाती है तो जनता को खाते में पैसा मिलता है। नरेंद्र मोदी जी रिमोट कंट्रोल का बटन दबाते हैं तो अडानी को मुंबई एयरपोर्ट, रेलवे का कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है। भाजपा बटन दबाती है तो पब्लिक सेक्टर प्राइवेटाइज हो जाता है, आपका जल, जंगल, जमीन अडानी के हवाले हो जाता है।राहुल गांधी ने कहा कि संसद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि डिफेंस में, एयरपोर्ट में, पोर्ट में अडानी को फायदा दिलाया गया। काले कृषि कानून में अडानी को फायदा दिलाने का प्रयास हुआ। ये रिश्ता क्या है। ये सवाल करने पर उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। कांग्रेस सरकारें अडानी की नहीं, बल्कि गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की सरकार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा ओबीसी की बात करते हैं। लेकिन हिंदुस्तान की सरकार को चलाने वाले 90 सचिवों में से मात्र तीन ओबीसी हैं और यह तीन सचिव हिंदुस्तान का सिर्फ पांच प्रतिशत बजट कंट्रोल करते हैं। क्या हिंदुस्तान में मात्र पांच प्रतिशत ओबीसी हैं? इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से मिल सकता है। जातिगत जनगणना हिंदुस्तान का एक्सरे है। इससे पता लग जाएगा कि देश में कितने दलित हैं, कितने ओबीसी हैं, कितने आदिवासी हैं, कितने सामान्य वर्ग से हैं, कितनी महिलाएं हैं। एक बार आंकड़ा आ जाएगा तो देश सब लोगों को लेकर, सब लोगों को भागीदारी देकर आगे चल पाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने जातिगत जनगणना कराई थी। उसके आंकड़े सरकार के पास मौजूद हैं। मगर प्रधानमंत्री मोदी यह आंकड़ा जनता को नहीं दिखाना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वह जातिगत जनगणना से क्यों डरते हैं। अगर ओबीसी, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं को भागीदारी देनी है तो जातिगत जनगणना करवानी ही पड़ेगी। यदि नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना नहीं करवाएंगे तो केंद्र में कांग्रेस के सरकार में आने पर पहला कदम जातिगत जनगणना का होगा।
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