अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निर्मल छाया काम्प्लेक्स, जेल रोड में शनिवार को धूमधाम से ‘पोषण माह’ का समापन समारोह आयोजित किया गया। डब्ल्यूसीडी मंत्री कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। कुपोषण के खिलाफ जंग में केजरीवाल सरकार अपनी आंगनबाड़ियों को सशक्त बना रही है। इस दिशा में पोषण माह के अन्तर्गत पिछले एक महीने में केजरीवाल सरकार की आंगनवाड़ी वर्कर्स ने दिल्ली में लाखों परिवारों को ख़ान-पान संबंधित अच्छी आदतों को विकसित करने को लेकर जागरूक किया है और लोगों को अपने भोजन में मोटे पौष्टिक अनाजों को शामिल करने को भी प्रेरित किया है। आज पोषण माह के समापन के अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने आंगनवाड़ी वर्कर्स से बातचीत की व उनका उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि, दिल्ली से कुपोषण को दूर करने की दिशा में केजरीवाल सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और कुपोषण को दूर करने के इस मिशन में हमारी आंगनवाड़ियाँ अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस दिशा में पिछले 1 महीने में हमारी आंगनवाड़ी वर्कर्स ने दिल्ली के लाखों परिवारों को खानपान संबंधित अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए जागरूक किया है। लोगों को ये बताया है कि कैसे अपने भोजन में छोटे बदलावों के साथ वो अपने परिवारों को बेहतर पोषण दे सकते है। साथ ही कैसे स्वस्थ जीवनशैली के लिए ज्वार-बाजरा जैसे मोटे अनाजों को खान-पान की आदतों में शामिल किया जा सकता है।महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि, वर्तमान में देश में एक बड़ा तबका कुपोषण का शिकार है जबकि भारत खाद्यान्न उत्पादन करने वाले शीर्ष देशों में शामिल है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हम खाद्यान्न उत्पादन में शीर्ष देशों में शामिल है उसके बावजूद भी देश में बहुत से लोग कुपोषित क्यों है? उन्होंने कहा कि, गरीबी और असमानता तो इसका कारण है ही लेकिन एक बड़ा कारण है लोगों में खान-पान संबंधित जागरूकता की कमी।उन्होंने कहा कि, जागरूकता की कमी के कारण ही आज बड़ी आबादी वो खाना खाती है जिसमें पौष्टिक तत्वों की कमी होती है। हम विज्ञापन देखकर उससे प्रभावित होकर बहुत सी खाने-पीने की चीजों को अपने भोजन में शामिल करते है लेकिन उससे हमें सही पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसे में बेहद ज़रूरी है कि हम इसके प्रति जागरूक हो और जरूरी पोषण प्राप्त करने के लिए अपने खानपान की आदतों को बदले। उन्होंने कहा कि इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग और हमारी आंगनवाड़ी वर्कर्स ने उल्लेखनीय काम किया है और ये जागरूकता फैलाने का काम किया है कि हमें क्या खाना चाहिए जो पौष्टिक हो सकता है और परिवार को हर ज़रूरी पोषण प्रदान कर सकता है।महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कहा कि, कुपोषण को खत्म करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है अपने भोजन में ज्वार-बाजरा आधारित मोटे अनाजों को शामिल करना। उन्होंने कहा कि भारत में सदियों तक भोजन में बाजरे ज्वार खाने की संस्कृति रही लेकिन अब प्रोसेस्ड खाने ने इसकी जगह ले ली है और इस कारण लोगों को सही पोषण नहीं मिल पाता है। ऐसे में अगर कुपोषण खत्म करना है तो हमें अपने खानपान में मोटे अनाजों को अपनाने की ज़रूरत। और ये शुरुआत हमें अपने घरों से करने की ज़रूरत है। ऐसे में हमारी आंगनवाड़ी वर्कर्स लोगों की इस विषय में जागरूक करें।महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कार्यक्रम में आंगनवाड़ी वर्कर्स का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि, जितना ज़रूरी पोषण है उतना ही जरूरी एजुकेशन है। रिसर्च भी कहते है कि बच्चों का सबसे ज़्यादा मानसिक विकास 5 साल की उम्र तक होता है। ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि, इस उम्र में बच्चों को जरूरी पोषण और सही देखरेख मिल सके। और हमें ख़ुशी है कि, अपने आंगनवाड़ी वर्कर्स के साथ केजरीवाल सरकार की आंगनवाड़ियाँ बचपन को जरूरी पोषण और सही एजुकेशन देकर देश की नींव को मजबूती दे रही है। आज कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार की आंगनवाड़ी वर्कर्स ने ज्वार-बाजरा आधारित विभिन्न खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन भी किया और संदेश दिया कि कैसे सामान्य घरों में भी बेहतर पोषण के लिए मोटे अनाज आधारित खाने को भोजन शैली में शामिल किया जा सकता है।
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