अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के श्रममंत्री राजकुमार आनंद ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (डीबीओसीसीबी) के अपर मुख्य सचिव, उपायुक्त व बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में दिल्ली के श्रमिकों के लिए कई अहम फैसले लिए गए। दिल्ली में निर्माण श्रमिकों की सभी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए श्रम मंत्री ने महिला श्रमिकों के हक में एक अहम निर्णय लिया। अभी तक सभी निर्माण स्थलों पर पुरुष और महिला श्रमिकों द्वारा एक ही शौचालय इस्तेमाल किया जाता था। जिसका संज्ञान लेते हुए मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द निर्माण स्थलों पर महिला एवं पुरुष श्रमिकों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था की जाए।
दिल्ली में निर्माण श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में विभाग द्वारा एक और महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया। महिला एवं पुरुष श्रमिकों के बीच समान कार्य के लिए मिलने वाले मजदूरी और भत्तों में असमानताओं को देखते हुए मंत्री राजकुमार आनंद ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इन असमानताओं को जल्द से जल्द दूर कर समान कार्य के लिए समान भत्तों के निस्तारण को सुनिश्चित किया जाए। अरविंद केजरीवाल सरकार हमेशा मजदूरों के हितों के लिए खड़ी है। बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध रजिस्ट्रेशन फॉर्म में श्रमिकों द्वारा भरी जाने वाली जानकारियों को श्रमिकों तक आसानी से पहुंचाने की दिशा में मंत्री ने आदेश दिए कि बोर्ड पर उपलब्ध जानकारियों (फॉर्म) की मुख्य भाषा “हिंदी” हो, जिससे केजरीवाल सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ निर्माण श्रमिकों तक ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में पहुंच सके। उन्होंने कहा कि लेबर कार्ड रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल (नवीनीकरण) और क्लेम के लिए सभी जिलों में बनाई गई हेल्प डेस्कों पर पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। लेबर बोर्ड की तरफ से दी जाने वाली एक्सीडेंटल इंश्योरेंस के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पॉलिसी को पुनः समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। साथ ही निर्माण श्रमिकों को बेहतर कौशल विकास के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के ज़रिए ट्रेनिंग कराई जाए ताकि वह अपने कौशल में ज्यादा दक्षता हासिल कर सकें। समीक्षा मीटिंग में मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि निर्माण श्रमिकों को विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी योजनाओं की जानकारी नहीं मिलने के कारण समय से सभी योजनाओं का लाभ निर्माण श्रमिकों तक नहीं पहुंच पाता। इसकी जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए सभी संचार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल किया जाए।उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की कोशिश है कि वह दिल्ली के सभी निर्माण श्रमिकों और कामगारों के जीवन को सुगम और बेहतर बना सके, ताकि सभी सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
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