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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिफाफा खाली हैं, ये कहना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का- लाइव संबोधन सुने वीडियो में।



अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा – सबसे पहले तो मेरी बहनें बहुत सारी बैठी हैं, आप सबका इस सभा में बहुत-बहुत स्वागत। काफी समय से बैठी हैं? मैंने सुना 11:30 बजे आई थी, (जनसभा में आई महिलाओं ने कहा कि 11 बजे से) 11 बजे। गर्मी भी बहुत है और वहाँ पर काफी नौजवान लड़कियां भी अब बोर हो रही होंगी (जनसभा में बैठी लड़कियों ने कहा, अभी नहीं)? अभी नहीं, तो मैं करती हूं थोड़ा बोर तुम्हें। भाषण शुरु करने से पहले एक बार मेरे साथ शाकंभरी माता की जय, सालासर बालाजी महाराज की जय, खाटू श्याम जी की जय, बावलिया बाबा की जय और आपकी इस पवित्र मिट्टी की भी मेरी तरफ से जय। आपकी ये जो मिट्टी है, इसने देश को बहुत कुछ दिया था।

शीशराम ओला जी जैसे नेता, अनगिनत शहीद सैनिक, आपने इसी धरती से स्वतंत्रता की अलख जगाई। 1857 से लेकर आज तक आपकी धरती के वीर इस देश के लिए शहीद होने के लिए तैयार हैं। यहाँ की माताओं को मेरा प्रणाम। सबसे ज्यादा रिटायर्ड सैनिक झुंझनू में ही हैं और सबसे ज्यादा सैनिक जो सरहद पर आज भी तैनात हैं, वह भी झुंझुनू से हैं। आपने देश को बहुत दिया- बिरला, डालमिया, सिंघानिया, खेतान, पीरामल, बजाज जैसे बड़े-बड़े नाम, बड़े-बड़े उद्योगपति। यहाँ पर जो शिक्षा का केंद्र बना, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, इसका भी निर्माण आपने ही किया। भारत की जो गंगा-जमुनी संस्कृति है, यहाँ झुंझनू में इसकी मिसाल भी है। यहाँ चंचल नाथ जी के टीले पर कव्वाली भी सुनाई देती है और कमरुद्दीन जी की दरगाह पर भजन भी।

ये राजस्थान प्रदेश वीरों का प्रदेश है। आपको गर्व होना चाहिए अपने प्रदेश पर, आपने हमारे देश को कितना दिया। आपकी मेहनती जनता, दिन-रात काम करने वाले किसान, आपने ही इस देश का निर्माण किया है, आपने ही इस प्रदेश को आगे बढ़ाया है।आपका इतिहास शौर्य का, शक्ति का एक ऐसा इतिहास है, जिस पर पूरे देश को गर्व है। तो आज आपके सामने मैं चुनाव के मौके पर खड़ी हूं। ओला जी ने कहा कि मेरे परिवार के बहुत से सदस्य मेरे से पहले यहाँ आए, उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों की भी बात की। शायद पायलट जी ने आस्था की बात की, कि किस तरह से झुंझनू के लोगों ने इन नेताओं में अपनी आस्था रखी। चुनाव आता है, तो हर पार्टी के लोग, हर पार्टी के नेता आते हैं। सबके भाषण सुनते हैं आप, कभी-कभी मेरे मन में आता है कि सबके भाषण एक ही लगते हैं मुझे। हम उनको दोष देते हैं, वो हमें दोष देते हैं। हम कहते हैं कि वो भ्रष्ट हैं, वो कहते हैं कि हम भ्रष्ट हैं। हम कहते हैं कि हम सेवा करते हैं, वो कहते हैं कि वो सेवा करते हैं। तो आपको कैसे मालूम होगा कि किसकी बात सही है और किसकी नहीं है और इस देश को चलाने के लिए, प्रदेश को चलाने के लिए आप एक नेता में या एक पार्टी से क्या उम्मीद रखते हैं, क्या चाहते हैं उससे? आपने इस बात को गहराई से सोचा है?आज मैं इस बात को आपके सामने रखना चाहती हूं कि जो नेता होता है, जो प्रदेश को चलाता है या देश को चलाता है, उसको एक गहरी समझ होनी चाहिए। किसी ने कहा विजन होना चाहिए, रोड मैप होना चाहिए। क्या होता है ये विजन, ये रोडमैप – ये होता है कि भविष्य में क्या बनाना चाहते हैं, किस तरह से प्रदेश का निर्माण करना चाहते हैं, देश को किस तरह से मजबूत बनाना चाहते हैं और इसमें क्या-क्या चीजें हैं जो उसको करनी चाहिए और ये जो विजन होता है, ये रोडमैप जो होता है, इसी के जरिए फिर विकास होता है। जिस तरह से यहाँ आपका कॉलेज है, ये छात्राएं बैठी हुई हैं, आज आप पढ़ाई कर रही हैं, अगर एक ऐसा नेता इस प्रदेश को चला रहा है, जो आपके भविष्य के बारे में सोचे नहीं, आप कितनी भी पढ़ाई कर ले, आपको जॉब नहीं मिलेगा। आप रोजगार ढूंढते हुए भटकते जाएंगे। रोजगार नहीं मिलेगा। अगर ऐसी सरकार आए, जो सोच नहीं रही है आगे के बारे में, भविष्य के बारे में। आप देखिए यहाँ पर बिट्स पिलानी है, आपके क्षेत्र में, किसी की सोच के जरिए बनी है। बिरला जी ने बनाई, नेहरु जी ने उनका प्रोत्साहन किया कि कहा, आप बनाओ। ऐसा इंस्टीट्यूट बनाओ जो विश्व में प्रसिद्ध हो जाए और उन्होंने किया। आज की सरकार को देखिए, आज की सरकार सिर्फ दो उद्योगपतियों का प्रोत्साहन कर रही है, सिर्फ दो। उनके जो मित्र हैं, उनको देश की पूरी संपत्ति सौंपी जा रही है। देश के बंदरगाह, देश के एयरपोर्ट, देश के जितने भी बड़े-बड़े पीएसयू थे। अब आप सोचिए, मैंने भविष्य की बात की, भविष्य में सोचते हैं, तो सबसे ज्यादा क्या जरुरी होता है भविष्य के लिए, नौजवानों के भविष्य के लिए। बहनें आप यहाँ बैठी हैं, आप अपनी बेटियों को, बच्चों को पढ़ाती हैं, लिखाती हैं, मेहनत करती हैं, रोज खेती में जाती हैं, मेहनत करती हैं और उस मेहनत की कमाई से इन्हें पढ़ाती हैं। तो आप क्या उम्मीद रखती हैं इनके भविष्य के लिए कि बड़ी होकर नौकरी मिलेगी, कमाएंगे, खुद अपना भविष्य मजबूत बनाएंगे। तो एक ऐसी सरकार है जो रोजगार बना ही नहीं रही है, तो फिर आपके भविष्य का क्या होगा? जिसका विजन नहीं है, रोडमैप नहीं है कि रोजगार कैसे बने। शिक्षा की एक नई संस्था नहीं बनाएंगे, जो पुरानी हैं, उनको भी बिगाड़ कर रख देंगे। अगर ऐसी सरकार होगी, तो आपके भविष्य का क्या होगा?देखिए, रोजगार कहाँ से बनते हैं, समझ लीजिए ये बात – सबसे पहले तो जो बड़े-बड़े पीएसयू थे, इससे बनते थे। आज मैंने कहा आपसे, सब के सब अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को सौंप दिए हैं। वहाँ प्राइवेटाइज हो जाता है। उसमें ना आरक्षण होता है, उसमें ना रोजगार बनते हैं। तो जो सबसे बड़ी पीएसयू थे, जहाँ रोजगार बनते थे, वो तो इन्होंने अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को सौंप दिए और ये भी नहीं कहा कि चलो जितने अच्छे उद्योगपति हैं, मैंने इतने नाम लिए आपके सामने, जो सब आपके ही क्षेत्र से हैं, इन सबका प्रोत्साहन सरकारों ने किया था एक जमाने में। सबको मदद की थी कि आप बड़े बनेंगे, तो आप रोजगार दिलवाएंगे, आपकी कंपनियां बड़ी होंगी तो मजबूती होगी देश में। आज सिर्फ दो उद्योगपति हैं और उनकी ऐसी-ऐसी कंपनियां हैं, ऐसे-ऐसे कारोबार हैं, जिससे रोजगार नहीं बनते। तो एक तो यहाँ रोजगार का जरिया खत्म हो गया। दूसरा रोजगार का सबसे बड़ा जरिया क्या होता था, माध्यम क्या होता था- खेती, किसानी और आपने सबकी बातें सुनी। आप सब जानते हैं कि किसान आंदोलन हुआ। किसलिए हुआ इतना बड़ा आंदोलन, कितने किसान शहीद हुए, क्यों उतरे वो सड़क पर? क्योंकि ऐसे काले कानून ला रहे थे, जो कि ये खेती, किसानी भी अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को सौंप रहे थे। आपको अपनी जमीनों पर हक, अपनी खेती पर हक, वो सब बिगाड़ने जा रहे थे और झुके, जरुर झुके। लेकिन ये भी समझ लीजिए बहनों और भाइयों, कब झुके – चुनाव से पहले झुके। जब चुनाव आ रहा था, किसानों को शहीद होने दिया उससे पहले, उनकी कोई सुनवाई नहीं की, सड़क पर बैठे हुए थे। खाना नहीं था, पानी नहीं था, सर्दी थी मुझे याद है उस समय, किसी ने बात तक नहीं की उनसे। बात तब होनी शुरु हुई, जब चुनाव सामने आ रहा था। तब तक हमने खुद आंदोलन किया। लखीमपुर खीरी में किसानों को अपनी जीप के नीचे रौंदने वाले मंत्री के बेटे को उन्होंने बचाया और वो मंत्री उनके साथ मंच पर बैठता था। कुछ नहीं किया। तब किया जब चुनाव आने लगे। तो आप सोचिए, किसानों ने आंदोलन किया, क्यों किया? जैसे मैंने कहा कि एक ऐसी नीति आ रही थी, जो उनको कुचलने वाली नीति थी। इसी तरह से हर वर्ग को देखिए। आप महिलाओं की बात कर रहे हैं, सब कर रहे हैं आजकल। क्योंकि, आजकल नेता भी समझ गए हैं कि महिलाओं का वोट बहुत कीमती है, इसलिए आज सब महिलाओं की बात कर रहे हैं। लेकिन महिला आरक्षण की बात सबसे पहले किसने की – सालों पहले कांग्रेस पार्टी ने की। महिलाओं को आरक्षण किसने दिया पंचायतों में – सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने दिया और इन्होंने एक ऐसा कानून पास किया है जो कहते हैं कि 10 साल तक लागू नहीं होगा। क्या करेंगे हम इस आरक्षण का, अगर 10 साल हमें रुकना पड़ेगा इसके लिए?तो इनकी बातें जो हैं पूरी तरह से खोखली है। जो उदारता होनी चाहिए, जो समर्पण होना चाहिए, वो नहीं है। उदारता तो वो होती है जो किसान बाहर बैठा हुआ है सर्दी में, खा नहीं रहा है, पी नहीं रहा है। सुनवाई तो कर लो, समझ तो लो कह क्या रहा है, इस देश की जनता क्या कह रही है आपसे। लेकिन आज जो सरकार है, मोदी जी की सरकार, भाजपा की सरकार, उसमें आपकी कोई सुनवाई नहीं है। ये सरकार सिर्फ बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए चल रही है और वो भी जो इनके गिने-चुने मित्र हैं। जिनको पूरे देश की संपत्ति सौंप कर इनकी सत्ता मजबूत रहे।
तो आपको समझना पड़ेगा कि आज की जो परिस्थितियां हैं, उनसे आपका भविष्य कैसे बनेगा। ओपीएस की आपने बात की। अब जो कर्मचारी है, 20-20 साल काम करता है, उसकी क्या उम्मीद होती है और सरकारी नौकरी, मुझे याद है बचपन में भी, जब मैं छोटी थी, तो मुझे याद है कि बहुत लोग आते थे कि सरकारी नौकरी किसी तरह से, इंदिरा जी से कह दीजिए, पिता जी से कह दीजिए किसी तरह से हमारी लग जाए तो हमारा जीवन बन जाएगा। किसलिए कहते थे ये बात, क्योंकि ये नौकरी करने के बाद, 20-20 साल नौकरी करने के बाद पेंशन तो ठीक ढंग का मिलता था, उसकी सुरक्षा होती थी। आज जितने भी ये पुलिसकर्मी हैं, जितने यहाँ तैनात हैं, क्या किसी को पुरानी पेंशन नहीं मिल सकती? जब आप मांग उठाते हैं, तो आपको कहा जाता है कि पैसा नहीं है इसके लिए। तो जब इसके लिए पैसे नहीं है, तो आप बताइए कि इतने बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने के लिए पैसे कहाँ से आए? जो हजारों-करोड़ रुपए इनके माफ होते हैं, वो पैसे कहाँ से आए? जो मोदी जी दो हवाई जहाज अपने लिए विदेश में जाने के लिए खरीदते हैं, एक 8,000 करोड़ का, दूसरा 8,000 करोड़ का, 16 हजार करोड़ के दो हवाई जहाज सिर्फ अपने लिए खरीदते हैं, उसके लिए पैसे हैं। 20 हजार करोड़ आपके पास हैं खर्चने के लिए नए संसद भवन को बनाने के लिए, जबकि पुराना संसद भवन ठीक तरह से चल रहा है। उसका सौंदर्यकरण करने के लिए आप 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने के लिए तैयार हैं। लेकिन किसान की मांग, किसान का कर्ज माफ नहीं करेंगे। ओपीएस के लिए आपके पास पैसे नहीं हैं। तो आज की सच्चाई ये है, असलियत ये है।आपने देश को अनगिनत शहीद दिए। इस सरकार ने क्या किया आपके लिए, अग्निवीर ले आए। जब मैं लखीमपुर खीरी में किसानों के लिए आंदोलन कर रही थी, उस समय जब इन्होंने किसानों को कुचला था जीप के नीचे, तब हम उनके परिवार से मिलने के लिए जाना चाह रहे थे, तो हमें रोक दिया गया। रात का समय था, हम निकल गए अपनी गाड़ी से, हम चले गए कि किसी ना किसी तरह से हम पहुंचेंगे परिवारों के पास। पुलिस ने सब जगह नाकाबंदी की हुई थी, हमें ढूंढ रहे थे और हम ऐसे ही निकल गए गाड़ी में पीछे छुपकर। 4 बजे रात में हम एकदम दूर एक गांव में थे, कुछ नहीं था वहां, बिजली नहीं थी, कुछ नहीं था और हम इंतजार कर रहे थे कि हमारे कुछ साथी जाकर देखें कि पुलिस कहां खड़ी है, हम दूसरी तरफ से निकलें। तो मैंने देखा कि कम से कम 30-40 बच्‍चे साढ़े तीन बजे सुबह सड़क पर आ गए, तो मैंने अपने साथ‍ियों से पूछा ये क्‍या हो रहा है? कहा वो दौड़ लगाने आए हैं। मैंने कहा- दौड़ किसलिए, अभी इस समय? कहते नहीं ये दौड़ लगाने आए हैं, क्‍योंकि ये सेना में भर्ती होना चाहते हैं।तो मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि यूपी के गांव-गांव में, हरियाणा के गांव-गांव में, राजस्‍थान के गांव-गांव में ये एक उम्‍मीद है नौजवानों में कि हम सेना में भर्ती होंगे, हमारा जीवन बनेगा, हमें अच्‍छी नौकरी मिलेगी और हम देश के लिए शहीद हो सकते हैं और ये आशा, ये उम्‍मीद अपने दिल में रखते हैं कि हम देश की रक्षा करेंगे, हम देश की सुरक्षा करेंगे। बदले में क्‍या मिला – चार साल की स्‍कीम, कि आप सुबह ऐसी दौड़ लगा रहे हो, ट्रेनिंग कर रहे हो, हर तरह की मुश्किलों का सामना करके आप सेना में भर्ती होने की कोशिश करेंगे और सेना में भर्ती होने के बाद, चार साल बाद आप घर वापिस आ जाएंगे और आपको वो भी बेनिफिट्स नहीं मिलेंगी जो बाकी सेना में मिलते हैं। तो आज-कल जब मुझे नौजवान मिलते हैं मुझे कहते हैं कि इस बार तो हम भरेंगे ही नहीं एप्‍लीकेशन, हम भर्ती ही नहीं होना चाहते, क्‍या फायदा है दीदी। तो जहां-जहां आप देखो ये सरकार आपको दबाने की कोशिश करती है और आपके भविष्‍य को नकारती है, सिर्फ अपनी सत्ता, अपना भविष्‍य देखना चाहती है। आज बेरोजगारी इस देश में 45 सालों में सबसे ज्‍यादा बढ़ गई है। जैसे मैंने कहा जहां-जहां से रोजगार बनना था, वो तो खत्‍म कर दिया आपने। जो छोटे कारोबार थे, छोटे बिजनेस, छोटी दुकानें, जहां से भी रोजगार बनते थे, क्या किया– नोटबंदी लाए, जीएसटी थोप दी, अब हर चीज पर जीएसटी, सबकुछ महंगा हो गया, दुकानदार अपनी कमाई नहीं कर पा रहा। तो जहां-जहां से रोजगार बनने थे, वो सारा खत्‍म कर डाला और ऊपर से महंगाई इतनी बढ़ा दी कि प्रदेश की सरकारें आपके लिए महंगाई राहत कैंप लगा रही हैं, आपके लिए प्रदेश की अशोक गहलोत जी की सरकार महंगाई राहत शिविर लगा रही है, क्‍योंकि महंगाई… भाजपा की देश में जो सरकार है केंद्र में, उन्‍होंने इतनी बढ़ा दी है… मेरी बहनें बैठी हैं, आपको मालूम है जब कुछ पकाना पड़ता है या कोई त्‍यौहार होता है, अभी दशहरा था, अब दीवाली आएगी तो मन में क्‍या बात है, किस तरह से मैं करूंगी? आप कुछ खरीदना चाहते हैं घर के लिए, धनतेरस आएगा, धनतेरस पर खरीदना चाहती हैं तो आपके दिल में हमेशा ये बात होती होगी कि कैसे करूंगी? कमाई तो कम हो रही है, महंगाई इतनी बढ़ रही है, बच्‍चों को पढ़ाना है, उनको स्‍कूल भेजना है, उनकी फीस भरनी है, उनकी किताबें खरीदनी हैं, उनके कपड़े, जूते खरीदने हैं, कोई बीमार पड़ जाता है, उसका इलाज कराना है। यहां तो प्रदेश सरकार ने आपको इतनी मदद दी है, महंगाई राहत शिविर लगाए हैं, इलाज के लिए 25 लाख का बीमा है, 25 लाख का इलाज मुफ्त। जब मैं दूसरे प्रदेशों में जाती हूं और ये बात कहती हूं तो चौंक जाते हैं। वहां तो अगर कोई बीमार पड़ता है तो दिल में इतनी टेंशन हो जाती है, इतनी घबराहट हो जाती है कि किस तरह से हम इसका इलाज भी कराएंगे। तो ये परिस्थितियां हैं आज की। तो इन सबको आप अच्‍छी तरह से जब समझेंगे और आप जागरुक बनेंगे कि किस तरह की सरकार आप चाहते हैं, किस तरह के नेता चुनना चाहते हैं। क्‍या आप ऐसे नेता चाहते हैं जो सिर्फ अपना ही भविष्‍य देखते रहे हैं? अपनी सत्ता में रहने का काम करते रहे हैं और आपके बारे में सोचे ही नहीं। चुनाव आए तो धर्म की बातें शुरू। तो आपका काम है कि नहीं है, आपका दायित्‍व है, आपका धर्म होना चाहिए और आपका कर्तव्‍य है कि आप नेता को जवाबदेह बनाओ और असलियत ये है बहनों और भाईयों कि जो धर्म की राजनीति चलाते हैं, उनकी जवाबदेही खत्‍म हो गई है। वो समझ गए हैं कि चुनाव के समय धर्म की बात कर लो, जाति की बात कर लो, सबके जज़्बात उससे जुड़े हुए हैं, सबको डरा लो, सबको कह दो कि हम धर्म की सुरक्षा नहीं करेंगे तो ऐसा हो जाएगा, वैसा हो जाएगा और वोट मिल जाएंगे।ये समझ गए हैं कि काम करने की जरूरत नहीं है, सिर्फ धर्म का नाम लीजिए, जाति का नाम लीजिए, चुनाव के समय वोट बटोरते जाइए, लेकिन इस सिलसिले को बंद करना ये आपका कर्तव्‍य है। जब तक आप जागरुक नहीं बनेंगे, जब तक आप ये तय नहीं करेंगे कि जो नेता है, वो काम की बात करे, वो काम करके दिखाए और उसी काम के अनुभव पर आपका वोट लगेगा, तब तक ये राजनीति चलती रहेगी। देखिए, मैं कुछ दिनों पहले सिकराय गई थी, वहां पर मैंने एक बात की, इतना भड़क गए भाजपा वाले कि मुझ पर केस भी डाल दिया उन्‍होंने और मैंने बात सुनिए क्‍या कही थी। मैनें ये कहा था कि मैंने टीवी पर देखा, पता नहीं सच है कि नहीं, क्‍योंकि टीवी पर ऐसी बातें भी होती हैं जो सच नहीं होती हैं आज-कल, लेकिन मैंने टीवी पर देखा कि श्री देवनारायण जी के मंदिर में मोदी जी गए और उन्‍होंने एक बक्सा होता है मंदिर का, उसमें लिफाफा डाल दिया, फिर उस लिफाफे को 6 महीने के लिए किसी ने खोला नहीं कि मोदी जी ने डाला है। 6 महीनों बाद वहां के मंदिर के जो पंडित जी हैं और सब लोग इकट्ठे हुए और टीवी वाले भी कैमरा लेकर गए और उन्‍होंने वो बक्‍सा खोला तो उस लिफाफे से क्‍या निकला (जनता ने कहा – 21 रुपए) 21 रुपए निकले। तो सबकी उम्‍मीदें कहां थी और निकला क्‍या।

देश के प्रधानमंत्री, इतने बड़े नेता और उन्‍होंने 21 रुपए का लिफाफा डाल दिया सबके सामने कि लिफाफा तो डल रहा है, उसके अंदर क्‍या है हमें नहीं मालूम। तो देखिए मैं तो समझ गई कि ये मोदी जी का लिफाफा खाली है। ये बात चुभ रही है इनको, क्‍योंकि ये बात सच ही होगी और ये बात इसलिए चुभ रही है, क्‍योंकि जो काम ये करते हैं उससे यही दिख रहा है बार-बार। वो कहते हैं महिलाओं के लिए आरक्षण, आरक्षण कब आएगा – 10 साल बाद। बिल पास हुआ अभी, आरक्षण आएगा 10 साल बाद, इसका मतलब क्‍या है, मोदी जी का लिफाफा – (जनता ने कहा – खाली है)। हमने जाति जनगणना की बात की, इन्‍होंने ओबीसी वर्ग के लिए बोला कि हम आगे बढ़ाएंगे, हम खूब काम करेंगे, एससी, एसटी, ओबीसीज़ के लिए। फिर जब हमने जाति जनगणना की बात की, फिर से मुंह बंद, कुछ नहीं कहते, क्‍यों – क्‍योंकि मोदी जी का लिफाफा – (जनता ने कहा – खाली है)। ईआरपीसी (Eastern Rajasthan Canal Project) का वादा किया, 10 साल निकल गए, बनाया उन्‍होंने – (जनता ने कहा – नहीं बनाया) नहीं बनाया न, क्‍यों – क्‍योंकि मोदी जी का लिफाफा – (जनता ने कहा – खाली है)। देख‍िए, इनकी सिर्फ खाली घोषणाएं हैं, खोखली घोषणाएं हैं, खाली लिफाफे हैं। जो भी घोषणा करते हैं, उसको जमीन पर उतारते नहीं हैं। आज कांग्रेस की सारी सरकारें, जितनी भी गारंटी उन्होंने दी हैं, जितनी घोषणांए की हैं आज जमीन पर उतार रही हैं। छत्तीसगढ़ को देखिए, राजस्‍थान को देखिए, हिमाचल प्रदेश को देखिए, कर्नाटका को देखिए और मेरी बातों पर मत जाइए। ये नौजवान बच्‍चे बैठे हैं, मेरी बातों पर मत जाओ, इंटरनेट पर जाओ और देखो कि कौन से प्रदेशों में कौन सी गारंटी लागू हो रही है कि नहीं और आपको खुद दिखेगा, आपका अपना अनुभव है, आप महंगाई शिविर कैंप में गए होंगे, आपको यहां की प्रदेश की सरकार ने जितनी भी सुविधाएं दी हैं, आपको उसका अपना अनुभव होगा। तो आप मन बना लीजिए इस बार, कांग्रेस की बहुत सारी परियोजनाएं हैं, इधर बड़ी लंबी लिस्‍ट है। स्‍वास्‍थ्‍य, भोजन, शिक्षा, सब चीज। पूरे देश में राजस्‍थान आज स्‍वास्‍थ्‍य का अधिकार देने वाला पहला राज्‍य है। स्‍वास्‍थ्‍य बीमा, मैंने आपसे कहा 25 लाख रुपए तक है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक हजार इंदिरा रसोई चल रही हैं जिसमें 8 रुपए में आपको भरपेट भोजन मिल रहा है, कहीं नहीं हो रहा ये किसी प्रदेश में। इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के तहत 500 रुपए का आपको गैस सिलेंडर मिलता है, इन्‍होंने 1,200 तक इसका दाम बढ़ा दिया था, अब चुनाव आ गए हैं, उसको घटाने जा रहे हैं, वो भी अपने प्रदेशों में।तो आपको देखना चाहिए कि क्‍या हो रहा है आपके साथ – धोखा हो रहा है, खोखली बातें हो रही हैं। हमारी सरकार ने यहां एक करोड़ से ऊपर उपभोक्‍ताओं का बिजली बिल शून्‍य बनाया है, आपको बिजली शून्‍य बिल पर मिलती है। यहां आज मिन‍िमम इंकम गांरटी एक्‍ट लागू है, मिन‍िमम इंकम गारंटी का मतलब है कि जो भी नौकरी करता है, काम करता है उसको इससे कम पैसे नहीं मिलने चाहिए, इसकी गारंटी है। पांच लाख गिग वर्कर्स को कानूनी सुरक्षा दी है, जैसे जो यहां से गांवों से बड़े-बड़े शहरों में जाते हैं काम करने के लिए, कोई उनकी सुरक्षा नहीं देखता, कोई ये नहीं देखता कि वो नौकरी कर रहा है, उसको कितने पैसे मिल रहे हैं, तो इसलिए उनके लिए खास ये योजना बनाई गई। 12वीं तक शिक्षा नि:शुल्‍क हो गई है आपके प्रदेश में, 309 नए कॉलेज बने हैं, 9 नई सरकारी यूनिवर्सिटियां खोली हैं, 2,500 महात्‍मा गांधी राजकीय स्‍कूल खोले हैं, हर जिले में अस्‍पताल और नर्सिंग होम है, सरकारी नौकरियों में ठेका प्रथा खत्‍म कर दी गई है, 21 लाख किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया है, हमने ये नहीं कहा कि पैसे नहीं है इसके लिए, अन्‍नपूर्णा फूड पैकेट के माध्‍यम से आपको गेहुं, दाल, चीनी, तेल, नमक और मसाले, सब कुछ मिलता है। केंद्र की कुनीतियों को कांग्रेस ने यहां पर, आपके प्रदेश में रोकने की कोशिश की है, आपको मदद करने की कोशिश की है। आप इनकी वजह से जूझ रहे हैं और हम आपको मदद करने के लिए, आपकी सहायता करने के लिए सबकुछ करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस का जो लिफाफा है, वो आपके लिए राहत और सहायता और सुरक्षा की पूंजी से भरा हुआ है। तो मैं तो कहती हूं इनका लाभ उठाइए, अपने भविष्‍य को मजबूत बनाइए। आपके सामने सबकुछ है। देखिए, मेरी दादी इंदिरा जी कहती थीं कि सबसे ज्‍यादा विवेक पब्लिक में ही है और जब कोई शक हो कि समझ में नहीं आ रहा है कि क्‍या करना है? कैसे करना है? पब्लिक के पास जाओ, जनता बताएगी तुम्‍हें कि तुम्‍हें क्‍या करना है और कैसे करना है। तो इस देश की सबसे बड़ी मजबूती जनता ही है। अफसोस इस बात का है कि आप इस बात को समझ नहीं रहे हो। जब आपका ध्‍यान कहीं और आकर्षित हो रहा है, आपको भटकाया जा रहा है, आप भटक रहे हो। आप अपना ध्‍यान अर्जुन की आंख की तरह सटीक रखो और कहां होना चाहिए ये ध्‍यान – अपने ऊपर

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