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दिल्ली

फरिश्ते योजना को ठप करने की साजिश, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख की शिकायत


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई  फरिश्ते स्कीम जिस की चर्चा पिछले कुछ सालों से पूरे देश भर में हो रही है और जिसका लाभ पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के हजारों लोगों को मिला है और जिसकी वजह से दिल्ली के हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी है, ऐसी फरिश्ते स्कीम को एक षड्यंत्र के तहत निष्क्रिय किए जाने की साजिश की जा रही है. उन्होंने बताया  की लगभग पिछले डेढ़ साल से एक षड्यंत्र के तहत प्राइवेट अस्पतालों के उन बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जोकि फरिश्ते स्कीम के तहत उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त लोगों का इलाज किया था, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ऐसा संयोग वश नहीं है, बल्कि जानबूझकर और एक सोची समझी साजिश के तहत, प्राइवेट अस्पतालों के बकाया बिलों के भुगतान को रोका जा रहा है,

ताकि पैसा ना मिलने के चलते प्राइवेट अस्पताल दुर्घटनाग्रस्त लोगों का इलाज करना बंद कर दें और दिल्ली के लोगों को इसके कारण परेशानी का सामना करना पड़े और दिल्ली की चुनी हुई केजरीवाल सरकार की बदनामी हो. उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत यदि किसी भी व्यक्ति की सड़क पर चलते हुए दुर्घटना हो जाती है तो उसे व्यक्ति को किसी भी नजदीक के प्राइवेट अस्पताल में यदि भर्ती कराया जाता है, तो उसके इलाज का सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाती है.उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी स्कीम है जिसकी सराहना पूरे देश भर में हुई, परंतु आप सभी को यह जानकर बेहद ही आश्चर्य होगा कि लगभग पिछले डेढ़ साल से यह स्कीम ठप पड़ी हुई है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि इस संबंध में मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिख संबंधित अधिकारियों और विभाग की शिकायत की है,

और मुझे उम्मीद है, कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले का जल्द से जल्द संज्ञान लेंगे और उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त सख्त कार्यवाही की जाएगी. फरिश्ते स्कीम की विधि को विस्तार पूर्वक बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज का पूरा खर्चा तो दिल्ली सरकार उठाती ही है, साथ ही साथ वह व्यक्ति जिसने दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाया, उसके इस सराहनीय कार्य के लिए दिल्ली सरकार उसे ₹2000 की सम्मान राशि से पुरस्कृत भी करती है. उन्होंने बताया कि यह योजना इतनी बेहतर है कि इस योजना के जरिए न केवल हजारों लोगों को सही वक्त पर इलाज मिला और उनकी जान बचाई जा सकी बल्कि प्राइवेट अस्पताल भी इस स्कीम के तहत बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे थे और तुरंत दुर्घटनाग्रस्त मरीज का इलाज किया करते थे, क्योंकि इलाज में आया सारा खर्च उन्हें दिल्ली सरकार से मिल जाता था. इस योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस योजना की शुरुआत 15 जनवरी 2018 को की गई थी और तब से लेकर आज तक लगभग 23000 से अधिक लोगों की जान इस योजना के तहत बचाई जा चुकी है. परंतु एक सोची समझी साजिश के तहत लगभग पिछले एक साल से इस फरिश्ते योजना को ठप करने का काम किया जा रहा है.इस स्कीम के तहत लाभान्वित कुछ लोगों का उल्लेख पत्रकारों के साथ करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनको इस स्कीम के तहत लाभ प्राप्त हुआ और उनकी कहानी मीडिया और सोशल मीडिया में बहुचर्चित हुई जिनमें से कुछ लोग निम्न प्रकार से हैं……
1) विकास साहनी और उनकी पत्नी सोनिया साहनी जो की विजयनगर के रहने वाले थे, टू व्हीलर पर जा रहे थे, सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हुए, वहीं से जाते हुए एक व्यक्ति अतुल कोहली जो मॉडल टाउन जा रहे थे, उन्होंने इन लोगों को अपनी गाड़ी में बैठाकर पास के प्राइवेट अस्पताल पेंटामेड अस्पताल डेरावाल नगर में भर्ती करा दिया I दुर्घटना में विकास साहनी को बहुत गंभीर चोटे आई, अस्पताल ने कहा किसी बड़े अस्पताल में इनको शिफ्ट किया जाएगा, तो दिल्ली सरकार के खर्चे पर उन्हें शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज कराया गया और दोनों की जान बच गई. 
2) रीता सिंह जो की मयूर विहार क्षेत्र की रहने वाली थी, स्कूटी से जा रही थी, एक कर ने टक्कर मारी और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें आईपी एक्सटेंशन में मौजूद मेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया. दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना के तहत उनका पूरा इलाज किया गया और उनकी जान बच गई .
 3) इमानुएल जेम्स जोकि मंगोलपुरी के रहने वाले हैं उनकी 3 साल की बच्ची का सड़क पर एक्सीडेंट हो गया, पास के प्राइवेट अस्पताल में तुरंत उस बच्ची को ले जाया गया और दिल्ली सरकार की फरिश्ते योजना के तहत उस बच्ची का भी इलाज हुआ और उस बच्ची की भी जान बच गई.
 4) रोहित बंसल जोकि पटेल नगर के रहने वाले हैं, उनके पिताजी सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए घर से निकले थे और सड़क पर एक्सीडेंट हो गया, मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें पास के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, लगभग 12 दिन अस्पताल में भर्ती रहे, उनके इलाज का भी पूरा खर्चा दिल्ली सरकार की फरिश्ते स्कीम के तहत दिया गया और उनकी भी जान बच गई.मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि किसी भी दुर्घटना के होने के लगभग 1 घंटे तक का जो समय होता है, कहा जाता है कि उस समय में व्यक्ति के बचने के जो उम्मींद होती है, वह लगभग 80% होते है, यदि उसको तुरंत प्रभाव से सही उपचार मिल जाए. इस फरिश्ते योजना के तहत तुरंत उपचार मिलने के कारण अब तक लगभग 23000 लोगों की जान बचाई जा चुकी है. इस षड्यंत्र से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जनवरी 2023 में जब स्वास्थ्य विभाग उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के संज्ञान में यह बात आई कि लगभग 24.5 करोड रुपए, दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों का दिल्ली सरकार की तरफ बकाया है. मनीष सिसोदिया ने 24 जनवरी 2023 को डीजीएचएस को एक पत्र लिखकर उनसे जानकारी मांगी, कि कब तक इन सभी अस्पतालों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा, एक टाइम टेबल बनाकर इसकी जानकारी मुझे दी जाए. उन्होंने कहा आप सभी को यह जानकर हैरानी होगी कि इस संबंध में कोई भी जवाब कार्यालय की ओर से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नहीं दिया गया.

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