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राजनीतिक हरियाणा

राजनीतिक संरक्षण और पुलिस की मिलीभगत के चलते नशा बेचने वालों के हौसले बुलंद : डॉ. सुशील गुप्ता


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को बयान जारी कर हरियाणा में नशे के बढ़ते चलन को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अवैध नशा हर गांव, शहर, गली, मोहल्ले में खुले तौर पर बिकने लगा है। चिट्टे का नशा हो या दवाइयों के माध्यम से अलग किस्म के नशे हों। परंतु नशे के कारण दुश्मनियां भी बढ़ गई हैं। हालात इतने भयंकर हो गए हैं कि सिरसा जिले में आम आदमी पार्टी की जिला पार्षद संदीप कौर के जेठ 35 वर्षीय पलाराम को चिट्टे के नशे का विरोध करने पर अवैध विक्रेताओं ने जान से मार दिया।

उन्होंने कहा कि नशा बेचने वालों के इतने हौसले राजनीतिक संरक्षण, पुलिस की मिलीभगत और लचर करवाई के बिना नहीं हो सकते। ये बहुत ही दुखद है कि हरियाणा में इस तरीके से नशा बिकने लगा और नशा बेचने वाले के हौसले इतने बुलंद हो गए कि लोगों को जान से मारने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर नींद से कब उठेंगे और जो हरियाणा को नशे की गर्त में झोंकता जा रहा है उनके खिलाफ कब कार्रवाई करेंगे। सिरसा के गांव रोड़ी में ये जो भयंकर हादसा हुआ है, ऐसा हादसा कहीं हरियाणा के घर घर न होने लगे। अब वक्त आ गया है कि सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पलाराम की हत्या की वो खुलेआम परिवार के और सदस्यों को भी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे हालात किसी भी देश और प्रदेश के लिए अच्छे नहीं होते। उन्होंने ने पुलिस प्रशासन और डीजीपी हरियाणा से इस हत्या करने वालों पर सख्त कार्रवाई और ऐसी कार्रवाई की मांग की जिससे लोगों को नसीहत मिल सके।

उन्होंने कहा पिछले आठ साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हर साल औसतन 47 से 50 युवक नशे के कारण दम तोड़ रहे हैं। साल 2022 में 84 युवाओं ने जान गंवाई। हरियाणा में नशे की बढ़ती मांग के चलते तस्कर सभी प्रकार के नशे की खेप की खेप सप्लाई कर रहे हैं।  रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि हरियाणा में नशे की सप्लाई में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें हेरोइन, गांजा, चरस, अफीम, स्मैक, कैप्सूल और कफ सिरप जैसे नशे शामिल हैं।

नशे से हुई मौत
साल        मौत
2014       76
2015       32
2016       28
2017       52
2018       86
2019     13
2020       7
2021    आंकड़े नहीं
2022      84
उन्होंने कहा आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात साल से अधिक समय में पूरे हरियाणा के नशा मुक्ति केंद्रों में 7.12 लाख नशा करने वालों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 2018 से हर साल एक लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए। 2018 में कुल 1.02 लाख नशे के आदी लोगों ने पंजीकरण कराया। वहीं 2019 में 1.16 लाख, 2020 में 1.08 लाख और 2021 में 1.16 लाख और 2022 में एक लाख से अधिक लोगों ने नशा छुड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2016 से 2023 तक जहरीली और नकली शराब से 39 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा सैकड़ों केस ऐसे भी हैं, जो रिकॉर्ड में ही न हों।

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