अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विगत 9 वर्षों से आईटी का अधिक से अधिक उपयोग कर राज्य को डिजिटल क्रांति में अग्रणी बनाया है। सरकारी विभागों की कार्यशैली में आईटी ने व्यवस्था परिवर्तन का एक नया अध्याय जोड़ा है। मुख्यमंत्री ने मिशन- 2024 को भी आईटी से जोड़ा है और हरियाणा को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं से आईटी का उपयोग कर स्टार्टअप्स शुरू करके अन्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया है।मुख्यमंत्री ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विज़न को साकार करने की दिशा में अन्य राज्यों की तुलना में अनूठी पहल की है, जिसके चलते हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है।
हरियाणा का परिवार पहचान पत्र इसी डिजिटल क्रांति का एक नया उदाहरण है, जिसमें प्रदेश के हर परिवार की जानकारी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि अब परिवार पहचान पत्र में उपलब्ध डाटा के अनुसार राज्य सरकार गरीबों, वंचितों व जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बना रही है और उन्हें सीधा लाभ प्रदान किया जा रहा है। 8 अंकों के इस परिवार पहचान आईडी का अन्य राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं।मुख्यमंत्री का मानना है कि आज के युवा देश के भविष्य का आधार हैं। आईटी सेवी इन युवाओं की सोच ग्लोबल है और ये युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को सफल बनाने में अहम कड़ी साबित होंगे। आज हरियाणा के युवाओं का रुझान आईटी की ओर बढ़ा है। चंद्रयान-3 में भी हरियाणा के युवाओं का अतुलनीय योगदान रहा है। मुख्यमंत्री का मानना है कि डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर आज के युवा हमारी समृद्ध हरियाणवी संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का काम भी कर रहे हैं।
मनोहर लाल, जो स्वयं एक आईटी ज्ञाता हैं, ने आईटी को सुशासन का आधार माना है। ई-गवर्नेंस से गुड गवर्नेंस के अपने विज़न पर चलते हुए उन्होंने सदैव अधिकारियों व कर्मचारियों को भी आईटी का अधिक से अधिक उपयोग करने की ओर प्रेरित किया। यही कारण है कि आज हरियाणा में 50 से अधिक सरकारी विभागों से जुड़ी 650 से अधिक नागरिक सेवाएं व योजनाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं और घर बैठे ही लोग इन योजनाओं व सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। इन योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में युवा एक अहम भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े अधिकतर अभिभावकों को आईटी का इतना प्रयोग करना नहीं आता, जितना अधिक आज के युवा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा मिशन मेरिट पर चलते हुए विगत 9 वर्षों में 1.10 लाख सरकारी नौकरियां दी गई हैं। लेकिन सभी जानते हैं कि हर किसी को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री कहते हैं कि युवाओं को रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे, ताकि युवा रोजगार मांगने की बजाय दूसरों को रोजगार देने वाले बन सकें। मुख्यमंत्री की इस सोच को आज प्रदेश के युवा चरितार्थ कर रहे हैं। राज्य के कई युवाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप शुरू कर न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि प्रदेश व देश की आर्थिक प्रगति में भी सहयोग कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स के माध्यम से युवा आज जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब गीवर बन रहे हैं।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments