अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : डीसी समीरपाल सरों के तबादले के बाद 12 /2 ,सेक्टर -37 में पर बचे हुए अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों का स्टे क्या जिला प्रशासन निरस्त करवा पाएगा या नहीं यह चर्चाएं कल शाम से शुरू हो गई हैं। बताया गया हैं कि समीरपाल सरों के जाने से भाजपा के एक मंत्री से जुड़े बिल्डर बेहद खुश होंगें। क्यूंकि अब उनकी बची हुई अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों को टूटने का खतरा काफी कम हो गई हैं।
दरअसल में डिप्टी कमिश्नर व निगमायुक्त समीरपाल सरों ने अवैध निर्माणों के खिलाफ जो अभियान चलाया हुआ था उनके इस अभियान के चपेट में शहर के बड़े – बड़े वह बिल्डर आ गए जो कानूनी नियमों को ठेंगा दिखातें हुए खुलेआम अवैध निर्माणों का कार्य धड़ल्लें से चला रहे थे और इन अवैध निर्माणों की वजह से प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की काफी बदनामी हो रही थी। इसके बाद उन्होनें फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र में शिकंजा कसने के उद्देश्य से अवैध निर्माणों के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की जिसके बाद फरीदाबाद के बिल्डरों में खलबली मच गई और उनके जहां -जहां से वह लोग अपने अवैध निर्माणों को बचाने हेतु सिफारिशें करवा सकतें थे वह सब के सब फ़ैल होते हुए नजर आए।
गौरतलब हैं कि बीते 24 अक्टूबर को प्रात 10 बजे 12 /2 , सेक्टर -37 में अवैध रूप से बने दो चार मंजिला इमारत सहित चार बिल्डिंगों को तीन पोकलेन व तीन जेसीबी मशीनों की सहायता से तोड़ दी गई थी। उन सभी बिल्डिंगों को डिप्टी कमिश्नर व निगमायुक्त समीरपाल सरों के आदेश पर तोड़ दी गई थी। इसमें एक पूर्व मंत्री के रिस्तेदार व दिल्ली के एक पार्षद के साथ कई बिल्डरों के बिल्डिंगें थी। यहां की जो तोड़फोड़ थी फरीदाबाद के अभी तक के इतिहास में सबसे बड़ी तोड़फोड़ थी इसके बाद से पुरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ था। इतना ही नहीं जिन -जिन बिल्डरों ने वहां पर अवैध निर्माण किया था उन में से छह बिल्डरों के खिलाफ सराय थाने में एक दर्जन से अधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया गया।