अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
जम्मू कश्मीर से संबंधित दो बिलों पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री द्वारा भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर राहुल गांधी ने कहा कि पंडित नेहरू ने हिन्दुस्तान के लिए अपनी लाइफ़ दे दी, सालों जेल में रहे; अमित शाह जी को शायद हिस्ट्री नहीं मालूम, वो तो मैं एक्सपेक्ट ही नहीं कर सकता हूं कि उनको हिस्ट्री (history) मालूम हो… वो तो हिस्ट्री को रीराइट(rewrite) करते रहते हैं। ये पूरा का पूरा डिस्ट्रैक्ट (distract) करने का है; बेसिक इशू जाति जनगणना और जो भागीदारी है इस देश की, जो धन देश का है, वो किसके हाथों में जा रहा है… ये मेन इशू है और इस इशू को ये लोग डिस्कस नहीं करना चाहते, इससे डरते हैं, इससे भागते हैं। मगर इस इशू को हम आगे ले जाएंगे और जो ग़रीब लोगों का हक़ है, वो हम उनको दिलवाएंगे। एक अन्य प्रश्न पर गांधी ने कहा कि नहीं-नहीं, बिल्कुल नहीं नकारा।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी द्वारा आदिवासी और ओबीसी मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न पर गांधी ने कहा कि हमारा भी ओबीसी था, इन्होंने ओबीसी दिया…. वो इशू नहीं है। सवाल ये है कि स्ट्रक्चर के अंदर कितनी भागीदारी है। प्रधानमंत्री ओबीसी हैं, मगर सरकार को 90 अफ़सर चलाते हैं… 90 अफसर में से तीन ओबीसी हैं और जो ओबीसी हैं, उनका कोने में ऑफ़िस है। तो मेरा पॉइन्ट है कि सरकार का सिस्टम… हमारा इंस्टिट्यूशनल सिस्टम जो है पूरा का पूरा, उसमें ओबीसी की कितनी भागीदारी है, दलितों की कितनी भागीदारी है, आदिवासियों की कितनी भागीदारी है… ये हिन्दुस्तान के सामने मेन सवाल है, ये मेन इशू है और 24 घंटा ये डिस्ट्रैक्ट करने के लिए कभी जवाहरलाल नेहरू के बारे में बोलेंगे, कभी किसी और के बारे में बोलेंगे… बात भागीदारी की है।
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