अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेशभर में सफाई व्यवस्था को लेकर एक्शन में दिख रहे हैं। लगभग एक सप्ताह पहले जिला उपायुक्तों, जिला नगर आयुक्तों, नगर निगम आयुक्तों व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने शहरों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि वे स्वयं या अलग-अलग टीमें शहरों में सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण करेंगी। मुख्यमंत्री वीरवार को स्वयं गुरुग्राम शहर की सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने पर कन्हई रोड पर सफाई व्यवस्था देख रही एजेंसी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इतना ही नहीं, सफाई कर्मचारियों के सुपरवाइजर से लेकर संयुक्त आयुक्त तक पर मुख्यमंत्री ने जुर्माना लगाया।
उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है, किसी प्रकार की ढिलाई सहन नहीं की जाएगी। नागरिकों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। वरिष्ठ अधिकारियों की और अधिक जिम्मेवारी बन जाती है और लापरवाही के चलते ही इन अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है। मनोहर लाल ने नगर निगम के आयुक्त का 15 दिन का वेतन काटने, संयुक्त आयुक्त का 1 माह का वेतन काटने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सफाई कर्मियों के सुपरवाइजर पर 10 रुपये, फिल्ड ऑफिसर अजय कुमार पर 1,000 रुपये, एडिशनल सेनेटरी इंस्पेक्टर पर 2,000 रुपये,सीनियर सेनेटरी इंस्पेक्टर पर 3,000 रुपये तथा ज्वाइंट कमिश्नर संजय सिंगला पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। मुख्यमंत्री ने औचक निरीक्षण करते हुए कहा कि शहरों में सफाई व्यवस्था रखने में सफाई कर्मियों का अहम योगदान है। उन्हें समय पर वेतनमान मिले,यह प्रशासन की जिम्मेवारी है। इसलिए अगले तीन दिनों में सफाईकर्मियों की सैलरी जारी की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी एक सप्ताह में शहर की सफाई व्यवस्था में गुणात्मक सुधार करें। अधिकारी समय-समय पर मौके पर जाकर सफाई व्यवस्था की चेकिंग भी करें। इस मौके पर प्रधान सलाहकार शहरी विकास डी एस ढेसी, जिला नगर आयुक्त पी सी मीणा, जिला उपायुक्त निशांत यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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