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दिल्ली राष्ट्रीय स्वास्थ्य

भ्रष्टाचार की जांच: केंद्र सरकार, केंद्र शासित एजेंसी GEM के खिलाफ क्यों नहीं दिए CBI जांच के आदेश : सौरभ भारद्वाज


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस वार्ताओं को संबोधित करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री  सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जुलाई-अगस्त के महीने में कुछ दवाइयां एवं अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली अन्य उपभोग्य वस्तुओं जैसे पट्टी, रुई आदि के लगभग 43 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।  उन्होंने कहा कि आज कुछ न्यूज़ चैनलों पर यह खबर देखने को मिली कि जांच रिपोर्ट आ गई है और उनकी जांच में 43 में से  5 के सैंपल तय मानकों के अनुसार सही नहीं पाई गए।  स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब यह सैंपल जांच के लिए भेजे गए तो उसके लगभग एक से डेढ़ महीने बाद एक बैठक में चर्चा के दौरान मुझे इसकी जानकारी मिली।  आज न्यूज़ चैनलों पर सैंपलों की जांच मामले में सीबीआई जांच की खबर देखकर मुझे लगा कि शायद दवाइयां और अन्य उपभोग्य वस्तुओं के मामले में जांच की जाएगी।  परंतु यह बेहद ही हैरान करने वाली बात है कि LG  की ओर से केवल दवाइयां के विषय में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं। भ्रष्टाचार की जांच में यह दोहरा रवैया उनके नेक नियत पर प्रश्न चिन्ह लगता है। 
केंद्र सरकार की नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए मंत्री  सौरव भारद्वाज ने कहा कि एक समय पर दिए गए अलग-अलग वस्तुओं के सैंपलों में पाई गई अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई जांच मामले में यह दोहरा व्यवहार केवल और केवल इस कारण से है, क्योंकि अस्पतालों के लिए जो अन्य उपभोग्य वस्तुएं खरीदी गई थी, वह केंद्र सरकार की वेबसाइट GEM (गवर्नमेंट ई मार्केटिंग) के जरिए खरीदी गई थी।  मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा क्योंकि यदि दोनों ही प्रकार की वस्तुओं के संबंध में सीबीआई जांच के आदेश दिए जाते तो सीधे तौर पर उंगली केंद्र सरकार पर उठ रही थी, इसीलिए यह दोहरा रवैया अपनाते हुए केवल और केवल दवाइयां के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए।  पत्रकारों के समक्ष तथ्य प्रस्तुत करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जिस दिन से मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला है, तब से लेकर अब तक लगभग 40 से 50 बैठक में स्वास्थ्य सचिव, डीएचएस एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कर चुका हूं. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा इन सभी बैठकों में लिए गए फैसलों के तहत हर बार स्वास्थ्य सचिव को यूओ नोट्स भेजे गए, मीटिंग में लिए गए फैसलों के मिनट्स भेजे गए और स्वास्थ्य सचिव को उन बैठक में लिए गए फैसलों को क्रियान्वित करने के निर्देश भी दिए गए।  साथ ही साथ कई बार अलग से पत्र व्यवहार किया गया, कि जो आदेश आपको दिए गए थे, उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है, उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करें।  मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि आपको जानकर हैरानी होगी कि न तो स्वास्थ्य सचिव की ओर से अब तक किसी भी संबंध में कोई कार्यवाही की गई और न ही मेरे किसी भी पत्र द्वारा मांगी गई रिपोर्ट का जवाब स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार की ओर से आज तक मिला है I इस संबंध में एक और जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 9 मार्च को स्वास्थ्य मंत्री बनने के तुरंत बाद 21 मार्च 2023 को एक बैठक कर मैंने यह आदेश जारी किया था, कि जो भी दवाइयां और अन्य उपभोग्य वस्तुएं दिल्ली सरकार के अस्पतालों में खरीदी गई है शीघ्र अति शीघ्र उनकी ऑडिट की जाए I आपको जानकर हैरानी होगी की स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार ने उस डायरेक्शन को भी आज तक नहीं माना है.  दवाइयों की खरीद फरोख्त से संबंधित जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया की दिल्ली में भी और शायद अन्य राज्यों में भी अस्पतालों में जो दवाई की खरीद फरोख्त होती है, वह सीपीए ( सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी) द्वारा की जाती है।  उन्होंने बताया कि इस सीपीए की जिम्मेदारी डीएचएस की होती है, तथा सर्वोच्च जिम्मेदारी स्वास्थ्य सचिव की होती है।  केंद्र सरकार से प्रश्न पूछते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि जब केंद्र सरकार को इस बात का साक्ष्य मिला है, कि दिल्ली के अस्पतालों में दवाई की खरीद फरोख्त में धांधली हो रही है, भ्रष्टाचार किया जा रहा है, और केंद्र सरकार के पास सभी जांच एजेंसियां उनके अधीनस्थ हैं और चूँकि दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग में सर्वोच्च पद स्वास्थ्य सचिव के पद पर एसबी दीपक कुमार तैनात हैं, तो क्यों नहीं केंद्र सरकार स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार और तत्कालीन डीएचएस के खिलाफ कोई कार्यवाही कर रही है।  पत्रकारों को एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, आज से लगभग दो महीने पहले 23 अक्टूबर 2023 को हमने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जरिए उपराज्यपाल को यह शिकायत की थी, कि स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार और तत्कालीन डीएचएस नूतन मुंडेजा को बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाए।  केंद्र सरकार से प्रश्न पूछते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब खुद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने इन दोनों अधिकारियों को बर्खास्त करने एवं उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की सिफारिश की है तो क्यों नहीं केंद्र सरकार ने अब तक इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाया है।  मीडिया के माध्यम से एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार से यह अपील की, कि अब तो आपकी जांच में भी यह पाया गया है कि दवाइयां की खरीद फरोख्त में धांधली की जा रही है तो तुरंत प्रभाव से इन दोनों जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।  

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