अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व सैनिकों के साथ गणतंत्र दिवस मनाया। हरियाणा एक्स सर्विसेज लीग के कार्यक्रम में हुड्डा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने ध्वजारोहण किया और तिरंगे को सलामी दी।इस मौके पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए हुड्डा ने कहा कि आज उनके जैसे सैनिकों की वजह से ही पूरा देश 26 जनवरी जैसे त्यौहार मना रहा है। क्योंकि स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें तो आजादी दिलवाई, उसकी रक्षा देश के बहादुर सैनिकों ने ही की। वो खुद एक स्वतंत्रता सेनानी व सैनिकों के परिवार से आते हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है। इसलिए उन्हें सैनिकों के जीवन को नजदीक से देखने व उनकी कुर्बानियों को समझने का मौका मिला। मुख्यमंत्री के रूप में जब उन्हें सैनिकों की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ तो कांग्रेस सरकार ने पुलिस, बिजली बोर्ड समेत सभी विभागों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था लागू करके खाली पदों का बैकलॉग पूरा किया।
राज्य सैनिक बोर्ड में पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए ब्यूरोक्रेट की जगह भूतपूर्व सैनिक या फौज के अधिकारी को ही अफसर बनाना अनिवार्य किया। क्योंकि एक सैनिक ही सैनिक के मुद्दों व समस्याओं को समझ सकता है। इतना ही नहीं, कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को स्वतंत्रता सेनानियों, आजाद हिन्द फौज के सेनानियों, भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को स्वतंत्रता सम्मान पेंशन और वित्तिय सहायता देने वाला देश का अग्रणी राज्य बनाया। स्वतंत्रता सेनानी और उनकी विधवाओं की सम्मान पेंशन को 1525 रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए मासिक किया गया। लेकिन मौजूदा सरकार ने साढ़े 9 साल में इसमें एक भी पैसे की बढ़ोत्तरी नहीं की। इतना ही नहीं बीजेपी-जेजेपी ने स्वतंत्रता सैनानियों के परिवारों के कल्याण के लिए बनाई गई समिति भी बंद कर दी। हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों की बेटियों, बहनों एवं पोतियों की शादी पर 51 हजार रुपए वित्तीय सहायता दी जाती थी। 25 प्रतिशत से अधिक नि:शक्त भूतपूर्व सैनिकों को राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा थी। प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल रेवाड़ी के गांव टप्पा खोरी में बनाया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही हरियाणा के सेवारत, भूतपूर्व सैनिकों तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए 50 हजार फ्लैट्स बनाए गए। सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों का हाऊस टैक्स माफ किया गया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 2 करोड़, अशोक चक्र से सम्मानित सैनिक को 1 करोड़ और महावीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 1 करोड़ रुपए की राशि दी जाती थी। इतना ही नहीं, परमवीर चक्र पर 2.50 लाख रुपए, अशोक चक्र पर 2 लाख रुपए व महावीर चक्र पर 1.90 लाख रुपए वार्षिक सम्मान राशि अलग से सरकार द्वारा दी जाती थी। लेकिन पिछले साढ़े 9 साल में इस सरकार इस राशि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की। हरियाणा से हर साल लगभग साढ़े 5 हजार युवा सेना में भर्ती होते थे, लेकिन इस सरकार ने अग्निवीर योजना लागू करके प्रदेश के युवाओं से देश की सेवा का यह मौका भी छीन लिया। जब से यह योजना आई है, तब से प्रदेश के केवल 914 युवा ही अग्निवीर के कच्चे पदों पर भर्ती हो पाए हैं।
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