अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: मानसून में जुलाई से अक्टूबर के दौरान, जो बरसाती पानी नदी के ज़रिए समुद्र में व्यर्थ बह जाया करता था, उसके सदुपयोग व बाढ़ से बचाव को लेकर हरियाणा व राजस्थान के बीच डीपीआर अर्थात् विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का समझौता हुआ है। नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में बरसात के दिनों में यमुना नदी के ज़रिए पानी समुद्र में बह जाता था, उसको स्टोर करके सदुपयोग करने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। हरियाणा की पश्चिमी यमुना नहर( डब्ल्यूजेसी) की सरकार ने क्षमता 18000 क्यूज़िक से बढ़ाकर 24000 क्यूज़िक कर दी है, इस समझौते के अंतर्गत बरसात के दिनों में अपनी पूरी क्षमता में चलने के साथ उसका इस्तेमाल हरियाणा के सूखाग्रस्त इलाकों में करने के साथ ही पूरे प्रदेश को लाभ होगा और राजस्थान को भी पानी दिया जाएगा। इस पानी का हरियाणा के बॉर्डर एरिया के ज़िलों भिवानी, चरखी दादरी और हिसार के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकेगा।
बरसात का सप्लस पानी वेस्टर्न यमुना कैनाल अपनी बढ़ी हुई 24000 क्यूज़िक पूरी क्षमता में चलने के साथ राजस्थान को दिया जाएगा। यह सुप्लीस पानी नदी के ज़रिए समुद्र में बह जाता था और कभी कभी हरियाणा में बाढ़ का कारण बनता था । समझौते के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के बीच में सरप्लस बरसाती पानी के सदुपयोग को लेकर डीपीआर बनाने का समझौता हुआ है। राजस्थान व हरियाणा के सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बरसात के दिनों में हथिनी कुंड बैराज पर हरियाणा की डब्लूजेसी की बढ़ी हुई कैपेसिटी है, उसे पूरा किया जाएगा जिससे पूरे प्रदेश को लाभ होगा और राजस्थान को अंडर ग्राउंड पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मानसून के मौसम में जुलाई से अक्टूबर के दौरान बरसात के पानी के बेहतर उपयोग और एक-एक बूंद के सदुपयोग को लेकर राजस्थान के साथ समझौता हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे बॉर्डर पर स्थित जिलों के अलावा पूरे प्रदेश को डब्लूजेसी की बढ़ी हुई क्षमता से ज्यादा पानी मिलेगा और राजस्थान को भी पानी दिया जा सकेगा। चैनल बनाने के लिए डीपीआर बनाने का समझौता हुआ है। राजस्थान के साथ समझौते में चार पाइप लाइन बिछाई जाएगी जिनमें से 2500 क्यूज़िक की तीन पाइपलाइन राजस्थान के लिए होंगी तथा चौथी पाइपलाइन से राजस्थान बॉर्डर पर हरियाणा के तीन जिलों भिवानी, चरखी दादरी व हिसार के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की आवश्यकता पूरी की जाएगी। इस एरिया में भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली के साथ जैसा समझौता हमारा चल रहा है, वह भी इसमें शामिल होगा।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि समझौते से हरियाणा के बॉर्डर वाले इलाकों में बरसाती पानी को स्टोर करके उसे भविष्य में पीने तथा अन्य जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। डब्लूजेसी की बढ़ी हुई क्षमता का लाभ भी पूरे प्रदेश को मिलेगा। मानसून के मौसम में सरप्लस बरसाती पानी के बेहतर प्रयोग के लिए समझौता हुआ है। बरसात का पानी, जिसकी अधिकता होने से कई बार बाढ़ भी आती है, बड़ी मात्रा में पानी यमुना के ज़रिए समुद्र में व्यर्थ बह जाता था,अब उस पानी का बेहतर उपयोग हो पाएगा। उस पानी का इस्तेमाल हम राजस्थान और हरियाणा के लिए कर पाएंगे। पानी की हर एक बूंद का उपयोग किया जाएगा उसके लिए यह समझौता हुआ है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह का आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत लंबे समय से बरसाती पानी के सदुपयोग के लिए यह लंबित योजना थी, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया क्योंकि कांग्रेस की सरकार कभी इस तरीके की बातों पर ध्यान नहीं देती है। राजस्थान में तीन पाइपलाइन बिछाई जाएंगी। इसको लेकर डीपीआर के लिए हमारी सहमति बनी है। हरियाणा का हिस्सा हरियाणा के पास ही रहेगा। हमारे तीन जिले चुरू,सीकर और झुंझुनू में पानी की बहुत दिक्कत है, जिनमें पानी की किल्लत दूर होगी । इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘हरियाणा सरकार के अतुलनीय 9 वर्ष पुस्तक भी भेंट की।
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