अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के समर्थन में मोदी सरकार से कई मांगें की हैं। कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने गुरुवार को यूपीए सरकार द्वारा पास की गई वन रैंक, वन पेंशन स्कीम एवं पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लागू करने और पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये जारी किए जाने की मांग की है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झूठा राष्ट्रवाद, झूठा सैन्य प्रेम देश की सेना, देश के सैनिकों और उनके परिवारों को कमजोर कर रहा है। कांग्रेस की एक ही मांग वन रैंक, वन पेंशन स्कीम है, जिसे यूपीए सरकार ने दोनों सदनों में पास किया था। कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 में वन रैंक, वन पेंशन के लिए पूरा मसौदा तैयार किया गया था। वन रैंक, वन पेंशन पर कुल खर्च 8,300 करोड़ रुपये आना था। मोदी सरकार द्वारा 2015 में इसे लागू किया गया, मगर इसके कई पहलू हटा दिए गए और कुल 5,300 करोड़ खर्च पास किया गया।
ओआरओपी-2 आने के बाद यह राशि 23 हजार करोड़ रुपये होनी चाहिए थी। रक्षा मंत्रालय की 23 दिसंबर, 2022 की प्रेजेंटेशन में कहा गया कि वन रैंक, वन पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। उसके बाद अक्टूबर 2023 में राजस्थान चुनाव के दौरान झुंझुनू की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 70,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले रेवाड़ी में रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक लाख करोड़ से ज्यादा दिए जा चुके हैं। कुल 23 हजार करोड़ रुपये आज तक दिए गए हैं। मगर प्रधानमंत्री कहीं 70,000 करोड़ रुपये बोल रहे हैं, कहीं एक लाख करोड़ रुपये बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी देश को झूठ बोलना बंद करें, देश की सेनाओं के साथ झूठ बोलना बंद करें। मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति साथियों का 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया है। लेकिन उनके पास सेना को देने के लिए पैसे नहीं हैं। कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि हमें कोई भी विसंगति वन रैंक,वन पेंशन की नहीं चाहिए। आज सभी सैनिक और पूर्व सैनिक नाराज हैं,क्योंकि मोदी सरकार ने ओआरओपी-1 के बाद ओआरओपी-2 के अंदर विसंगतियां पैदा कर दी हैं। जेसीओ जवानों को साढ़े 12 हजार रुपये हर महीने के हिसाब से कम मिल रहा है। मोदी सरकार ने डिसेबिलिटी पेंशन को खत्म कर इसे इम्पेयरमेंट रिलीफ का नाम दे दिया गया। पहले अगर किसी सैनिक को डिसेबिलिटी पेंशन मिलती थी, तो उसके देहांत के बाद परिवार को पेंशन मिलती थी, जो कि इनकम टैक्स के दायरे से भी बाहर थी। लेकिन अब सैनिक के देहांत के बाद पेंशन में कटौती कर दी जाएगी। जो डिसेबिलिटी पेंशन पहले थी, हमें वही पेंशन चाहिए। उन्होंने बताया कि डिसेबिलिटी पेंशन जिस सैनिक को मिल रही थी, उसके खिलाफ मोदी सरकार का रक्षा मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट जा रहा है। आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने डिसेबल सैनिकों के हक में जो फैसले किए हैं, उन फैसलों के खिलाफ मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जा रही है। मोदी सरकार द्वारा पीआईएल दायर की गई है। मोदी सरकार इन्हें तुरंत प्रभाव से वापस ले और सैनिकों को सम्मान दिया जाए। कर्नल रोहित चौधरी ने आगे कहा कि रिटायर्ड सैनिकों को मेडिकल स्कीम मिलती है। इस स्कीम का नाम एक्स सर्विसमैन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये की जरूरत थी। मोदी सरकार द्वारा इसके लिए सिर्फ 4700 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। सेनाओं ने दस हजार करोड़ रुपये मांगे थे, मगर सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये दिए गए। अस्पतालों के छह हजार करोड़ रुपये के बिल लंबित हैं। पूर्व सैनिक अस्पताल जाते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है और कह जाता है कि अभी सरकार ने पैसे नहीं दिए हैं। मोदी सरकार जल्द से जल्द ये 6,000 करोड़ रुपये दे, ताकि देश के पूर्व सैनिकों का इलाज हो सके।
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