अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम; लोकसभा चुनाव के दौरान सभी प्रकार की प्रचार सामग्री पर प्रकाशन करवाने वाले दल या व्यक्ति और प्रकाशक का नाम छापना जरूरी है। इस जानकारी के बिना चुनाव से संबंधित पंपलेट, पोस्टर, बैनर आदि प्रकाशित करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। गुरूग्राम के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए में स्पष्ट तौर पर चुनाव के दौरान प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के लिए नियमों की जानकारी दी गई है। इन नियमों के अनुसार कोई भी प्रिंटिंग प्रैस संचालक बिना शपथ पत्र के चुनाव से संबंधित प्रचार सामग्री नहीं छाप सकता। इसके लिए उसे संबंधित उम्मीदवार से एक शपथ पत्र लेना है, जिस पर प्रचार सामग्री छपवाने वाले के हस्ताक्षर होंगे। साथ ही दो गवाहों के हस्ताक्षर पत्र पर होने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग के बाद प्रेस के मालिक को शपथ पत्र की प्रति और छापी गई प्रचार सामग्री की प्रतियां निर्वाचन विभाग के कार्यालय में भिजवानी होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित पंफलेट व पोस्टर आदि प्रचार सामग्री संबंधित उम्मीदवार की सहमति से ही छाप सकते हैं। उपायुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के नियमों के अनुसार लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री पर छपवाने व छापने वाले का नाम प्रकाशित होना जरूरी है। जिला के सभी प्रिंटिंग प्रैस संचालक चुनाव आयोग के नियमों की शत-प्रतिशत पालना करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन नियमों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ निर्वाचन विभाग द्वारा कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसलिए प्रिंटिंग प्रेस संचालक प्रकाशन सामग्री की जांच करने के उपरांत ही उसे प्रकाशित करने का निर्णय लें। इसमें किसी जाति, धर्म, भारतीय गणराज्य संघ, संविधान के प्रति आपत्तिजनक शब्द नहीं होने चाहिए।
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