अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे प्रथम पुलिस महानिरीक्षक/अधीक्षक सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत सभी पुलिस अधिकारियों ने योग क्रियाएं करते हुए की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर के साथ तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाने के लिए योग क्रियाएं की। योग क्रियाओ के इस सत्र में पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के योगासन करवाए गए। योगाचार्य हेमंत ने पुलिस अधिकारियों को तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाने में योग क्रियाओ जैसे-प्राणायाम, भस्त्रिका, नाड़ी शोधन की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा योग सत्र में सभी ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक ध्यान की क्रियाएं और गायत्री मंत्र का उच्चारण किया।
योगासन के दौरान सभी पुलिस अधिकारियों को शिथिलीकरण अभ्यास के आसन भी करवाए गए। योग आचार्य ने उष्ट्रासन, शशकासन,उत्तान मंडूकासन, वक्रासन, मक्रासन,भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपाद आसन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन, शवासन, कपालभाति, शीतली प्राणायाम करवाया । उन्होंने योग साधकों को इन सभी आसनों से मिलने वाले लाभ के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। योग सत्र का समापन शांतिपाठ के साथ किया गया।पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि योग के माध्यम से तन और मन को स्वस्थ व शुद्ध रखा जा सकता है। योग शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक व सामाजिक स्वास्थ्य का साधन है। योग हमें सम्पूर्णता से जीवन जीने की राह दिखाता है और तन और मन के विकारों को दूर करता है। उन्होंने कहा कि हम योग को अपनाकर संतुलित जीवन का निर्वहन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग से जीवन में संतुलन कायम होता है तथा हमें अनेक प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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