अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला: इस आशय की एक स्त्रोत जानकारी थी कि मैसर्स तिरुपति रोडवेज,जिससे की रत्तेवाली, जिला पंचकूला में खनन का ठेका दिया गया है, द्वारा जीएसटी, रॉयल्टी की चोरी की जा रही है तथा निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में सामग्री/खनिज निकाला जा रहा है, जिस पर उपरोक्त फर्म के खनन स्थल पर औचक जांच करने का निर्णय लिया गया। दिनांक 11.5.2022 को की गई औचक जांच के दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपने कब्जे में ले लिए। दस्तावेजों की जांच से पता चला कि दिनांक 5.5.2022 से 11.05.2022 तक 5 दिनों की अवधि के दौरान कुल 1868 ट्रक/डम्पर सामग्री बाहर ले जाए गए जबकि केवल 518 ट्रकों/डंपरों के जीएसटी एवं रॉयल्टी आदि का उल्लेख करते हुए बिल जारी होना पाया गया। इसके अलावा, खनिज साइट की हरसैक, गुरुग्राम और खनन विभाग, पंचकुला के अधिकारियों/कर्मचारियों से जांच करवाई गई कि उक्त साइट से कितनी मात्रा में सामग्री/खनिज निकाली गई है और इस संबंध में एक रिपोर्ट प्राप्त की गई।
रिपोर्ट से पता चला कि साइट से तय सीमा से करीब 6 गुना ज्यादा सामग्री/खनिज निकाली गई औचक निरीक्षण के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों तथा हरसेक की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को हुई हानि की गणना करने पर पता चला कि सरकार को 35 करोड़ रूपए की हानि हुई है। इस संबंध में आईपीसी की धारा 120-बी, 379, 420, 406, 409, 414, पीसी अधिनियम की धारा 13 (प्) (।) आर/डब्लू 13 (2) तथा एमएमडीआर एक्ट की धारा 21/4 के तहत मुकदमा संख्या 09 दिनांक 25.08.2022 पुलिस थाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो,पंचकूला में दर्ज किया गया।यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दिनांक 11.05.2022 के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के बाद भी, आरोपी गुरप्रीत सिंह ने अनुमेय सीमा से परे अवैध खनन/सामग्री के निष्कर्षण का उक्त अपराध करना जारी रखा। इसलिए, खनन विभाग ने जांच की और 134 करोड़ रुपये का जुर्माना उक्त आरोपी पर लगाया। मैसर्स तिरूपति रोडवेज के संचालक आरोपी गुरप्रीत सिंह सभरवाल उच्च न्यायलय चंडीगढ़़ से अपनी गिरफ्तारी पर कोई राहत/स्थगन पाने में विफल रहे। आरोपी गुरप्रीत सिंह सभरवाल, निवासी पंचकुला और संचालक मैसर्स तिरूपति रोडवेज, रत्तेवाली, जिला पंचकुला, जिन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जांच में शामिल होने से बच रहे थे, उन्हे दिनांक 12.04.2024 को देहरादून से गिरफ्तार किया गया है। अपनी गिरफ्तारी से पहले उन्हें जारी किए गए नोटिस के जवाब में, उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बीमार पिता, जो झारखंड के धनबाद के एक अस्पताल में भर्ती हैं, को देखने धनबाद जाना है, लेकिन गिरफ्तारी के समय वह देहरादून एक होटल में छिपे हुए पाए गए। इस प्रकार, वह जांच एजेंसी को गुमराह कर रहा था। उसने अभिलेखों के निर्माण/टेम्परिंग, फर्जी खाते/आंकड़े तैयार करने का अपराध किया। उसने खनन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से तय सीमा से अधिक मात्रा में सामग्री निकाली। उसने न केवल उक्त खदान से अनुमेय सीमा से अधिक सामग्री निकाली, बल्कि बिल जारी किए बिना सामग्री को ट्रकों/डंपरों में विभिन्न गंतव्यों तक बेचा/परिवहन भी किया और इस तरह लगभग 35 करोड रुपये का भारी नुकसान सरकार को हुआ। उन लोक सेवको की भूमिका की जांच की जा रही है जिन्होने आरोपी गुरप्रीत सिंह सभरवाल को अनुमेय सीमा से अधिक सामग्री/खनिज निकालने की मौखिक रूप से अनुमति दी।आरोपी गुरप्रीत सिंह सभरवाल को आज अदालत में पेश किया गया जिसने आरोपी को तीन दिन के पुलिस रिमांड में भेजने के आदेश पारित किए ।
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