अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का प्रचार खत्म होने के बाद शुक्रवार को दावा किया कि 4 जून को इंडिया गठबंधन को स्पष्ट और निर्णायक बहुमत मिलने जा रहा है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश, मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा और सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस पार्टी के मुद्दे आधारित अभियान को पहचाना, जिसने राजनीतिक शालीनता की सीमा को कभी नहीं लांघा।जयराम रमेश ने खुलासा किया कि चुनावी प्रचार के 77 दिनों के दौरान कांग्रेस ने देश के चुनाव आयोग के पास 117 शिकायतें दर्ज कराईं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 14 शिकायतें, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आठ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ तीन और भाजपा के अन्य नेताओं के खिलाफ शिकायतें शामिल थीं। लेकिन कई ऐसी शिकायतें हैं, जिनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव प्रचार बहुत ही सकारात्मक था। ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा का परिणाम है। कांग्रेस ने 23 जनवरी से 16 मार्च तक देश के सामने पांच न्याय और 25 गारंटियां रखीं। इसके माध्यम से श्रमिक न्याय, युवा न्याय, किसान न्याय, हिस्सेदारी न्याय, नारी न्याय की बात की गई। इसके साथ ही कांग्रेस ने संविधान की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस ने पिछले 72 दिनों में नरेंद्र मोदी से 272 सवाल पूछे थे, लेकिन हमें एक भी जवाब नहीं मिला। पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने ‘न’ से न्याय के आधार पर अपनी बात रखी और अपना प्रचार किया। वहीं, नरेंद्र मोदी और भाजपा ने ‘म’ से मंदिर, मंगलसूत्र, मटन, मुजरा जैसे शब्दों के आधार पर अपना प्रचार किया। इन सबके बाद अब प्रधानमंत्री ध्यान लगाने चले गए हैं। जिस व्यक्ति ने पूरे दस साल लोगों का ध्यान भटकाया, अब वह ध्यान लगा रहे हैं। खेड़ा ने कहा, जब भाजपा ने 400 पार का नारा दिया, तब इनके इरादे देश के सामने आए। भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि वे संविधान बदल देंगे, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने संविधान को बचाने की मुहिम छेड़ दी। चुनाव से ज्यादा जरूरी कांग्रेस के लिए संविधान और लोकतंत्र को बचाना है। वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी की डिजिटल और सोशल मीडिया रणनीति के बारे में बताया, जो भाजपा की तुलना में कई गुना अधिक सफल रही। उन्होंने कहा,कांग्रेस के प्लेट फॉर्म्स पर लोगों को अपने मतलब की बातें नजर आईं। जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, जनगणना जैसी अपनी मतलब की बातें सुनने-देखने को मिल रही थीं।वहीं, भाजपा के पूरे सोशल मीडिया से आम जनता की आवाज पूरी तरह से गायब थी। उन्होंने खुलासा किया कि 16 मार्च से 30 मई के बीच यूट्यूब पर कांग्रेस पार्टी के कुल व्यूज भाजपा के व्यूज से चार गुना अधिक थे। कांग्रेस को पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यूट्यूब पर 61.3 करोड़ व्यूज मिले, जबकि भाजपा को केवल 15 करोड़ व्यूज मिले।
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