अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने कहा कि महिला विरुद्ध अपराधों में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 65 मामलों की कमी दर्ज की गई है। जिला फरीदाबाद के जनवरी से जून माह तक के महिला विरुद्ध अपराधों का विश्लेषण किया जिसमें महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक वारदातों के तरीके, पीड़िता की शिक्षा, उम्र की समीक्षा करते हुए उनके साथ इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के साथ पीड़िताओं के संबंध चिन्हित किए गए है। उनका कहना है कि जनवरी से जून तक के 437 मामलों में 235 (55%) मामले अपहरण, 68 (15%) मामले पोक्सो की धारा 4/6, 62 (14%) मामले दुष्कर्म, 38 (8%) मामले छेड़छाड़ और 34 (8%) मामले पोक्सो की धारा 8/10/12 के शामिल है। यदि वर्ष 2023 के जून महीने तक के आंकड़ों को देखा जाए तो वर्ष 2023 में दुष्कर्म के 81 मुकदमों के मुकाबले इस वर्ष संख्या कम होकर 62 हुई है। दहेज के 199 मुकदमे कम होकर 160 पर आ गए हैं। दहेज हत्या के मामले 18 से घट कर 8 हो गए हैं. वहीं छेड़छाड़ के 54 मुकदमों की अपेक्षा इस वर्ष 37 मुकदमे दर्ज हुए हैं। दुष्कर्म के साथ हत्या के पिछले वर्ष के 3 मुकदमों के मुकाबले इस वर्ष अभी तक ऐसी कोई भी वारदात सामने नहीं आई है। शादी के लिए बहलाने फुसलाने (366/366A) के पिछले वर्ष के 58 मुकदमों के मुकाबले इस वर्ष 38 मामले सामने आए हैं। आंकड़ों की समीक्षा से पाया गया है कि सबसे अधिक 14 से 17 वर्ष की लड़कियां महिला विरुद्ध अपराध की शिकार होती हैं क्योंकि इस उम्र में उन्हें आसानी से बहलाया फुसलाया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार पीड़ितों में मुख्यत: 14 से 17 वर्षीय 270 लड़कियां शामिल है, वहीं 3 से 12 वर्ष की 38 लड़कियां,30 वर्ष से अधिक की 33, 18 से 20 वर्ष की 31 तथा 21 से 25 वर्ष की 26 युवतियां हैं जिनके साथ अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया गया है। इसलिए अपने बच्चों को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जानकारी प्रदान करके गुड टच व बेड टच के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करें।उनका कहना है कि आंकड़ों के अनुसार यह भी सामने आया कि इन अपराधों का शिकार ज्यादा तर कम पढ़ी लिखी लड़कियां होती हैं जिसमें सबसे अधिक अनपढ़ या पहली से दसवीं कक्षा तक पढ़ी हुई लड़कियां शामिल है। इसलिए अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिक से अधिक अवसर प्रदान करें ताकि वह पढ़ लिखकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके और इस प्रकार की वारदातों का शिकार होने से बच सके। दुष्कर्म के मामलों में मुख्य तरीका शादी का झांसा देना, नशीला पेय पदार्थ पिलाकर, जबरदस्ती, डरा धमकाकर, बहला फुसलाकर या वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करना पाया गया है। यह भी सामने आया कि दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में 94% आरोपित पीड़ित युवती/महिला के जानकार थे। वहीं पोक्सो एक्ट के मामलों में 52% आरोपित पीड़ित के पड़ोसी पाए गए जिन्होंने मौका देखकर महिला विरुद्ध अपराध की वारदातों को अंजाम दिया हैं। उक्त मामलों के विश्लेषण के आधार पर महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के निर्देशानुसार कम्युनिटी पुलिसिंग विंग, दुर्गा शक्ति,महिला पुलिस सहित फरीदाबाद पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। वर्ष 2024 में फरीदाबाद पुलिस द्वारा करीब 300 से अधिक जगरुकता प्रोग्राम कर हजारों की संख्या में महिलाओं, बच्चों, व बुजुर्गों सहित आमजन को इस प्रकार की आपराधिक वारदातों के बारे में डायल 112 व दुर्गा शक्ति द्वारा जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है ताकि इस प्रकार के मामलों में कमी लाई जा सके तथा हमारे समाज को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करके और बेहतर बनाया जा सके। SAFE CITY अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए यूनिक कोड का रजिस्ट्रेशन कराने वाले ऑटो को यूनिक कोड प्रदान करके लगवाए गए है। इसी प्रकार ई-रिक्शा पर भी यूनिक कोड लगाए गए है । महिला सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए पुलिस द्वारा डायल 112 पर ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस शुरू की गई है जिसमें यात्रा करने वाली महिलाओं को सफर के दौरान ट्रैक किया जाता है और उनसे फीडबैक लिया जाता है कि वह सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंची हैं या उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस की इस पहल से महिलाओं में भी सुरक्षा का माहौल पैदा होगा और महिलाओं के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के मन में भी डर का माहौल बनेगा और वह इस प्रकार की आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का दुस्साहस नहीं करेंगे। महिला अपराध बारे डायल 112 पर प्राप्त होने वाली कॉल का फीडबैक लिया जा रहा है । डायल 112 का अधिक से अधिक उपयोग करने के संबंध में आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। महिला सुरक्षा व अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के संदर्भ में फरीदाबाद में 1000 से अधिक कैमरे और 300 से अधिक पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम स्कूल , कॉलेज, पार्क इत्यादि व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं और उनकी रिकॉर्डेड वाइस के माध्यम से आमजन को महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, सड़क सुरक्षा सहित विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाता है। तीनों जॉन की दुर्गा शक्ति की छह टीम व महिला थाना की टीम और कम्युनिटी पुलिसिंग द्वारा भी समय-समय पर छात्राओं और महिलाओं को महिला विरुद्ध अपराध के प्रति सजग रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त थाना स्तर पर भी महिला विरुद्ध अपराधों के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
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