अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संसद परिसर में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की।मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी किसानों का अधिकार है और इंडिया गठबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि यह उन्हें मिले।उन्होंने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि वह इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के कार्यान्वयन के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे। राहुल गांधी ने संसद में अपने कार्यालय में बैठक के लिए किसान नेताओं को आमंत्रित किया था। शुरुआत में किसानों को संसद परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। जब किसानों से मिलने के लिए राहुल गांधी ने बाहर आने की बात कही तो अंततः किसान नेताओं को संसद परिसर के अंदर जाने की अनुमति दी गई, जहां उन्होंने राहुल गांधी के साथ विस्तृत बैठक की।बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश के अलावा पंजाब और हरियाणा से पार्टी के विभिन्न सांसद चरणजीत सिंह चन्नी, अमरिंदर सिंह राजा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, डॉ.धर्मवीर गांधी, डॉ. अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जयप्रकाश भी मौजूद थे।बैठक में शामिल होने वाले किसान नेताओं में जगजीत सिंह, लखविंदर सिंह, शांता कुमार, अभिमन्यु, नल्लामाला वेंकटेश्वर राव, पांडियन रामलिंगम, तेजवीर सिंह, सरवन सिंह पंढेर, सुरजीत सिंह, रमनदीप सिंह मान, गुरमनीत सिंह और अमरजीत सिंह शामिल थे। बाद में राहुल गांधी के साथ पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेताओं ने उनके आश्वासन पर संतोष और विश्वास व्यक्त किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी का मामला संसद में प्रभावी और जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।केसी वेणुगोपाल ने बाद में एक्स पर लिखा कि देश के करोड़ों किसानों के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी उम्मीद की किरण हैं। सरकार द्वारा अपमानित किए गए, लाठियों से पीटे गए और गोलियों से स्वागत किए गए इन किसानों ने सरकार से सारी उम्मीदें खो दी हैं।उन्होंने आगे लिखा कि किसान नेताओं के साथ बैठक में हमने एमएसपी की कानूनी गारंटी की तत्काल आवश्यकता, हरियाणा सरकार द्वारा पीड़ित प्रदर्शनकारी किसानों के लिए न्याय और किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
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