विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेन्द्रगढ़: दीवान कालोनी में स्थित श्री शिवमंदिर के प्राँगण में चल रही 7 दिवसीय भागवत कथा के छठे दिन वृन्दावन धाम से पधारे श्री योगेश जी महाराज के द्वारा -गिरीराज पूजन, गोपी गीत, महारास वर्णन, भगवान कृष्ण-बलराम का अक्रूर के साथ मथुरा आगमन, कुबजा उद्धार, कंस वध, जरासन्ध वध एवं भगवान कृष्ण द्वारा द्वारका निर्माण का वर्णन किया गया ।
रुकमणी मंगल की कथा सुनाते हुए महाराज जी ने बताया कि राजा भीष्मक की लड़की रुकमणी भगवान कृष्ण को चाहती थी परन्तु उसका भाई रुक्मी अपनी बहन रुकमणी का विवाह चन्देरी के राजा शिशुपाल से करना चाहता था । जब रुकमणी को इस बात का पता लगा तो उसने भगवान कृष्ण के पास निमंत्रण भेज दिया और उन्हें उपाय बताया कि जब मैं गौरी पूजन करने के लिए आऊँ तब आप अपना रथ लेकर वहाँ आ जाना और मेरा अपहरण करके ले जाना । भगवान कृष्ण ने रुकमणी के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए उसका अपहरण किया और द्वारका में आकर रुकमणी और भगवान कृष्ण की शादी हुई । इस अवसर पर श्रीराम दीवान, सुकेश दीवान, सुदेश दीवान , त्रिलौक ज्योतिषी, गोविन्दा शर्मा, औमप्रकाश शास्त्री, जितेन्द्र गायक, पं. परमानंद, प्रेमचंद, गजानन शर्मा, वीरेंद्र कौशिक, अमरसिंह सोनी, डा. रामकुमार, पवन कुमार, श्रीमती शांति दीवान, बबीता दीवान, उमा शर्मा, निर्मल शर्मा, शिवानी, रेनू एवं स्नेह लता सहित कालोनी के सैंकड़ों भक्त भी उपस्थित थे ।