अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
साइबर क्राइम रोज नए-नए रूप में सामने आ रहा है लोगों की सुविधा के लिए पुलिस द्वारा चलाए जा रहे यूपी कॉप एप से जानकारी हासिल कर साइबर अपराधी पीड़ितों को ही ठग रहे है। नोएडा की कोतवाली 63 पुलिस ने ऐसे ही एक साइबर ठगों के गिरोह का का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला कीपैड भी बरामद किया गया है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़ा शातिर साइबर ठग धीरेंद्र यादव, दसवीं फेल, लेकिन साइबर क्राइम का मास्टरमाइंड है, और मध्य प्रदेश के बारी गांव का निवासी है जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। धीरेंद्र अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस के यूपी कॉप से दर्ज किए गए मुकदमा की जानकारी हासिल कर फर्जी एसपी और कलेक्टर बनकर केस की प्रगति के नाम पर क्यूआर कोड से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर ठगी कर रहा था कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस गिरोह के मास्टर माइंड. समेत सिम उपलब्ध कराने वाले पुष्पेंद्र यादव की तलाश शुरू कर दी है।
डीसीपी नोएडा सेंट्रल ने बताया कि नोएडा के थाना 63 में एक मारपीट के मुकदमे में उसने जल्दी कार्रवाई करने के नाम पर पीड़ित से 3000 रुपयों की मांग की लेकिन पीड़ित ने उसकी सारी बात रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसकी बात पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पूछताछ में पता चला कि मध्य प्रदेश के महोबा इलाके में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं। गैंग के बदमाशों ने कुछ साइबर गिरोह से ट्रेनिंग ली। पहले आईपीसी और अब भारतीय न्याय संहिता के कानूनों की जानकारी ली। आरोपित सुबह गांव से जंगल की तरफ जा कर वहां से पहले एफआईआर निकालते हैं और बाद में कॉल करते हैं। गिरोह के कई जालसाजों की तलाश जारी है।
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