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रेस्तरां मालिक ने जीएसटी पर सीतारमण से की थी चिंता व्यक्त, समस्या सुलझाने की बजाय धमकाकर मंगवाई माफी


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष जीएसटी पर चिंता व्यक्त करने पर रेस्तरां मालिक से माफी मंगवाने को लेकर मोदी सरकार की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता के नशे में चूर है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दो वीडियो साझा किए।उन्होंने कहा, पहला वीडियो उस दिन का है, जब भाजपा कोयंबटूर में सदस्यता अभियान चला रही थी और लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात करने के लिए आमंत्रित किया गया था। उनमें से एक श्री अन्नपूर्णा स्वीट्स के मालिक श्रीनिवासन थे, जिन्होंने जीएसटी से जुड़ी अपनी परेशानी बताई। श्रीनिवासन ने कहा कि मेरी मिठाई की दुकान है, जहां मिठाई पर पांच प्रतिशत, नमकीन पर 12 प्रतिशत, सादे बन पर शून्य और क्रीम वाले बन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। उन्होंने बताया कि जटिल जीएसटी के कारण कंप्यूटर भी हैंग हो जाता है और टैक्स अधिकारियों को भी ये समझ नहीं आता। इसलिए जीएसटी को थोड़ा सरल कर दीजिए। इसके 24 घंटे के अंदर श्रीनिवासन को निर्मला सीतारमण के सामने बुलाया जाता है और उनसे माफी मंगवाई जाती है। इस पूरी घटना का वीडियो बनवाया जाता है, फिर उस वीडियो को भाजपा की तमिलनाडु इकाई शेयर करती है। इसका साफ मतलब है कि जब देश की वित्त मंत्री से किसी ने अपनी समस्याएंबताईं तो उन्हें सुलझाने के बजाय, डरा-धमकाकर माफी मंगवाना ज्यादा जरूरी समझा गया। यही मोदी सरकार में सत्ता का नशा है। श्रीनेत ने कहा, भाजपा सरकार ने छोटे-लघु-मध्यम उद्योगों की कमर तोड़ दी है। ये वही उद्योग हैं, जिनके ऊपर नोटबंदी और गलत जीएसटी का कहर बरसाया गया। लेकिन सरकार अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों की जी हुजूरी में खड़ी रहती है। अडानी जी को दस कंपनियां खरीदनी थीं, पर सरकारी बैंकों में उनका 67 हजार करोड़ रुपये बकाया था। बैंकों ने उन्हें छूट दी और 16 हजार करोड़ रुपये से भी कम में सौदा कर दिया गया। इस देश के बैंकों को 74 प्रतिशत का नुकसान झेलना पड़ा। श्रीनेत ने कहा कि भारत में कॉर्पोरेट टैक्स की तुलना में आयकर संग्रह कम होता था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे पलट दिया है। इस साल करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स जमा हुआ है, जबकि 2.1 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट टैक्स आया है। जो आयकर कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह का 21 प्रतिशत होता था, वो 28 प्रतिशत हो गया है। डॉ. मनमोहन सिंह के जमाने में जो कॉर्पोरेट टैक्स कुल डायरेक्ट टैक्स का 35 प्रतिशत होता था, वो 26 प्रतिशत हो गया है। इस देश के सबसे गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी अदा कर रहे हैं। श्रीनेत ने कहा, तमिलनाडु अपने लोगों और अपनी संस्कृति का यह अपमान नहीं सहेगा। यही कारण है कि भाजपा पेरियार की धरती पर आज तक खड़ी नहीं हो पाई है।कारण साफ है कि भाजपा लोगों का तिरस्कार करती है, जो इस देश का कोई भी राज्य नहीं सहेगा। ये निर्मला सीतारमण का घमंड है कि उनसे महंगाई पर बात करो तो कहती हैं कि मैं प्याज-लहसुन नहीं खाती। इस सरकार का हर मंत्री अहंकार में चूर है, जिसके जनक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। भाजपा और निर्मला सीतारमण को माफी मांगनी चाहिए।

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