अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग जाति जनगणना का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे सच्चाई से डरते हैं। उन्होंने दोहराया कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इसके साथ ही आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाया जाएगा। यह बातें लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। इससे पहले उन्होंने कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण भी किया। संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश की सार्वजनिक क्षेत्र में आरक्षण था और लोगों को रोजगार मिलता था। लेकिन मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण करना शुरू कर दिया, जिससे वहाँ का आरक्षण भी खत्म हो गया। ये निजीकरण से ज्यादा डि-रिजर्वेशन था। भाजपा-आरएसएस ये काम कई वर्षों से कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, भाजपा कहती है कि जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए। भाजपा नहीं चाहती कि जनता को सच पता चले और वो जान सके कि देश को चलाने का सिस्टम किसके हाथ में है। लेकिन जातिगत जनगणना होने से कोई रोक नहीं सकता। कांग्रेस जातिगत जनगणना कराएगी। कांग्रेस सिर्फ जातिगत जनगणना की बात नहीं करती, इसमें दो बातें और जुड़ती हैं। पहला सामाजिक-आर्थिक सर्वे है, इससे पता चलेगा कि देश की वित्तीय व्यवस्था में अलग-अलग वर्गों की कितनी पकड़ है। दूसरा संस्थागत सर्वे है, जिससे मालूम होगा कि देश की संस्थाओं में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग की कितनी भागीदारी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में 400 पार सीटों की बात करते थे। लेकिन चुनावों में जनता ने बता दिया कि संविधान को सिर-माथे पर लगाना होगा। ये हिंदुस्तान की जनता की शक्ति है।वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अडानी-अंबानी देश में हर तरह का व्यापार कर सकते हैं। लेकिन गरीब आदमी के व्यापार करने के सभी रास्ते बंद कर दिए जाते हैं। इस देश को चक्रव्यूह की तरह छह लोग चला रहे हैं, जिन्होंने देश के 90 प्रतिशत लोगों के रास्ते बंद कर दिए हैं। आज देश की 200 बड़ी कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट में एक भी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं है। लेकिन मीडिया में 24 घंटे विकास, प्रगति और भारत के सुपरपावर बनने जैसी बातें कही जाती हैं।राहुल गांधी ने कहा, आज देश की शिक्षा व्यवस्था का भी निजीकरण हो रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनसे हजारों बच्चों मिले। सब कह रहे थे कि हम इंजीनियर, डॉक्टर और आईएएस बनना चाहते हैं। लेकिन सवाल है कि कितने बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर और आईएएस बनेंगे। अगर पांच-सात प्रतिशत बन भी जाएंगे तो बाकियों का क्या होगा और जो इंजीनियर, डॉक्टर बनना चाहते हैं, उनके माता-पिता से लाखों-करोड़ों की फीस मांगी जाती है, जो वो नहीं दे पाते हैं। इतना सब होने के बाद भी कहा जाता है कि देश सुपर पावर बनेगा।वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अग्निवीर योजना सेना में जाने वाले हिंदुस्तान के 90 प्रतिशत लोगों के हाथ से पेंशन छीनने का जरिया है। पहले युवा सेना में जाता था तो सरकार कहती थी कि आपने देश सेवा की है। इसलिए हम आपको, आपके परिवार को सुविधाएं देंगे। देश सेवा में जो जवान शहीद होते थे, उन्हें शहीद का दर्जा मिलता था। लेकिन मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर जवान से पेंशन, सम्मान और शहीद का दर्जा छीन लिया।बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर के मूलमंत्र ‘शिक्षित बनो, आंदोलन करो, संगठित रहो’ को याद दिलाते हुए राहुल गांधी ने कहा, अगर आप शिक्षित होंगे तो अपने आसपास की चीजों को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। इसके बाद ही आप आंदोलन के लिए, संघर्ष के लिए तैयार हो सकते हैं, क्योंकि बिना शिक्षा के आंदोलन की कोई दिशा नहीं होगी और कोई भी आंदोलन बिना संगठित हुए नहीं हो सकता है, इसकी शक्ति का प्रभाव नहीं होगा। इसलिए संगठित होना जरूरी है।छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण पर अपने संबोधन में भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, हिंदुस्तान में आज दो विचारधाराओं की लड़ाई है। पहली संविधान की रक्षा करती है, समानता और एकता की बात करती है। यह शिवाजी महाराज की विचारधारा है। दूसरी शिवाजी महाराज की विचारधारा वाले संविधान को खत्म करने में लगी है। लोगों को डराती और धमकाती है।उन्होंने आगे कहा, संविधान को बचाने की लड़ाई नई नहीं है। जिस विचारधारा से शिवाजी महाराज लड़े, उसी विचारधारा से कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। भाजपा ने शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाई, जो कुछ दिन में टूटकर गिर गई। ये संदेश था कि अगर शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाएंगे, तो उनकी विचारधारा की रक्षा भी करनी पड़ेगी। क्योंकि भाजपा के लोग शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने हाथ तो जोड़ते हैं, लेकिन 24 घंटे उनकी सोच के खिलाफ काम करते हैं।
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