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दिल्ली

दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रैप-1 को सख्ती से लागू करेगी ‘‘आप’’ सरकार, सीएम आतिशी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर ‘‘आप’’ सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने ग्रैप-1 के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। इस बाबत मंगलवार को सीएम आतिशी ने उच्च स्तरीय बैठक कर मौजूद हालात की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि जनवरी से 12 अक्टूबर तक 200 दिनों तक दिल्ली की हवा गुड कैटेगरी में रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से एक्यूआई पुअर कैटेगरी में है। लिहाजा, सोमवार की शाम से ग्रैप-1 के नियम दिल्ली में लागू कर दिए गए हैं। धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी, जबकि पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी और डीएमआरसी अपने निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाएंगी। पीडब्ल्यूडी, एमसीडी समेत सभी विभाग सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर पूरा करेंगे। सीएम ने दिल्ली की जनता से कार पूलिंग, पटाखे व कूड़ा न जलाने और प्रदूषण की सूचना ग्रीन दिल्ली एप पर देने की अपील की है। दिल्ली सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि एक्यूआई बढ़ने के कारण सोमवार शाम से दिल्ली में ग्रैप-1 को लागू किया गया है। इस संबंध में मंगलवार को मैंने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली सरकार के संबंधित सभी विभागों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा मीटिंग की। बैठक में पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, दिल्ली मेट्रो, राजस्व विभाग, उद्योग विभाग,एनएचएआई, बिजली विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में ग्रैप-1 के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा की गई।मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में इस साल 1 जनवरी से 12 अक्टूबर तक 200 दिन हवा (एक्यूआई) अच्छे स्तर पर रही है। यह पिछले कई सालों की तुलना में बेहतर है। दिल्ली में इस साल दिल्ली वालों के प्रयासों और प्रदूषण रोकथाम के दिल्ली सरकार के प्रयासों की बदौलत बेहतर एयर क्वालिटी मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले 1-2 दिन में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। 13 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 224 के स्तर पर पहुंच गया और 14 अक्टूबर को यह 234 पर पहुंच गया। यानी की पिछले 2 दिन से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सीएम आतिशी ने कहा कि ग्रैप-1 के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्माण साइटों पर धूल की रोकथाम है। इस बाबत डीपीसीसी की 33 टीमें, राजस्व विभाग की 33 टीमें और उद्योग विभाग की भी 33 टीमें बनाई गई है। यह सभी 99 टीमें रोजाना प्राइवेट और सरकारी निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण कर धूल प्रदूषण की रोकथाम के जारी नियमों के पालन का जायजा लेंगी। यह टीमें रोजाना अपने निरीक्षणों की रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजेंगी। सीएम ने कहा कि एमसीडी को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट (सीएनडी वेस्ट) के निपटान को लेकर खास निर्देश दिए गए है। सीएनडी वेस्ट भी हवा की गुणवत्ता को ख़राब करता है। एमसीडी द्वारा सीएनडी वेस्ट को हटाने के लिए दिन में 79 टीमें और रात में 75 टीमें काम करेंगी। साथ ही ओपन बायोमास वेस्ट बर्निंग रोकने के लिए एमसीडी द्वारा दिन में 116 टीमें और रात में भी 116 टीमें तैनात की जाएंगी। ताकि किसी भी प्रकार की ओपन बर्निंग न की जाए।उन्होंने कहा कि सड़कों पर उड़ने वाली धूल का एक महत्वपूर्ण कारण सड़कों का टूटा होना है। इसके लिए युद्ध स्तर पर पीडब्ल्यूडी के 1400 किमी सड़कों के रिपेयर का काम चल रहा है। साथ ही डीएमआरसी और एनसीआरटीसी के अंतर्गत आने वाली सड़कों की रिपेयरिंग के लिए 30 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया है। एमसीडी भी अपनी सड़कों का मरम्मत करवा रही है। इनके अलावा सड़कों पर मौजूद धूल को उड़ने से रोकने के लिए इस सीजन में एंटी स्मॉग गन तैनात किए जाते हैं। सीएम आतिशी ने कहा कि बैठक में निर्देश दिए गए कि पीडब्ल्यूडी अपनी सड़कों और प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट्स पर 200 एंटी स्मॉग गन तैनात करे। जबकि डीएमआरसी अपने निर्माण साइटों पर 80, एमसीडी 30 और आरआरटीएस 14 एंटी स्मॉग तैनात करेगा।  सीएम आतिशी ने कहा कि ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित कर वहाँ अतिरिक्त पुलिस कर्मी तैनात किए जाए। क्योंकि त्यौहारों के सीजन में सड़कों पर आवाजाही ज्यादा होती है और ट्रैफिक देखने को मिलता है। इन सबके अलावा यदि ट्रैफिक पुलिस को दिल्ली सरकार के होम गार्ड की ज़रूरत है तो बुधवार तक दिल्ली पुलिस इस बाबत दिल्ली के गृह विभाग की सूचित करे और फिर गृह विभाग द्वारा ट्रैफ़िक जाम लगने वाले प्वाइंट्स पर होम गार्ड तैनात किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जनरेटर के इस्तेमाल पर रोकथाम लगाई जाएगी। खासतौर पर बैंक्वेट हॉल में यह देखा जाता है कि वहाँ बिजली के अस्थाई कनेक्शन की जगह डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रदूषण बढ़ने के इस समय में कहीं भी डीजल जनरेटर का इस्तेमाल न हो, इसलिए बिजली विभाग अपनी टीमें तैनात करेगी। साथ ही बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अगले तीन महीने तक, जब तक प्रदूषण ज्यादा होता है, बिजली कंपनियों से बात कर बिजली के अस्थाई कनेक्शन के चार्ज भी कम किया जाए। सीएम आतिशी ने कहा कि, सरकार एक जागरूकता कार्यक्रम चलायेगी, जिसमें दिल्ली के लोगों को कार पूलिंग करने, दीपावली पर पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील की जाएगी। साथ ही सभी आरडब्ल्यूए से अपील की जाएगी कि वो सिक्योरिटी गार्ड्स को इलेक्ट्रिक हीटर दे, ताकि लकड़ियां न जलाई जाए। दिल्ली सरकार प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए प्रतिबद्ध है। मेरी दिल्ली के लोगों से अपील है कि सिर्फ सरकार प्रदूषण नहीं रोक सकती है। जबतक दिल्ली के लोग साथ मिलकर आगे नहीं आएंगे, तबतक प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकेगा। इसलिए दिल्ली के लोग कार पूल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, दीपावली में पटाखे न जलाएं, कहीं भी कूड़ा न जलाएं और कहीं भी प्रदूषण होता देखें तो ग्रीन दिल्ली एप पर सूचित करें।
इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार पहले से ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है। सरकार ने दिल्ली में ग्रीन वॉर रूम का संचालन शुरू कर दिया है और ग्रीन दिल्ली एप भी लॉन्च किया है। दिल्ली में पराली की घटनाओं को कम करने के लिए बायो डी-कम्पोजर का छिड़काव किया जा रहा है। चूंकि यह पूर्वानुमान था कि हवा की गति कम होने, बारिश बंद होने और तापमान कम होने पर मौसम के विपरीत होने से प्रदूषण बढ़ने लगता है। इसलिए, एक्यूआई 200 के पार जाने के बाद ग्रैप का पहला चरण लागू किया गया है। इसे और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए मंगलवार को सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं।गोपाल राय ने कहा कि हमें यह भी समझना जरूरी है कि दिल्ली के अंदर का प्रदूषण केवल दिल्ली का नहीं है। दिल्ली के चारों ओर से आने वाला प्रदूषण भी इसमें बढ़ोतरी करता है। दिल्ली के लोगों को बाहरी प्रदूषण का अधिक सामना करना पड़ता है। इसलिए जब समस्या सामूहिक है, तो समाधान भी सामूहिक होना चाहिए। इसी कारण सीएक्यूएम ने ग्रैप के जो नियम जारी किए हैं, वह दिल्ली के साथ- साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों में भी लागू होना चाहिए। लेकिन हम देखते हैं कि दिल्ली सरकार हर बार आगे बढ़कर इसे लागू करने के लिए काम करती है, जबकि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में इसको सख्ती से लागू नहीं किया जाता है।गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार है, लेकिन दिल्ली के चारों तरफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। दिल्ली चारों तरफ से भाजपा की सरकारों पर निर्भर है। अब लगातार एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है। मैं भाजपा की सभी सरकारों से निवेदन करता हूं कि जिस तरह दिल्ली में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक करके ग्रैप को लागू करने के लिए रणनीति बनाई गई है, उसी तरह केंद्र सरकार हमारे दिल्ली एनसीआर के तहत आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की भी बैठक सुनिश्चित करे और ग्रैप के लागू करने पर फोकस किया जाए।गोपाल राय ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर ग्रैप में ईंट-भट्ठों से होने वाले प्रदूषण का जिक्र है। लेकिन जब तक पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सरकार इसे लेकर सक्रिय नहीं होगी, तब तक दिल्ली सरकार इसे लागू नहीं कर सकती है। आज हम दिल्ली में 24 घंटे पावर सप्लाई दे रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद और गुरुग्राम में नहीं मिल रही है। इसलिए लोग वहां जनरेटर चलाते हैं और इसका प्रदूषण दिल्ली में आता है। डस्ट और पराली का प्रदूषण भी हमें झेलना पड़ता है।गोपाल राय ने आगे कहा कि भाजपा के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि पंजाब में पराली जल रही है। गोपाल राय ने केंद्र सरकार के आईएआरआई विभाग के डेटा का हवाला देते हुए कहा कि एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का 1 से 14 अक्टूबर का डेटा बताता है कि इस दौरान 2023 में पंजाब में 1105 पराली जलने की घटनाएं हुई थीं, जो इस साल घटकर 811 हो गई हैं। वहीं, हरियाणा में पिछले साल पराली की 341 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गई हैं। दूसरी तरफ, पिछले साल उत्तर प्रदेश में इन 15 दिनों के अंदर पराली जलाने की कुल 244 घटनाएं थीं, जो इस बार बढ़कर 417 हो गई हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि जहां एक तरफ पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में यह घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह हमारा डेटा नहीं है, बल्कि यह केंद्र सरकार का दैनिक डेटा है। 
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा के लोग पंजाब का नाम लेकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे दिल्ली के लोगों को तकलीफ हो रही है। हमें सबका सहयोग चाहिए। दिल्ली में हमारी सरकार पूरी सक्रियता से मिलकर काम करेगी। इसी तरह भाजपा की सभी सरकारों को भी मिलकर काम करना पड़ेगा, तभी इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।

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