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फरीदाबाद स्वास्थ्य हाइलाइट्स

फरीदाबाद:प्रोस्टेट कैंसर, जो कभी युवा पुरुषों में दुर्लभ था, अब 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में अधिक पाया जा रहा है


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: कैंसर जागरूकता माह के एक भाग के रूप में, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स युवा आबादी को प्रभावित करने वाले प्रोस्टेट कैंसर की बढ़ती चिंता पर प्रकाश डालता है। प्रोस्टेट कैंसर, जो आमतौर पर बुजुर्ग पुरुषों में देखा जाता है, अब 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में भी पाया जा रहा है, जिससे यह प्रोएक्टिव (सक्रिय) जागरूकता फ़ैलाने, शीघ्र जांच करने और समय पर डायग्नोसिस (निदान) करने की आवश्यकता पर जोर देता है। हॉस्पिटल में यूरोलॉजी विभाग का नेतृत्व करने वाली टीम का नेतृत्व यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के चेयरमैन एवं एचओडी डॉ. राजीव सूद कर रहे हैं।इस वर्ष, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स युवा पुरुषों के बीच जागरूकता पर जोर दे रहा है, यह एक ऐसा ग्रुप है जो अक्सर प्रोस्टेट स्वास्थ्य के बारे में कम ही सोचता है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स का उद्देश्य लोगों को शुरुआती लक्षणों को पहचानने, जोखिम कारकों को समझने और नियमित जांच की भूमिका के महत्व के बारे में शिक्षित करना है।प्रोस्टेट ब्लैडर (पेशाब की थैली) के ठीक नीचे और मलाशय के सामने स्थित होता है। यह मूत्रमार्ग के हिस्से के चारों ओर होती है, जो पेशाब और सीमन को शरीर से बाहर ले जाने वाली नली है। प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो प्रोस्टेट में होता है। प्रोस्टेट पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जो सीमन का उत्पादन करती है, जो स्पर्म (शुक्राणुओं) को पोषण देती है और ट्रांसपोर्ट करती है। यह पुरुषों में होने वाले कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक है। प्रोस्टेट कैंसर तब होता है जब प्रोस्टेट में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। अधिकांश मामलों में, यह धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है और शुरुआत में इसके कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते। हालांकि, कुछ रूप आक्रामक होते हैं और शरीर के अन्य भागों, जैसे हड्डियों और लिम्फ नोड्स में तेजी से फैल सकते हैं। 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है। रोग के अधिक आक्रामक रूप के साथ, इस बात पर बल दिया जाता है कि यदि इसका समय पर पता चल जाए तो इसका प्रभावी ढंग से नियंत्रण किया जा सकता है, क्योंकि यह अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है।
एचओडी – यूरोलॉजी एंव किडनी ट्रांसप्लांट विभाग, के चेयरमैन डॉ. राजीव सूद ने कहा, “अक्सर प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण शुरुआती चरण में सामने नहीं आते हैं जिससे नियमित जांच अत्यंत आवश्यक हो जाती है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनका पारिवारिक इतिहास या जीवनशैली से संबंधित जोखिम कारक हों। हम युवा लोगों में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं, जो पहले 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों से संबंधित माना जाता था। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले 35 से 44 वर्ष की आयु के युवा पुरुषों में कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है। शीघ्र पता लगने से उपचार के परिणामों में महत्वपूर्ण अंतर आ सकता है और युवा पुरुषों को यह समझना होगा कि वे इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। उन्हें बार-बार पेशाब आना, पेल्विक एरिया (पेट और जांघों के बीच का हिस्सा) में असुविधा और मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन जैसे लक्षणों की पहचान करने के लिए अपनी जागरूकता बढ़ाना चाहिए। ये पहल सामुदायिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सभी आयु समूहों में बढ़ती कैंसर चिंताओं को दूर करने के लिए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स की दायित्व का हिस्सा हैं।”डॉ. राजीव सूद कहते हैं, “प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती जांच से युवा पुरुषों में डायग्नोसिस (निदान) में वृद्धि हो सकती है। नियमित प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) टेस्ट और जांच के माध्यम से पुरुष अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रख सकते हैं और रोग के बढ़ने की संभावना को कम कर सकते हैं। मल्टी पैरामेट्रिक एमआरआई और नए प्रोस्टेट कैंसर-स्पेसिफिक पीईटी स्कैन के साथ प्रोस्टेट की इमेजिंग से डायग्नोसिस, स्टेजिंग (अवस्था निर्धारण) और ट्रीटमेंट संबंधी निर्णय लेने में भी मदद मिलती है। समय पर डायग्नोसिस (निदान) होने से सर्जरी, हार्मोनल थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे सही ट्रीटमेंट शुरू करने में मदद मिल सकती है। सभी प्रोस्टेट कैंसर रोगियों,  विशेषकर युवा रोगियों में वंशानुगत आनुवंशिक म्युटेशन की जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है।” फैसिलिटी डायरेक्टर,सत्यम धीरज  कहते हैं, “प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जब हम एक समुदाय के रूप में एकजुट होकर इस कठिन सफ़र का सामना कर रहे बहादुर पुरुषों और परिवारों को मदद करने के लिए आगे आएं। जागरूकता, मदद और रिसर्च के माध्यम से, हम प्रोस्टेट कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं, जहां कोई भी व्यक्ति इस रोग के बारे में पर्याप्त जानकारी और उसके लिए उपलब्ध उपचार समाधानों से वंचित न रहे। मल्टीडिसिप्लिनरी टीम, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और एडवांस्ड डायग्नोस्टिक उपकरणों के साथ, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स शीघ्र निदान और व्यापक देखभाल के साथ प्रोस्टेट कैंसर से निपटने के लिए तैयार है। कैंसर जागरूकता माह के दौरान हॉस्पिटल की पहल का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, शीघ्र इलाज प्रदान करने का समर्थन करना और युवा पुरुषों के बीच इस स्वास्थ्य समस्या से निपटने के लिए एक मजबूत तरीका प्रदान करना है।”विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में प्रोस्टेट कैंसर से 37,948 भारतीय पुरुष प्रभावित हुए – जो देश में पंजीकृत 14 लाख नए कैंसर मामलों का लगभग 3 प्रतिशत है। प्रोस्टेट कैंसर पर लैंसेट आयोग ने हाल ही में बताया कि दुनिया भर में प्रोस्टेट कैंसर के नए मामलों की संख्या 2020 और 2040 के बीच दोगुनी होने की उम्मीद है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि विश्व स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 85% बढ़कर लगभग 700,000 हो जाएगी, जिनमें से अधिकांश मौतें विकासशील देशों के पुरुषों में होंगी। 

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