अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:वैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करते हुए, दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की अध्यक्षता की और 33 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने की सिफारिश की। यह प्रस्ताव अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजा गया है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), महानिदेशक (जेल), प्रमुख सचिव (कानून), प्रधान जिला न्यायाधीश, विशेष पुलिस आयुक्त और समाज कल्याण निदेशक सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।एक बयान में, दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “सजा समीक्षा बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक मामले को उसके इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर गहनता से विचार किया है। वैसे कैदी जिनमें कारावास के दौरान वास्तविक सुधार और पश्चाताप दिखा है, उनकी समयपूर्व रिहाई के द्वारा हम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक और मौक़ा देना चाहते हैं। इसके साथ ही इससे जेल पर बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी।”बैठक के दौरान एसआरबी ने कुल 205 मामलों की समीक्षा की, जिनमें से 33 मामलों में समय से पहले रिहाई की सिफारिश की गई। मुख्यमंत्री के माध्यम से यह प्रस्ताव अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेजा गया है।
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