अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर दिल्ली सरकार गंभीर है। इस बाबत सीएम आतिशी ने संबंधित विभागों के अफसरों को ग्रेप-4 की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। दिल्ली में ग्रैप-IV की पाबंदियों के पालन के लिए सीएम आतिशी की मंजूरी मिली है और फाइल अप्रूवल के लिए एलजी को भेजी गई है। इस बाबत साझा करते हुए पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली में ग्रेप के चौथे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। सभी संबंधित विभागों के साथ मीटिंग कर उनको सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं,ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।उन्होंने कहा कि आज प्रदूषण की गंभीर परिस्थिति के कारण बुजुर्गों को काफी तकलीफ हो रही है। बच्चों के स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं। आज उत्तर भारत के अंदर बहादुरगढ़ में ए.क्यू.आई.477, भिवानी में 468, चूरू में 472, गुरूग्राम में 448, धारूहेरा में 410 ए.क्यू.आई. हो गया है। पूरे उत्तर भारत में बदलते मौसम में प्रदूषण का प्रभाव मारक होता जा रहा है। पूरा उत्तर भारत गंभीर प्रदूषण की चपेट में है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. देश का आधा हिस्सा प्रदूषण की चपेट में है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहल करके सभी राज्यों के साथ मिलकर के काम करने का समय है।गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में ग्रेप-4 लागू हो चुका है जिसके अंतर्गत दिल्ली में बड़े ट्रक, बीएस-4 के डीजल वाहन की एंट्री पर प्रतिबंध तथा सभी तरह के निर्माण एवं विध्वंश की गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंद्ध लगा दिया गया है।सिर्फ सी एन जी /इलेक्ट्रिक/बी एस -6 डीज़ल और आवश्यक वस्तुओं/ सेवाएं प्रदान करने वाली कॉमर्शियल वाहनों को छूट रहेगी। सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है केवल 10 वीं और 12वीं के छात्रों के लिए ही स्कूल खुलेंगे। उनको मास्क देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया गया है की वह एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करे ताकि प्रदूषण संबंधित मरीजों को इलाज किया जा सके। गोपाल राय ने कहा कि हम सब लोग इस बात को जानते हैं कि इसमें पराली का एक महत्वपूर्ण फैक्टर रहा है। पंजाब में जब आम आदमी पार्टी की सरकार 2022 में बनी तो उस समय 15 अक्टूबर से 17 नवम्बर के बीच पराली जलने की कुल 47 हजार घटनाएं रिपोर्ट हुई थी। पंजाब की सरकार ने बहुत काम किया और इसका परिणाम यह हुआ कि 2024 में 15 अक्टूबर से 17 नवम्बर के बीच पराली जलाने की की केवल साढ़े सात हजार घटनाएं हुई हैं। जबकि इसी दौरान उत्तर प्रदेश में 2022 में पराली जलाने की कुल डेढ़ हजार घटनाएं हुई थी जो आज बढ़कर ढाई हजार हो गई है। एक तरफ हमने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 80 प्रतिशत की कमी लाने में सफल हुए हैं वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।गोपाल राय ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार ने जिम्मेदारी लेते हुए सभी संबंधित राज्यों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य योजना बनाई होती आज दिल्ली के लोगों तथा पूरे उत्तर भारत के लोगों को यह दिन नहीं देखना पड़ता । मैंने अगस्त के महीने में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस बाबत पत्र भेजा था आज ढाई महीने हो गए। मैंने आग्रह किया था कि वह सभी संबंधित केंद्रीय एजेंसियों, राज्यों, दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर यह कार्य योजना बनाएं जिससे के आज की परिस्थितियों को देखते हुए जब हवा की गति कम होने और ठंड बढ़ने से स्मॉग की चादर बन जाता है तो उसे तोड़ने के लिए कृत्रिम वर्षा कराई जा सके। लेकिन आज ढाई महीने बीतने के बाद भी एक बैठक बुलाने का समय नहीं मिला।उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है। आज ग्रेप-4 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग कर यह आदेश जारी किया है कि है ग्रेप-4 के नियमों को लागू करवाने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से आग्रह करना चाहता हॅूं कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ मिल कर सार्थक पहल करे और जो भी आवश्यक कदम हैं उसको उठाए ताकि पूरे उत्तर भारत के लोगों के सांस की रक्षा की जा सके।
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