Athrav – Online News Portal
जरा हटके टेक्नोलॉजी पलवल हाइलाइट्स

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्क्रैप से बनाया दिव्यांगों के लिए ई व्हीकल, वर्ल्ड डिसएबिलिटी डे पर किया लॉन्च


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
पलवल: वर्ल्ड डिसेबिलिटी डे के अवसर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में दिव्यांगों के लिए “अष्टावक्र 2.0” लॉन्च किया गया। स्क्रैप से बना यह ई व्हीकल दिव्यांगों के लिए सड़क से लेकर ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी काफी कारगर होगा। इसे चार पहियों के साथ डिजाइन किया गया है ताकि यह खराब रास्तों पर भी संतुलित रहे। कुलपति डॉ. राज नेहरू और एनआईटी दिल्ली के डीन प्रोफेसर उज्ज्वल कल्ला ने “अष्टावक्र 2.0” लॉन्च किया और इसे बनाने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।  “अष्टावक्र 2.0” को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विद्यार्थियों ने डिजाइन और फेब्रिकेट किया है। इस पर महज 35 हजार रुपए की लागत आई है और यह अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है। यह रिवर्स भी चलने में सक्षम है ताकि दिव्यांग व्यक्ति को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

दिव्यांगों के लिए बनाए गए इस ई व्हीकल के लिए गुरुग्राम के उत्सव फाउंडेशन ने 15 हजार रुपए की राशि दी है। उत्सव फाउंडेशन के प्रतिनिधि वीरेंद्र ठाकुर को कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बधाई दी। प्रोफेसर उज्ज्वल कल्ला ने इस ई व्हीकल को दिव्यांगों के लिए बहुत उपयोगी बताया और इसमें नए फीचर जोड़ने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों से ई व्हीकल के क्षेत्र में नवाचार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह उभरता क्षेत्र है और ई व्हीकल निर्माण के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। विद्यार्थी कंडम हुए पुराने वाहनों से इस तरह के प्रोजेक्ट तैयार कर सकते हैं। यह दिव्यांगों के लिए और आम व्यक्तियों के लिए भी सस्ते आए कारगर साबित होंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को डिजाइनिंग से लेकर फेब्रिकेशन तक काफी कुछ सीखने को मिलता है। इससे उनको जॉब रेडी बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डिसेबिलिटी शरीर में नहीं बल्कि दिमाग में होती है। हौसले के बल पर हम कुछ भी करने में सक्षम होते हैं।  उन्होंने यह प्रॉजेक्ट बनाने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर गौरव और इसे बनाने वाले विद्यार्थियों दिलीप, विनय, अफसर, मोहित और संदीप को बधाई दी। प्रोफेसर उज्ज्वल कल्ला ने कहा कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी दुनिया की सबसे बड़ी संपत्ति है। हमें हर रोज नए-नए स्किल सीखने चाहिएं। दूसरों से तकनीक सीखें और सिखाएं, यह बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विश्वविद्यालय में हो रहे नवाचारों पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से शोध करने का आह्वान किया। इंजीनियरिंग के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव ने नए प्रोजेक्ट के विषय पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। स्किल डिपार्टमेंट ऑफ ऑटोमोटिव के चेयरमैन डॉ. संजय राठौर ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह और विद्यार्थियों को बधाई दी। डॉ. प्रीति ने मंच संचालन किया।इस अवसर पर प्रोफेसर ए के वातल, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, डॉ. समर्थ सिंह, मोहम्मद सालिम, दिनेश यादव, डॉ. संजय, दुर्गेश गुप्ता, बृजेश पोसवाल और जगबीर सिंह सहित कई अन्य शिक्षक और इंस्ट्रक्टर भी उपस्थित थे। 

Related posts

चंडीगढ़: मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अति गरीब परिवारों के बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा-मनोहर लाल

Ajit Sinha

लुटेरों ने डिलीवरी ब्वाय से छीना खाना तो फूट-फूटकर रोने लगा ‘ फिर कोरोना वॉरियर को लगाया गले: देखें वीडियो

Ajit Sinha

ब्रेकिंग न्यूज़: 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल : मनीष सिसोदिया

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x