अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, हिसार को एक उपभोक्ता के मीटर परिवर्तन आदेश (एमसीओ) को अपडेट करने में हुई अनावश्यक देरी के मामले में 1,000 रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिये हैं। आयोग के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि चरखी दादरी जिले के निवासी संजीव कुमार ने अपने बिजली मीटर में अचानक खराबी के कारण गलत बिलिंग के संबंध में आयोग से संपर्क किया था।प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण ने आयोग को बताया कि तत्कालीन एएफएम राजेंद्र द्वारा 27 अप्रैल, 2023 को मीटर को बदल दिया गया था।
जबकि, मीटर रिप्लेसमेंट को सिस्टम में 10 अप्रैल, 2024 को दर्ज किया गया, जिसके लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि अब उपभोक्ता की शिकायत का पूरी तरह से निवारण कर दिया गया है। हालांकि, व्यवस्थागत बाधाओं के कारण, 10 अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाली अवधि के लिए शुरुआती रीडिंग शून्य दर्ज की गई थी। 885 रुपये के समायोजन की गणना करते समय इस विसंगति को मैन्युअल रूप से ठीक किया गया था जो 5 अक्तूबर, 2024 के बिल में दर्शाया हुआ था।
इसलिए, इस संशोधन में कोई समस्या लंबित नहीं है। लेकिन फिर भी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मीटर परिवर्तन आदेश (एमसीओ) को अपडेट करने में लगभग एक वर्ष की देरी हुई। इस देरी के कारण उपभोक्ता को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।आयोग ने हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17 (1) (एच) के तहत निहित अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपभोक्ता को 1,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसे डीएचबीवीएन द्वारा अपने फंड से भुगतान किया जाएगा और कानून के अनुसार दोषी अधिकारी राजेंद्र, तत्कालीन एएफएम से वसूला जाएगा।
आयोग ने कहा कि हालांकि, डीएचबीवीएन जांच करने और इस राशि को उपभोक्ता से या चूक के लिए जिम्मेदार किसी अन्य व्यक्ति से वसूलने के लिए स्वतंत्र है। चरखी दादरी के एक्सईएन को 25 जनवरी, 2025 तक आयोग को आदेश के अनुपालन की सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।
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