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दिल्ली राष्ट्रीय हाइलाइट्स

केंद्र और “आप” सरकार मिलकर रविवार को दिल्ली-एनसीआर को नई मेट्रो लाइन और आरआरटीएस की सौगात देगी – सीएम आतिशी


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में  “आप” सरकार दिल्ली के अंदर  इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने को लेकर गंभीर है। दिल्ली की सीएम आतिशी ने बताया कि रविवार को केंद्र सरकार और दिल्ली की “आप” सरकार मिलकर दिल्ली- एनसीआर को नई मेट्रो लाइन और आरआरटीएस की सौगात देने जा रही है। रविवार को दिल्ली मेट्रो फेज-4 के रिठाला-कुंडली कॉरिडोर का शिलान्यास और जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन का उद्घाटन किया जाएगा। जब कि न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच आरआरटीएस लाइन का उद्घाटन होगा।

वहीं, दिल्ली- अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में “आप” की सरकार में  200 किमी मेट्रो लाइन बनीं और 250 किमी से ज़्यादा मेट्रो लाइन निर्माणाधीन है। 2015 से अब तक हमने मेट्रो विस्तार के लिए 7,278 करोड़ रुपए निवेश किया है, जबकि आरआरटीएस में 1,260 करोड़ रुपए दिए हैं।सीएम आतिशी ने कहा कि रविवार को दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में एक अहम दिन है। क्योंकि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार जिस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे हैं, उन दो महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन होने वाला है। रविवार को दिल्ली मेट्रो की रिठाला से कुंडली कॉरिडोर, जो फेज 4 में आता है, उसका शिलान्यास किया जाएगा।

तो वहीं मेट्रो की मजेंटा लाइन का जनकपुरी वेस्ट से कृष्णापुरी पार्क तक एक्सटेंशन का उद्घाटन किया जाएगा। रविवार से वह मेट्रो लाइन काम करना शुरू कर देगी।सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार का संयुक्त उद्यम है। इसमें केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की 50-50 फीसद की भागीदारी है। 2014-15 से जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से मेट्रो के काम ने बहुत गति पकड़ी है। 2014-15 में दिल्ली में कुल मेट्रो की लाइन 193 किलोमीटर होती थी। मात्र दस साल में मेट्रो लाइन दोगुनी हो गई और 2024-25 में 193 किलोमीटर से बढ़कर 393 किलोमीटर बन गई। यानी इन दस सालों में 200 किलोमीटर मेट्रो लाइन का विस्तार हुआ।

और न केवल 200 किलोमीटर की मेट्रो लाइन बनी है, बल्कि 250 किलोमीटर मेट्रो की लाइन पर वर्तमान में काम चल रहा है। पिछले 10 सालों में बड़े पैमाने पर दिल्ली मेट्रो का विस्तार हुआ है, जितना उससे पहले 18-19 साल में कभी नहीं हुआ। इसका असर हम मेट्रो की सवारी पर देख सकते हैं। सीएम आतिशी ने कहा कि जहां 2014-15 में रोजाना करीब 24 लाख यात्री दिल्ली मेट्रो से सफर किया करते थे, अब हर रोज 60 लाख से ज्यादा यात्री दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं। 2015 से लेकर 2025 तक दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो में 7,278 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसके विस्तार में, नई लाइन बनाने में, नए कोच लाने में पैसे खर्च किए हैं। इस दिल्ली मेट्रो के विस्तार के तहत पिछले 10 सालों में दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल में रेड लाइन का विस्तार हुआ।मिलेनियम सिटी गुरुग्राम से समयपुर बादली तक पीली लाइन का विस्तार हुआ। 2019 में ब्लू लाइन की नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक का विस्तार हुआ। 2018 में सिटी पार्क, बहादुरगढ़ से मुंडका तक ग्रीन लाइन की शुरुआत हुई। कश्मीरी गेट से राजा नाहर सिंह स्टेशन तक वायलेट लाइन की शुरुआत हुई। सबसे पहला कॉरिडोर 2015 में मंडी हाउस से आईटीओ बना। इसके बाद बदरपुर से एस्कॉर्ट, आईटीओ से कश्मीरी गेट, एस्कॉर्ट से राजा नाहर सिंह, जो बल्लभगढ़ के हिस्से में है। पिंक लाइन बनी, जिसमें मजलिस पार्क से साउथ कैंपस,साउथ कैंपस से लाजपत नगर,त्रिलोकपुरी से शिव विहार, लाजपत नगर से मयूर विहार पॉकेट-1। साउथ दिल्ली को ईस्ट दिल्ली से कनेक्ट किया गया।सीएम आतिशी ने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में मजेंटा लाइन भी बनी, जिसमें बॉटेनिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर और कालकाजी मंदिर से जनकपुरी वेस्ट को जोड़ा गया। ग्रे लाइन बनी, जहां द्वारका से नजफगढ़ और नजफगढ़ से ढांसा बस स्टैंड का विस्तार हुआ। अभी हाल ही में एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के विस्तार में द्वारका सेक्टर 21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 में मेट्रो का विस्तार हुआ है।सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो का जितना विस्तार पिछले 10 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार में हुआ, उतना विस्तार पहले कभी नहीं हुआ। जब मेट्रो की रफ्तार बढ़ती है, लोगों की आवाजाही की रफ्तार बढ़ती है, तो दिल्ली की अर्थव्यवस्था बढ़ती है। यही कारण है कि दिल्ली का जीएसडीपी लगातार बढ़ रहा है और यहां लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है।सीएम आतिशी ने कहा कि रविवार को इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) का भी उद्घाटन है। एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन), जिसका कुछ हिस्सा यूपी, हरियाणा और राजस्थान में है। यह एनसीआर दिल्ली के आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो सोनीपत, बल्लभगढ़, नोएडा या फरीदाबाद में रहते हैं, लेकिन दिल्ली आकर काम करते हैं। वैसे ही दिल्ली में कई ऐसे लोग हैं जो रहते दिल्ली में हैं, लेकिन नौकरी करने के लिए गुरुग्राम, नोएडा या ग्रेटर नोएडा जाते हैं। इसलिए इस आरआरटीएस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी की राज्य सरकारों ने मिलकर फंड किया है। दिल्ली सरकार ने इस आरआरटीएस में 1,260 करोड़ रुपए दिए हैं। आरआरटीएस में अभी तीन कॉरिडोर को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर, दिल्ली-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल हैं। दिल्ली मेरठ कॉरिडोर का एमओयू साइन हो चुका है। हमारी सरकार ने इसके लिए 1,260 करोड़ रुपए की फंडिंग दी है। वहीं, दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर को दिल्ली सरकार की कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है।सीएम आतिशी ने कहा कि आरआरटीएस जो केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी की राज्य सरकारों का संयुक्त उद्यम है। रविवार को आरआरटीएस के पहले हिस्से का उद्घाटन होगा। इसमें पहली लाइन साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक इस आरआरटीएस लाइन की शुरुआत की जाएगी। मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मिलकर दिल्ली मेट्रो और आरआरटीएस दोनों प्रोजेक्ट्स को फंड कर रही हैं। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर से दिल्ली के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुझे खुशी है कि रविवार को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों मिलकर दिल्ली मेट्रो की नई लाइन और आरआरटीएस की नई लाइन का उद्घाटन कर रहे हैं।

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