अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस की उपलब्धियों में आज एक और उपलब्धि जुड़ गई। सड़क सुरक्षा एवं अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने आज करनाल स्थित सीसीटीवी कंट्रोल रूम से राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (अंबाला बॉर्डर से सोनीपत के कुंडली बॉर्डर तक) पर लगाए गए 128 सीसीटीवी कैमरों का उद्घाटन किया। अब इस राजमार्ग से गुजरने वाले सभी वाहन हरियाणा पुलिस की कड़ी निगरानी में रहेंगे और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के चालान अपने आप ही कट जाएंगे। यह सीसीटीवी कंट्रोल रूम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, यातायात एवं राजमार्ग के कार्यालय में स्थापित किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा यातायात नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हरियाणा पुलिस द्वारा यह ऐतिहासिक पहल शुरू की गई है। हरियाणा पुलिस ने इस राजमार्ग पर 19 स्थानों पर 128 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इनमें से 9 स्थानों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे तथा 10 स्थानों पर सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि एएनपीआर कैमरों को हरियाणा पुलिस के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है ताकि वाहनों का पूरा इतिहास प्राप्त किया जा सके।
कपूर ने बताया कि एनएच-44 पर 72 एएनपीआर, 38 सर्विलांस तथा 18 एविडेंस कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। इन कैमरों के शुरू होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि कैमरों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त वाहनों, चोरी के वाहनों आदि के बारे में अलर्ट स्वतः ही कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगा, जिसे आवश्यकतानुसार पुलिस थानों को भेजा जाएगा। श्री कपूर ने बताया कि हरियाणा के अब तक 10 जिलों में ऐसे कैमरे लगाए जा चुके हैं, जिनमें यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पानीपत, रोहतक, पंचकूला, गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा सोनीपत शामिल हैं। इसके अलावा, यातायात नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए गुरुग्राम जिले में ड्रोन के माध्यम से चालान भी काटे जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि 2023 के मुकाबले 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 657 की कमी आई है। इसके साथ ही, 2023 के मुकाबले 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में 279 कम लोग मारे जाएंगे तथा 432 कम लोग घायल होंगे। घातक सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में भी कमी देखी गई है, जो 2023 में 4652 से घटकर इस वर्ष 4389 रह गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.65% कम है। 2024 में हरियाणा पुलिस ने 2366 सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाए, जिसके माध्यम से 3 लाख 16 हजार 414 बच्चों व अन्य लोगों को जागरूक किया गया। इसी प्रकार, हरियाणा पुलिस लेन ड्राइविंग की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाती है, जिसके तहत लेन ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन करने वाले 3,86,266 वाहन चालकों के चालान किए गए हैं। सड़क सुरक्षा पर जानकारी देते हुए कपूर ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना में हरियाणा पुलिस ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को शुरुआती गोल्डन ऑवर में निशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रति सड़क दुर्घटना प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपये तक का उपचार निशुल्क प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस पायलट परियोजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा स्थानीय पुलिस और राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधित अस्पतालों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), नागरिक अस्पताल और कई अन्य निजी अस्पतालों के समन्वय से संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन अपने सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डाटा अपलोड कर संबंधित पुलिस थाने को भेजता है, जिसके बाद संबंधित पुलिस थाना 6 घंटे के भीतर पुष्टि करता है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल है या नहीं। पुष्टि होने के बाद घायल व्यक्ति को कैशलेस उपचार प्रदान किया जाता है। कपूर ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आम जनता को सड़कों को सुरक्षित बनाने में सहयोग करना चाहिए तथा निर्धारित गति सीमा में ही वाहन चलाना चाहिए। हरियाणा पुलिस आम जनता को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं व गतिविधियां आयोजित कर रही है, लोगों को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को वाहन चलाते समय मोबाइल फोन आदि का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। किसी व्यक्ति की जरा सी लापरवाही न केवल उसके लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती है।
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