अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:साइबर पुलिस स्टेशन उत्तर जिले ने आज शनिवार को दिल्ली पुलिस के ट्रैफिक पुलिस से बर्खास्त एक कॉस्टेबल को साइबर ठगी के मामले में अरेस्ट किया हैं। इसी मामले में वर्ष- 2021 में इसे अरेस्ट कर, नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था । इसके बाद भी ये बर्खास्त कॉस्टेबल वर्दी पहन कर आमजनों से साइबर ठगी करता था। इस पर अभी कुल पांच मुकदमे साइबर ठगी के दर्ज हैं , अरेस्ट आरोपित का नाम रोहित दलाल, निवासी मंधोठी तहसील बहादुरगढ़, जिला झज्जर हरियाणा, आयु-28 वर्ष हैं। इसने सट्टे के लत में पहले वेतन का सारा पैसा गवाया, फिर रिश्तेदारों और दोस्तों से पैसा कर्ज लिया , फिर साइबर ठगी की दुनिया में प्रवेश किया, पकड़ने जाने के बाद नौकरी गवाई, अब पहुंच गया जेल।
घटना:
राहुल कुमार सिंह निवासी मजनू का टीला सिविल लाइंस, दिल्ली से साइबर पुलिस स्टेशन उत्तर में एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति मजनू का टीला में उनके साइबर कैफे में आया था। उनसे नकद भुगतान के बदले में अपने फोन पे यूपीआई आईडी में 16,000 / – रुपये स्थानांतरित करने के लिए कुछ व्यक्तिगत अत्यावश्यकता दिखाने के बाद अनुरोध किया। शिकायतकर्ता ने अपने फोन पे यूपीआई आईडी से 16,000/- रुपये ट्रांसफर किए जिसके बाद कथित तौर पर रोहित ने बिना नकद भुगतान किए अपनी दुकान छोड़ दी। इसके बाद, एफआईआर संख्या- 72/2022 , दिनांक 30 जुलाई 2022, भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत साइबर पुलिस स्टेशन उत्तर में एक मामला दर्ज किया गया और जांच की गई।
संचालन:
जांच के दौरान, दुकान के सीसीटीवी फुटेज और यूपीआई आईडी विवरण का विश्लेषण किया गया। इलाके के ट्रैफिक पुलिस स्टाफ को भी आरोपी व्यक्ति के सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए। यूपीआई आईडी से जुड़े मोबाइल नंबर भी संबंधित बैंक से प्राप्त किए गए थे। सीडीआर के तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज की स्कैनिंग और मैनुअल जानकारी के आधार पर आरोपी की पहचान रोहित दलाल के रूप में हुई, उम्र-28 साल। यह भी पता चला कि इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में लिप्त होने के कारण आरोपी को 2021 में दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी को गत 29 जुलाई 2022 को हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया।
पूछताछ:
आरोपी रोहित से पूछताछ में खुलासा हुआ कि कैसे एक कांस्टेबल ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे का आदी हो गया और उसकी जिंदगी खराब कर दी। आरोपी ने खुलासा किया कि वह वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल हुआ था और जब वह बटालियन में तैनात था, तब उसे एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप ड्रीम 11 से परिचित कराया गया था। उसने शुरू में छोटी रकम पर दांव लगाना शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे उसे ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई।
वह अपना सारा वेतन सट्टेबाजी पर खर्च कर देता और जल्द ही उसकी बचत भी गायब हो जाती। फिर उसने आर्थिक तंगी दिखाकर अपने सहयोगियों और रिश्तेदारों से आर्थिक कर्ज मांगा और फिर कर्ज के पैसे भी गंवाए। कर्ज नहीं चुका पाने के कारण आरोपी साइबर ठगी में लिप्त था। इसके बाद उन्हें साल 2021 में ट्रैफिक पुलिस में तैनात रहने के दौरान सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्त होने के बाद भी वह पुलिस की वर्दी पहनता था और लोगों को ठगता था।
आरोपी व्यक्ति का विवरण:
• रोहित दलाल निवासी मंधोठी तहसील बहादुरगढ़, जिला झझर हरियाणा, आयु-28 वर्ष। (पहले पुलिस थानों अशोक विहार, आदर्श नगर, बाबा हरिदास नगर और जहांगीरपुरी, दिल्ली में दर्ज धोखाधड़ी के 05 मामलों में शामिल पाया गया)।