अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़;हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग पंचकूला में कार्यरत तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक शशिकांत पर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह जुर्माना आवेदक को सब्सिडी जारी करने में देरी करने और अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने के कारण लगाया गया है।प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता विपिन सरदाना ने ‘टैस्टिंग इक्विपमेंट असिस्टेंस‘ की सब्सिडी जारी न करने से सम्बंधित शिकायत 25 जुलाई 2023 को एमएसएमई विभाग पंचकूला में दी थी। इसके उपरांत विभाग द्वारा आवेदन पर बैंक खाता संबंधित जानकारी के विवरण को अपलोड करने की टिप्पणी दी गई, जिसके बाद आवेदक द्वारा 25 सितम्बर 2023 को सभी जरूरी दस्तावेज पूरे कर दिए गए।प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने जांच में पाया कि सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बावजूद विभाग द्वारा 4 जनवरी 2024 तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक शशिकांत द्वारा इस मामले को रोके रखने का कोई उचित कारण नहीं है तथा उन्होंने अपने कार्य में ढिलाई बरती, जिसका खामियाजा आवेदक को भुगतना पडा।उन्होंने बताया कि आयोग ने एमएसएमई विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक शशिकांत पर इस मामले में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जो उनके जुलाई माह के वेतन से काटा जाएगा। जिसमें से 5 हजार रुपये आवेदक को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे और 5 हजार रुपए राज्य खजाना में जमा करवाकर रसीद सहित आयोग को सूचित किया जाएगा।आयोग ने कहा कि यह सेवाएं छोटे व्यापारियों के व्यवसाय को सुद्दढ़ करने की दिशा में काम करती है। जब अधिकारियों का सेवाएं प्रदान करने के प्रति ऐसा रवैया होगा तो सरकार तथा उसकी जन कल्याणकारी योजनाओं पर आम जनता का विश्वास कैसे स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि आयोग समय-समय पर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करके आम जनता के हक की आवाज को उठाता है तथा आयोग का ऑटो अपील सिस्टम कल्याणकारी योजना को जन-जन तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाने में क्रांतिकारी योगदान दे रहा है।
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